फेसबुक के को-फाउंडर बोले- मार्क जकरबर्ग के पास अभूतपूर्व शक्तियां, कंपनी को तोड़ने की जरूरत
क्या है खबर?
मार्क जकरबर्ग के साथ मिलकर सोशल मीडिया कंपनी फेसबुक की शुरुआत करने वाले क्रिस ह्यूज ने कंपनी को कई भागों में बांटने की जरूरत बताई है।
न्यूयॉर्क टाइम्स में लिखे अपने लेख में ह्यूज ने कहा कि फेसबुक जरूरत से ज्यादा ताकतवर हो गई है और इसे कई हिस्सों में बांटा जाना जरूरी है।
आइये जानते हैं कि ह्यूज ने क्या कहा और फेसबुक ने इस पर क्या प्रतिक्रिया दी।
लेख
मार्क के पास अभूतपूर्व शक्तियां- ह्यूज
ह्यूज ने 2004 में मार्क जकरबर्ग के साथ मिलकर फेसबुक की शुरुआत की थी, लेकिन तीन साल बाद ही वो अलग हो गए। वो पिछले एक दशक से कंपनी से अलग है।
उन्होंने लेख में लिखा कि यह फेसबुक को तोड़ने का समय है। मार्क की शक्तियां अभूतपूर्व और अमेरिका के कानून से बाहर हो गई हैं।
दुनियाभर में फेसबुक के 200 करोड़ और फेसबुक के मालिकाना हक वाली ऐप्स व्हाट्सऐप और इंस्टाग्राम पर 100-100 करोड़ से ज्यादा यूजर हैं।
बयान
सरकारों से ज्यादा शक्तिशाली मार्क जकरबर्ग
फेसबुक को तोड़ने की जरूरत बताते हुए ह्यूज ने लिखा कि जकरबर्ग के पास अनियंत्रित शक्तियां और प्रभाव है, जो प्राइवेट सेक्टर या सरकार में मौजूद किसी भी शख्स से ज्यादा है।
ह्यूज ने लिखा कि मार्क अच्छे और दयालु इंसान है, लेकिन गुस्सा इस बात का है कि उन्होंने कंपनी की तरक्की के लिए सुरक्षा और क्लिक के लिए शिष्टाचार को पीछे छोड़ दिया।
जानकारी
कई विवादों में घिरी है फेसबुक
पिछले दो सालों में फेसबुक कई विवादों में घिरी है। फेसबुक पर हेट स्पीच, डाटा सिक्योरिटी और फेक न्यूज को लेकर कई आरोप लगे हैं। अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव के दौरान भी फेसबुक पर दखल देने के आरोप लगे थे।
बयान
कंपनी के सारे फैसलों में मार्क का दखल
ह्यूज ने लिखा कि मार्क के पास सबसे ज्यादा वोटिंग शेयर की ताकत है और वह ही यह फैसला करते हैं कि लोगों को न्यूज फीड में क्या दिखेगा, प्राइवेसी सेटिंग क्या होगी और कौन से मैसेज डिलीवर किए जाएंगे।
ह्यूज ने लिखा कि फेसबुक के साथ सबसे बड़ी समस्या इस पर मार्क का नियंत्रण है।
दो अरब लोगों की बातचीत की निगरानी, व्यवस्थित करने और यहां तक कि सेंसर करने की उसकी क्षमता के लिए कोई पैमाना नहीं है।
मांग
अमेरिकी सांसद भी कर रहे हैं फेसबुक को तोड़ने की मांग
ह्जूय से पहले अमेरिकी सीनेटर भी ऐसी मांग कर चुके हैं। राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार रह चुके सीनेटर एजिलाबेथ वारेन, एमी लोबुचर और रिचर्ज ब्लूमेंथल ने फेसबुक को कई टुकड़ों में बांटने की मांग की थी।
इन सीनेटरों की मांग थी कि फेसबुक, अमेजन, अल्फाबेट जैसी बड़ी तकनीकी कंपनियों को तोड़कर छोटा किया जाना चाहिए ताकि बाजार में प्रतिस्पर्धा बनी रही।
बता दें कि फेसबुक ने अपना प्रभुत्व बनाए रखने के लिए व्हाट्सऐप और इंस्टाग्राम को खरीद लिया था।
जानकारी
फेसबुक ने दिया यह जवाब
ह्यूज का लेख सामने आने के बाद फेसबुक ने इस पर अपनी प्रतिक्रिया दी है। कंपनी ने ह्यूज के विचारों को खारिज करते हुए कहा कि एक सफल कंपनी को तोड़ने की बजाय इंटरनेट रेगुलेशन पर ध्यान देने की जरूरत है।