एक टैप से किया जा सकेगा UPI भुगतान, गूगल पे यूजर्स को मिला नया फीचर
सर्च इंजन कंपनी गूगल ने अपनी गूगल पे सेवा में नया गूगल पे टैप फीचर शामिल किया है। मर्चेंट्स को पेमेंट सॉल्यूशंस देने वाले मर्चेंट कॉमर्स प्लेटफॉर्म पाइन लैब्स के साथ मिलकर गूगल यह फीचर लेकर आई है। इस फीचर के साथ यूजर्स अपने UPI पिन के साथ आसानी से सिंगल-टैप पर भुगतान कर सकेंगे। यानी कि पहले की तरह उन्हें अपने फोन से कोई QR कोड स्कैन करने की जरूरत भी नहीं पड़ेगी।
ढेरों मर्चेंट्स के साथ काम करेगा नया फीचर
गूगल पे ने बताया कि नया फीचर शुरू में केवल रिलायंस रीटेल पर उपलब्ध था और अब इसे फ्यूचर रीटेल और स्टारबक्स जैसे मर्चेंट्स के लिए भी रिलीज किया गया है। गूगल APAC में गूगल पे एंड नेक्स्ट बिलियन यूजर इनीशिएटिव्स के बिजनेस हेड सजीत सिवनंदन ने कहा, "टैप टू पे फॉर UPI का फायदा भीड़ वाले रीटेल आउटलेट्स पर मिलेगा, जिससे लंबी लाइनों जैसी परेशानी को कम किया जा सके और डिजिटल पेमेंट का नया विकल्प यूजर्स को मिले।"
स्मार्टफोन में NFC हार्डवेयर होना जरूरी
नई सुविधा इस्तेमाल करने के लिए आपके फोन में NFC (नियर फील्ड कम्युनिकेशन) टैग हार्डवेयर होना चाहिए। गूगल पे का नया फीचर इसकी मदद से ही काम करता है। अगर आपके फोन में NFC है तो आपको डिवाइस का NFC टैग POS मशीन पर टैप करना होगा, जिससे यह सिग्नल रिसीव कर सके। इसके बाद बिना कोई QR कोड स्कैन किए स्क्रीन पर UPI कोड एंटर करने को कहा जाएगा और बदले में भुगतान हो जाएगा।
फोन में ऐसे इनेबल करें सिंगल-टैप पेमेंट
अपनी डिवाइस सेटिंग्स में जाएं और NFC टॉगल सर्च करें। आप सर्च सेटिंग्स में जाकर NFC सर्च कर सकते हैं। इसे ऑन करने के बाद पेमेंट करने के लिए गूगल पे ऐप की मदद लेनी होगी। आपको अपना फोन POS टर्मिनल पर टैप करना होगा और गूगल पे ऐप अपने आप ओपेन हो जाएगी। जिस रकम का भुगतान करना है, उसे लिखने के बाद आप पिन एंटर कर पाएंगे और भुगतान हो जाएगा।
गूगल पे में मिलेगा हिंग्लिश भाषा का सपोर्ट
'गूगल फॉर इंडिया' इवेंट में कंपनी ने बताया था कि इसकी पेमेंट ऐप में जल्द नए फीचर्स रोलआउट किए जाएंगे। गूगल पे को नया अपडेट मिलने के बाद इस साल यूजर्स को लैंग्वेज सेटिंग्स में जाकर 'हिंग्लिश' चुनने का विकल्प मिलेगा। यह फीचर जल्द रोलआउट हो सकता है और बाद में इसे दूसरी गूगल ऐप्स का हिस्सा भी बनाया जाएगा। भारत में बोल-चाल की आम भाषा हिंग्लिश है, जो हिंदी और इंग्लिश दोनों से मिलकर बनी है।
ब्लॉकचेन से जुड़ा विकल्प ला सकती है गूगल
नई रिपोर्ट्स के मुताबिक, गूगल ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी पर काम करने जा रही है और इससे जुड़े बदलाव कंपनी की मौजूदा सेवाओं में देखने को मिल सकते हैं। कंपनी ने एक नया यूनिट तैयार किया है, जो ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी और इससे जुड़ी संभावनाओं पर काम करेगा। रिपोर्ट्स की मानें तो ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी के साथ गूगल डिस्ट्रिब्यूटेड कंप्यूटिंग और डाटा स्टोरेज टेक में सुधार करने की कोशिश कर सकती है। गूगल की ओर से क्रिप्टो पेमेंट्स का विकल्प दिया जा सकता है।
न्यूजबाइट्स प्लस
साल 2015 में आई गूगल की पेमेंट ऐप का नाम पहले एंड्रॉयड पे था, जिसे बाद में गूगल पे (GPay) कर दिया गया। भारत में इस ऐप के सबसे ज्यादा (करीब 38 प्रतिशत) यूजर्स बेंगलुरू में हैं।