OpenAI के ChatGPT को ट्रेनिंग देने वाले कर्मचारी कितना कमाते हैं?
आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) चैटबॉट ChatGPT इन दिनों खूब चर्चा में है। इसके लोकप्रिय होने की वजह इसके काम करने की बेहतरीन क्षमता है। ChatGPT अपने बड़े डाटाबेस और दी गई ट्रेनिंग के आधार पर काफी तेजी से काम करता है। ChatGPT जैसे AI मॉडल को ट्रेनिंग देने का काम AI के जानकार लोग करते हैं। हाल ही में एक रिपोर्ट में ChatGPT को ट्रेनिंग देने वालों को मिलने वाले चार्ज से जुड़ी जानकारी सामने आई है।
लेबलर्स को मिलते हैं 1,200 रुपये प्रति घंटे
ChatGPT को बनाने वाली कंपनी OpenAI ने अपने AI मॉडल को ट्रेनिंग देने के अमेरिका स्थित कांट्रैक्टर्स को काम पर रखा है। NBC न्यूज की एक रिपोर्ट के मुताबिक, इन ट्रेनर्स को पर्याप्त भुगतान नहीं किया जा रहा। बता दें कि ये ट्रेनर्स ChatGPT के लिए डाटा लेबलिंग का काम करते हैं, जो AI चैटबॉट की क्षमता में सुधार करने के लिए महत्वपूर्ण है। इन कॉन्ट्रैक्टर्स को उनके काम के लिए प्रति घंटे लगभग 1,200 रुपये दिए जाते हैं।
लेबल और प्रिडिक्शन के बिना नहीं हो सकता AI लैंग्वेज सिस्टम
NBC न्यूज ने OpenAI के एक कांन्ट्रैक्ट कर्मचारी अलेक्सेज सावरेक्स के हवाले से बताया कि वह AI लैंग्वेज मॉडल को ट्रेनिंग देता है जो AI सिस्टम को डाटा का विश्लेषण करना सिखाता है। इसी डाटा विश्लेषण क्षमता के जरिए ChatGPT बेहतरीन टेक्स्ट और इमेज जनरेट कर पाता है। सावरेक्स का काम AI की सटीकता बढ़ाने के लिए तस्वीरों को लेबल करना और प्रिडिक्शन करना है। उन्होंने बताया कि इसके बिना कोई AI लैंग्वेज सिस्टम होगा ही नहीं।
मॉडरेटर्स को मिलते हैं 700 रुपये
सावरेक्स ने बताया कि सभी तरह के न्यूरल नेटवर्क डिजाइन करने और सभी तरह के रिसर्चर्स की मदद लेने के बाद भी लेबलर्स के बिना ChatGPT कुछ भी नहीं है। सावरेक्स को उसके काम के बदले लगभग 1,200 रुपये प्रति घंटे वेतन मिलता है। AI मॉडल के लिए मॉडरेटर की भूमिका भी महत्वपूर्ण है। NCB के मुताबिक, मॉडरेटर्स को भी उनके काम के लिए पर्याप्त पैसा नहीं मिलता। मॉडरेटर्स को न्यूनतम वेतन लगभग 700 रुपये प्रति घंटा मिलता है।
अफ्रीका के कर्मचारियों को मिलते थे 160 रुपये प्रति घंटे
कंपनी ने पहले अपने AI मॉडल के लिए अफ्रीका से मॉडरेटर्स को आउटसोर्स किया था। अफ्रीका में मजदूरी की लागत कम होने और वहां सीमित लेबर कानूनों की वजह से कंपनी को सस्ते कर्मचारी मिल जाते थे। अफ्रीका के लोगों को लगभग 160 रुपये प्रति घंटे के हिसाब से वेतन दिया गया था। OpenAI ने ChatGPT के प्रभाव और इसकी क्षमता को बढ़ाने के लिए अमेरिका और पूर्वी यूरोप से 1,000 से अधिक फ्रीलांसरों को काम पर रखा है।