
स्मार्ट टीवी पर जरुरी नहीं रहेगा गूगल का एंड्रॉयड सिस्टम, ग्राहकों पर क्या पड़ेगा असर?
क्या है खबर?
गूगल अब भारत में स्मार्ट टीवी के लिए एंड्रॉयड ऑपरेटिंग सिस्टम और प्ले स्टोर को डिफॉल्ट रूप से नहीं देगी।
यह कदम भारत के प्रतिस्पर्धा आयोग CCI के फैसले के बाद लिया गया, जिसने गूगल पर एकाधिकार बनाने और प्रतिस्पर्धा को रोकने का आरोप लगाया था।
गूगल पर करीब 20 करोड़ रुपये का जुर्माना भी लगाया गया है। अब स्मार्ट टीवी निर्माता अपनी पसंद के किसी भी ओपन-सोर्स ऑपरेटिंग सिस्टम का इस्तेमाल कर सकेंगे।
बदलाव
ग्राहकों के लिए क्या बदलेगा?
अब जो लोग टीवी खरीदेंगे, उन्हें पहले से पता लगाना होगा कि उसमें गूगल का सिस्टम और ऐप्स हैं या नहीं, क्योंकि अब सभी टीवी में यह पहले से मौजूद नहीं होंगे।
इससे पहले जो टीवी में गूगल के ऐप डिफॉल्ट मिलते थे, अब उनकी जगह दूसरे ऑपरेटिंग सिस्टम या ऐप स्टोर भी आ सकते हैं।
कई बार कुछ ऐप सिर्फ गूगल स्टोर पर ही मिलते हैं, इसलिए खरीदने से पहले टीवी का सॉफ्टवेयर और ऐप स्टोर देखना जरूरी होगा।
फायदा
टीवी ब्रांडों के लिए विकल्प बढ़े
पैनासोनिक, फिलिप्स, शार्प, मोटोरोला, नोकिया, तोशिबा और TCL जैसे कई ब्रांड पहले गूगल के एंड्रॉयड OS और प्ले स्टोर का उपयोग करते थे।
अब उन्हें इसकी बाध्यता नहीं होगी। वे चाहें तो अपने टीवी में किसी और ओपन-सोर्स ऑपरेटिंग सिस्टम का उपयोग कर सकते हैं।
गूगल ने अब भारत में स्मार्ट टीवी के लिए अपने ऐप्स और सेवाओं को अलग-अलग लाइसेंस देने का प्रस्ताव रखा है, जिसमें कंपनियों को इसके लिए भुगतान करना होगा।
फायदा
अन्य कंपनियों के लिए रास्ता खुला
अब अन्य टेक कंपनियां भी स्मार्ट टीवी बाजार में अपने ऑपरेटिंग सिस्टम और ऐप स्टोर के साथ उतर सकती हैं। इससे गूगल का दबदबा थोड़ा कम होगा और नई प्रतिस्पर्धा बढ़ेगी।
हालांकि, गूगल प्ले स्टोर और अमेजन ऐप स्टोर अब भी सबसे ज्यादा ऐप उपलब्ध कराते हैं, लेकिन ग्राहकों के पास अब ज्यादा विकल्प होंगे।
यह बदलाव स्मार्ट टीवी बाजार में पारदर्शिता और तकनीकी विविधता बढ़ाने की दिशा में एक अहम कदम माना जा रहा है।