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कोरोना वायरस से लड़ने में देश की क्या मदद कर रहे IITs?

कोरोना वायरस से लड़ने में देश की क्या मदद कर रहे IITs?

Apr 01, 2020
02:41 pm

क्या है खबर?

पूरी दुनिया इन दिनों कोरोना वायरस (COVID-19) महामारी से जूझ रही है। भारत में भी इसके मामले लगातार बढ़ते जा रहे हैं और सरकार पूरी कोशिश कर इसका संक्रमण रोकने की कोशिश में जुटी है। सरकार ने इस संकट की घड़ी में तकनीकी समाधान के लिए इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (IIT) की मदद ली है। अलग-अलग IIT अपने-अपने समाधानों से इस महामारी से लड़ने के लिए सरकार और लोगों की मदद कर रही हैं।

तकनीकी समाधान

IIT गुवाहाटी ने बनाई PCR मशीन

IIT गुवाहाटी के शोधकर्ताओं ने पॉलीमरेस चेन रिएक्शन (PCR) मशीन बनाई है। इसकी मदद से 12 घंटों में 1,000 सैंपल चेक किए जा सकते हैं। IIT ने अभी तक दो ऐसी मशीनें गुवाहाटी मेडिकल कॉलेज में भेज दी है और बाकी पर काम जारी है। यहीं के छात्रों ने ऑटोमेटेड स्प्रेयर के साथ एक ड्रोन तैयार किया है, जो ऊंची इमारतों, पार्क और सड़क आदि को सैनिटाइज करने के काम आ सकता है।

तकनीकी समाधान

IIT गुवाहाटी में हो रहा वैक्सीन पर काम

IIT गुवाहाटी कोरोना वायस की वैक्सीन पर काम कर भी रहा है। IIT की तरफ से आधिकारिक बयान में कहा गया है कि फैकल्टी मेंबर बायो टेक्नोलॉजी टूल का इस्तेमाल करते COVID-19 के इलाज के लिए वैक्सीन तैयार कर रहे हैं। बयान में और कोई जानकारी नहीं दी गई है। यहां फेस शील्ड का प्रोटोटाइप तैयार किया गया है। इसे स्वास्थ्यकर्मी मुंह पर पहनते हैं। 3D प्रिंटर की मदद से तैयार इस फेस शील्ड को इस्तेमाल करना आसान है।

जानकारी

IIT मुंबई ने बनाई मोबाइल ऐप

IIT मुंबई ने कोरोंटाइन नाम से एक मोबाइल ऐप बनाई है, जो संक्रमित व्यक्ति को ट्रैक सकती है। यह ऐप समय-समय पर GPS कॉर्डेिनेट्स भेजती रहती है, जिससे ट्रेसिंग आसान हो जाती है।

तकनीकी समाधान

IIT दिल्ली ने बनाई सस्ती टेस्टिंग किट

IIT छात्रों ने टेस्टिंग किट तैयार की है, जिससे कोरोना वायरस के टेस्ट के दौरान आने वाली लागत को कम किया जा सकता है। फिलहाल इसका नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी (NIV) पुणे में क्लिनिकल ट्रायल चल रहा है। इसके अलावा यहां इंफेक्शन-प्रूफ फैब्रिक तैयार किया जा रहा है। इसका इस्तेमाल अस्पतालों में इंफेक्शन को फैलने से बचाने के लिए हो सकता है।

कोरोना वायरस

IIT दिल्ली और हैदराबाद ने बनाए हैंड सैनिटाइजर

IIT दिल्ली के केमिस्ट्री विभाग ने विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के मानकों के अनुरूप हैंड सैनिटाइजर तैयार किया है। यह कोरोना वायरस को मारने में पूरी तरह कारगर है। फिलहाल इसे कैंपस के अंदर इस्तेमाल किया जा रहा है। इसे बनाने के पीछे की कहानी आप यहां टैप कर पढ़ सकते हैं। दिल्ली की तरह IIT हैदराबाद के छात्रों ने भी हैंड सैनिटाइजर तैयार किया है। इसे भी WHO के मानकों के अनुरूप तैयार किया गया है।

तकनीकी समाधान

IIT कानपुर ने तैयार किया वेंटिलेटर प्रोटोटाइप

IIT कानपुर में नोक्का रोबोटिक्स नाम की कंपनी है। इस कंपनी ने वेंटिलेटर प्रोटोटाइप तैयार किया जिसकी फिलहाल टेस्टिंग चल रही है। यह बाजार में पहले से मौजूद वेंटिलेटर की तुलना में बेहद सस्ता है। वहीं IIT हैदराबाद ने वेंटिलेटर का विकल्प तैयार किया है। इस बैग वॉल्व मास्क को इमरजेंसी में मरीज को सांस देने के लिए किया जा सकता है। इसी तरह IIT खड़गपुर ने हैंड सैनिटाइजर तैयार किए हैं।