इंसान जैसा रोबोट बनाने के करीब वैज्ञानिक, खुद भर सकता है अपने घाव
रोबोटिक्स टेक्नोलॉजी हमेशा से ही इंसानों और वैज्ञानिकों को लुभाती रही है और ढेरों कंपनियां इंसानों जैसे रोबोट्स तैयार करने पर काम कर रही हैं। आर्टीफीशियल इंटेलिजेंस और क्वॉन्टम कंप्यूटेशन जैसे बदलावों के साथ रोबोट्स पहले से एडवांस तो हुए ही हैं, अब उन्हें इंसानों जैसी शक्लो-सूरत भी दी जा रही है। इतना ही नहीं, रिसर्चर्स ने एक कदम आगे बढ़ते हुए ऐसी रोबोटिक फिंगर तैयार की है, जो इंसानी त्वचा की तरह खुद अपने घाव भर सकेगी।
रोबोटिक उंगली में लगी हैं जिंदा कोशिकाएं
रोबोटिक्स और टिश्यू कल्चर के एकसाथ आने का यह पहला मामला है, जब यूनिवर्सिटी ऑफ टोक्यो के रिसर्चर्स ने रोबिटिक फिंगर में जिंदा कोशिकाएं (लिविंग सेल्स) शामिल की हैं। उंगली जैसे आकार और मजबूती के लिए लिविंग सेल्स के अलावा इसपर सपोर्टिंग मैकेनिज्म भी दिया जाएगा। टीम का दावा है कि इस रोबोट की स्किन अपनी चोटें या घाव खुद भर सकती है और इसका इस्तेमाल टच-कंट्रोल्ड और सेंसिटिव ऐप्लिकशंस में किया जा सकेगा।
पब्लिश किया गया रिसर्च से जुड़ा पेपर
जर्नल मैटर में पब्लिश किए गए पेपर में टीम ने टिश्यू-इंजीनियर्ड स्किन में कवर किए गए रोबोट्स तैयार करने वाले बायोहाइब्रिड अप्रोच की जानकारी दी है। पेपर में कहा गया है, "स्किन कवरेज के साथ रोबोट्स ना सिर्फ इंसान जैसे दिखेंगे, बल्कि उन्हें इंसानों की तरह ही सेल्फ-हीलिंग फंक्शंस भी मिल जाएंगे।" रिसर्च पेपर में बताया गया है कि पुराने रोबोटिक्स से कहीं आगे अब बायोहाइब्रिड रोबोटिक्स की शुरुआत हो रही है।
न्यूजबाइट्स प्लस
दुनिया की सबसे एडवांस्ड ह्यूमनॉएड अभी हांग कांग बेस्ड कंपनी हैंसन रोबोटिक्स की सोशल ह्यूमनॉएड रोबोट सोफिया को माना जाता है। फरवरी, 2016 में ऐक्टिवेट की गई सोफिया किसी सामान्य इंसान की तरह बातचीत कर सकती है और आसपास की चीजें समझती है।
पहली बार इस तरह की रिसर्च और टेस्टिंग
रिसर्चर्स और एक्सपर्ट्स इससे पहले भी कॉस्मेटिक और ड्रग रिसर्च और टेस्टिंग थ्री-डायमेंशनल स्किन मॉडल्स के लिए करते रहे हैं। हालांकि, यह पहली बार है, जब ऐसे मैटीरियल की टेस्टिंग वर्किंग रोबोट के साथ की जा रही है। इस सिंथेटिक स्किन को लाइटवेट कोलेजन मैट्रिक्स की मदद से बनाया गया है, जिसे हाइड्रोजेल कहा जाता है। हाइड्रोजेल में कई तरह के लिविंग स्किन सेल्स शामिल होते हैं, जिनके साथ फाइब्रोब्लास्ट और केराटिनोसाइट्स की ग्रोथ होती है।
पेपर के लीड ऑथर ने दी जानकारी
बायोहाइब्रिड रोबोट्स के क्षेत्र में काम कर रहे रिसर्च पेपर के लीड ऑथर प्रोफेसर शोजी टेकेउची ने कहा, "हमने एक वर्किंग रोबोटिक फिंगर तैयार की है, जो इंसानी उंगली की तरह काम करती है और इसे ऐसी आर्टिफीशियल स्किन से कवर किया गया है, जो अपने घाव खुद भर सकती है। इसे अलग से उगाकर रोबोट पर नहीं लगाया गया, बल्कि हमारा तरीका बेहतर कवरेज देता है और स्किन पूरी तरह रोबोट के ढांचे से जुड़ी हुई है।"
रोबोटिक्स से जुड़ी नई संभावनाएं
टीम ने बताया है कि रोबोट की स्किन कटने या डैमेज होने पर खुद को रिपेयर कर सकेगी, यानी कि यह खराब नहीं होगी। इस डिवेलपमेंट का मकसद आने वाले दिनों में एडवांस्ड मैन्युफैक्चरिंग इंडस्ट्रीज की नई संभावनाएं तलाशना है। कयास लग रहे हैं कि इंसान जैसे रोबोट्स स्किल्ड प्रोफेशनल्स की तरह काम कर सकेंगे। मौजूदा आर्टिफीशियल स्किन को स्वेट ग्लैंड्स, हेयर फॉसिल्स और सेंसरी सेल्स के साथ अपग्रेड किया जाएगा।