गूगल क्रोमOS पर मंडरा रहा साइबर हमले का खतरा, जारी किया गया अलर्ट
गूगल के क्रोमOS का उपयोग करने वाले यूजर्स पर साइबर हमले का खतरा मंडरा रहा है। भारतीय कंप्यूटर आपातकालीन प्रतिक्रिया दल (CERT-In) ने गूगल क्रोमOS के लिए इस खतरे को लेकर अलर्ट जारी की है। सरकारी निकाय के अनुसार, क्रोमOS में कई तकनीकी खामियां मौजूद हैं, जिनका उपयोग हमलावर द्वारा लक्षित सिस्टम पर मनमाना कोड चलाने के लिए किया जा सकता है। इन खामियों का फायदा उठाकर हैकर सिस्टम को रिमोट एक्सेस कर सकते हैं।
क्रोमOS के इस वर्जन को है खतरा
साइबर सुरक्षा एजेंसी ने खुलासा किया है कि यह कमजोरियां 120.0.6099.315 (प्लेटफॉर्म वर्जन: 15662.112) से पहले के गूगल क्रोमOS वर्जन के लिए LTS (लॉन्ग टर्म सपोर्ट) चैनल में पाई गई हैं। साइबर हमलावर पीड़ित को विशेष रूप से तैयार किए गए वेब पेज पर जाने के लिए राजी करके इन कमजोरियों का फायदा उठा सकता है। इस खतरे से बचने के लिए LTS-120 को अधिकांश क्रोमOS उपकरणों के लिए अपडेट किया जा रहा है।
कैसे रहें सुरक्षित?
ब्राउजर में केवल विश्वसनीय और जरूरी एक्सटेंशन को ही जोड़ें, अनावश्यक एक्सटेंशन को डिलीट कर दें। अपने पासवर्ड को समय-समय पर बदलते रहें। सुनिश्चित करें कि क्रोमOS के लिए ऑटोमैटिक अपडेट ऑन रहे, जिससे साइबर हमले का खतरा काफी हद तक कम हो जाएगा। किसी भी अनजान सोर्स से आए लिंक पर क्लिक न करें या किसी अटैचमेंट को डाउनलोड ना करें। इससे आपको वित्तीय नुकसान का सामना करना पड़ सकता है।