फांसी से पहले निर्भया के दोषियों के आखिरी घंटे कैसे बीते?
क्या है खबर?
फांसी पर लटकने से पहले निर्भया के चारों दोषियों ने बेचैनी से रात गुजारी। जेल अधिकारियों ने बताया कि तीन नंबर जेल की स्पेशल सेल में बंद चारों ने एकांत में अपनी रात गुजारी।
अक्षय, पवन, विनय और मुकेश समेत चारों को शुक्रवार सुबह 5:30 बजे फांसी दी गई। इसी के साथ सात साल के संघर्ष के बाद निर्भया के माता-पिता उसे इंसाफ दिला पाने में कामयाब हुए।
आइये, जानते हैं कि फांसी से पहले क्या-क्या हुआ?
मामला
अंतिम समय तक की गई फांसी से बचाने की कोशिश
चारों दोषियों की फांसी टलवाने के लिए उनके वकील गुरुवार देर रात को हाई कोर्ट और सुप्रीम कोर्ट गए थे, लेकिन उन्हें कहीं से राहत नहीं मिली। उसके कुछ घंटों बाद ही चारों को फांसी पर लटका दिया गया।
एक अधिकारी ने बताया कि चारों दोषियों ने जेल प्रशासन को अपनी कोई अंतिम इच्छा नहीं बताई।
चारों दोषी सुबह लगभग 3:30 बजे उठे थे, तब तक यह तय हो गया था कि इस बार उनकी फांसी टलेगी नहीं।
सुरक्षा
तिहाड़ के बाहर थे सुरक्षा के पूरे इंतजाम
अधिकारियों ने बताया कि चारों को खाने के लिए ब्रेकफास्ट दिया गया, लेकिन उन्हें खाने से मना कर दिया। जब उन्हें नहाने के लिए कहा गया तो उन्होंने नहाने से भी इनकार कर दिया।
एशिया के सबसे बड़े जेल में फांसी को देखते हुए सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए थे। जेल के बाहर जुटे लोगों को नियंत्रित करनेे के लिए पुलिस के साथ-साथ अर्धसैनिक बलों को भी तैनात किया गया था।
फांसी
फांसी के समय मौजूद रहे ये अधिकारी
फांसी देने से पहले जेल के डॉक्टर ने चारों का मेडिकल चेकअप किया था। उन्हें फांसी देने के वक्त फांसीघर में जेल सुपरिटेंडेंट के अलावा, डिप्टी सुपरिटेंडेंट, रेजिडेंट मेडिकल ऑफिसर, जिलाधिकारी और दूसरा जेल स्टाफ मौजूद था।
पिछले कुछ दिनों से डमी के सहारे फांसी देने का अभ्यास कर रहे पवन जल्लाद ने चारों को फांसी के फंदे पर लटकाया।
भारत के इतिहास में यह पहली बार हुआ है, जब चार लोगों को एक साथ फांसी दी गई है।
जानकारी
घरवालों को सौंपा जाएगा दोषियों का सामान
तिहाड़ में रहने के दौरान पवन, विनय और मुकेश ने मजदूरी की। इस दौरान की कमाये गए उनकी पैसे को उनके घरवालों को भेज दिया जाएगा, जबकि अक्षय ने इस दौरान कोई काम नहीं किया। उनका सारा सामान उनके परिजनों को दिया जाएगा।
फांसी
विनय ने की माफी की मांग
फांसी के तख्त पर ले जाये जाने से पहले विनय रोने लगा और उनसे अधिकारियों से माफी की मांग की। पिछले महीने विनय ने अपना सिर दीवार से मारकर खुद को चोटिल करने का प्रयास किया था।
जानकारी के मुताबिक, जेल के नियमों के तहत चारों दोषियों को 30 मिनट तक फंदे पर लटकाकर रखा गया। इसके बाद वहां मौजूद डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। पोस्टमार्टम के लिए उनके शव को दीन दयाल उपाध्याय अस्पताल लाया गया था।