गूगल क्रोम ब्राउजर से चोरी हो सकता है आपका डाटा, सरकार ने जारी की चेतावनी
इंटरनेट का इस्तेमाल करने वाले यूजर्स के बीच गूगल क्रोम सबसे लोकप्रिय ब्राउजर्स में शामिल है। इस ब्राउजर में मौजूद कई खामियों के चलते यूजर्स के डिवाइस के निशाना बनाया जा सकता है। सूचना और तकनीकी (IT) मंत्रालय की इंडियन कंप्यूटर इमरजेंसी रिस्पॉन्स टीम (CERT-In) की ओर से इस बारे में एक चेतावनी जारी की गई है। CERT-In की एडवाइजरी में इसे 'ज्यादा गंभीरता' (हाई सीविएरिटी) वाली चेतावनी कहा गया है।
डिवाइस पर किया जा सकता है रिमोट अटैक
गूगल क्रोम इंटरनेट ब्राउजर यूजर्स के लिए जारी की गई चेतावनी में नोडल एजेंसी ने कहा है कि मौजूदा खामियों के चलते यूजर्स पर रिमोट अटैक किया जा सकता है। रिमोट अटैकर ब्राउजर में मिली खामी की वजह से टारगेट सिस्टम पर आर्बिटरेरी कोड रन कर सकते हैं और उसे नुकसान पहुंचा सकते हैं। इसके बाद अटैकर पर्सनल डाटा चोरी कर सकेगा और डिवाइस में मालवेयर इंस्टॉल कर जासूसी भी कर पाएगा।
गूगल ने रिलीज कर दिया है फिक्स
गूगल ने इसके लोकप्रिय ब्राउजर में मौजूद खामियों के लिए फिक्स अभी रिलीज कर दिया है। कंपनी ने बताया है कि गूगल क्रोम ब्राउजर को नया अपडेट देकर खामी दूर की गई है इसलिए यूजर्स को जल्द से जल्द इसे इंस्टॉल करने की सलाह दी गई है। खुद को हैकिंग जैसे खतरों से सुरक्षित रखना चाहें तो आपके सिस्टम में इंस्टॉल ब्राउजर और स्मार्टफोन में मौजूद क्रोम ऐप नए वर्जन पर अपडेट कर लेनी चाहिए।
स्टेबल चैनल को किया गया अपडेट
सर्च इंजन कंपनी ने हाल ही में घोषणा की है कि क्रोम स्टेबल चैनल को विंडोज, मैक और लाइनक्स यूजर्स के लिए वर्जन 96.0.4664.93 पर अपडेट कर दिया गया है। यह अपडेट अब यूजर्स के लिए उपलब्ध हो चुका है। कंपनी ने कहा है, "एक्सटेंडेड स्टेबल चैनल को भी विंडोज और मैक पर 96.0.4664.93 पर अपडेट कर दिया गया है, जिसे अगले कुछ दिनों या सप्ताह में रोलआउट किया जाएगा।"
नोडल एजेंसी ने चेतावनी में क्या कहा?
CERT-In ने कहा है, "गूगल क्रोम में कई खामियां मौजूद हैं और ये V8 में टाइप कन्फ्यूजन से जुड़ी हैं, जिसे वेब ऐप्स, UI, विंडो मैनेजर, स्क्रीन कैप्चर, फाइल API, ऑटो फिल और डिवेलपर टूल्स में इस्तेमाल किया जाता है। इसके अलावा ऑटोफिल में गलत सिक्योरिटी UI और हीप बफर ओवरफ्लो में खामियां मौजूद हैं।" चेतावनी में कहा गया है कि एक खास तरह से तैयार किए गए वेब पेज की मदद से यूजर को नुकसान पहुंचाया जा सकता है।
गूगल के पास है खुद की सुरक्षा टीम
गूगल के पास खुद की बड़ी साइबर सुरक्षा टीम है, जो इसके प्रोडक्ट में मौजूद कमियों और खामियों के बारे में बताती है। इसके अलावा बाहरी रिसर्चर भी किसी खामी का पता चलने पर कंपनी की इसकी जानकारी दे सकते हैं। गूगल ने बताया है कि लेटेस्ट क्रोम अपडेट में 22 सुरक्षा फिक्स शामिल हैं, जिनमें से ज्यादातर के बारे में बाहरी रिसर्चर्स की ओर से जानकारी दी गई है।