गूगल क्रोम यूजर्स तुरंत अपडेट करें ब्राउजर, हैकर्स चोरी कर सकते हैं आपका डाटा
दुनिया के सबसे लोकप्रिय इंटरनेट ब्राउजर्स में शामिल गूगल क्रोम का इस्तेमाल लाखों यूजर्स करते हैं। इतना ही नहीं, विवाल्डी, ओपेरा, ब्रेव और माइक्रोसॉफ्ट एज जैसे दूसरे ब्राउजर्स भी क्रोमियम ब्राउजर इंजन का इस्तेमाल करते हैं। सामने आया है कि गूगल क्रोम ब्राउजर में मौजूद एक खामी का फायदा उठाकर हैकर्स यूजर्स के डाटा से छेड़छाड़ कर सकते हैं। कंपनी ने इस खामी को फिक्स कर दिया है और यूजर्स से ब्राउजर अपडेट करने को कहा है।
तुरंत अपडेट करें क्रोमियम आधारित ब्राउजर्स
अगर आपके डिवाइस में गूगल क्रोम या फिर क्रोमियम इंजन पर आधारित कोई ब्राउजर इंस्टॉल हो तो उसे फौरन अपडेट करना जरूरी है। सर्च इंजन कंपनी ने बताया है कि क्रोम में मौजूद बड़ी सुरक्षा खामी को पैच कर दिया गया है। इस खामी का फायदा उठाकर हैकर्स यूजर्स के डिवाइस में रिमोटली कोड्स एग्जक्यूट कर सकते थे और आसानी से डिवाइस में मौजूद यूजर्स डाटा चोरी किया जा सकता था।
इसलिए ब्राउजर अपडेट करना है जरूरी
गूगल ने ब्लॉग पोस्ट में बताया है कि क्रोम में सामने आए बग का हैकर्स इस्तेमाल कर रहे थे, यानी कि यह जीरो-डे वल्नरेबिलिटी थी। जीरो-डे वल्नरेबिलिटी ऐसी खामी को बोलते हैं, जिसका फायदा हैकर्स बिना यूजर या फिर ऐप या सर्विस डिवेलपर करने वाली कंपनी को भनक लगे उठा सकते हैं। इस तरह के हैक्स डार्क वेब पर लाखों रुपये में बिकते हैं। कंपनी ने बताया है कि उन्हें पता है कि सामने आई खामी CVE-2021-30563 काफी गंभीर थी।
ऐसे अपडेट करें क्रोम ब्राउजर
जिन यूजर्स ने लेटेस्ट अपडेट के जरिए मौजूदा खामी को पैच नहीं किया है, वे अटैकर्स के निशाने पर आ सकते हैं। क्रोम ब्राउजर में मौजूद खामी क्रोम ब्राउजर में मौजूद ओपेन सोर्स जावास्क्रिप्ट इंजन से जुड़ी है, इस तरह हैकर्स का काम और भी आसान हो जाता है। ब्राउजर का पुराना वर्जन इस्तेमाल कर रहे यूजर्स को सेटिंग्स के हेल्प सेक्शन में अबाउट गूगल क्रोम ऑप्शन पर जाना होगा। यहां से वे अपने ब्राउजर को अपडेट कर सकते हैं।
क्रोम का हिस्सा बनेंगे सेफ ब्राउजिंग फीचर्स
गूगल इस साल के आखिर तक क्रोम ब्राउजर यूजर्स के लिए नए फीचर्स लाने वाली है। यूजर्स को क्रोम 91 अपडेट के साथ नए बदलाव देखने को मिलेंगे और अपग्रेड के तौर पर कंपनी कुछ 'सेफ ब्राउजिंग' फीचर्स दे सकती है। Mashable की रिपोर्ट में कहा गया है कि क्रोम ब्राउजर में मिलने वाले फीचर्स के साथ यूजर्स बेहतर क्रोम एक्सटेंशंस चुन पाएंगे। इसके अलावा वेब से मालिशियस फाइल्स डाउनलोड करने की स्थिति में भी यूजर्स को प्रोटेक्शन मिलेगा।
फाइल्स स्कैन करने का विकल्प मिलेगा
क्रोम ब्राउजर से डाउनलोड करने से पहले यूजर्स किसी फाइल को 'मोर इन-डेप्थ एनालिसिस' स्कैन के लिए भेज पाएंगे। गूगल ने बताया है कि अगर यूजर्स किसी फाइल को स्कैनिंग के लिए भेजते हैं तो क्रोम इसे गूगल सेफ ब्राउजिंग पर अपलोड कर देगा। इसके बाद फाइल को रियल टाइम स्टैटिक और डायनमिक एनालिसिस क्लासिफायर्स का इस्तेमाल करते हुए स्कैन किया जाएगा। कुछ देर बाद सेफ ब्राउजिंग बता देगी कि फाइल को डाउनलोड करना सुरक्षित है या नहीं।