चीन ने विशाल चिप फैक्ट्री बनाने की कर ली तैयारी, नई टेक्नोलॉजी से करेगा सेमीकंडक्टर निर्माण
सेमीकंडक्टर या चिप निर्माण से जुड़ी दिग्गज कंपनी एडवांस्ड सेमीकंडक्टर मैटेरियल्स लिथोग्राफी (ASML) की मशीन और तकनीक से हटकर चीन चिप निर्माण के नए तरीके तलाश रहा है। चीन ने चिप के उत्पादन में इस्तेमाल होने वाली लिथोग्राफी मशीनों पर लगे प्रतिबंधों को दरकिनार करते हुए एक बड़ी चिप फैक्ट्री के निर्माण की योजना बनाई है। आइये जान लेते हैं कि चिप निर्माण के लिए चीन योजना क्या है और वह किस नई तकनीक का इस्तेमाल करेगा।
ASML के पास है EUV टेक्नोलॉजी
लिथोग्राफी सिस्टम मानव द्वारा अब तक बनाई गई मशीनरी में सबसे परिष्कृत मशीनों में से एक है। वर्तमान में 7 नैनोमीटर नोड्स और उससे नीचे के चिप उत्पादन के लिए अल्ट्रा-शॉर्ट तरंग दैर्ध्य के साथ एक्स्ट्रीम अल्ट्रावॉयलेट (EUV) का व्यापक रूप से उपयोग किया जाता है। ASML एकमात्र कंपनी है, जिसके पास ये टेक्नोलॉजी है। चीन ऐसी तकनीक तैयार कर रहा है, जिसमें सेमीकंडक्टर निर्माण के लिए ASML की लिथोग्राफी मशीनों के इस्तेमाल की जरूरत ही नहीं होगी।
2 बास्केटबॉल के आकार की होगी फैक्ट्री
चीनी शोधकर्ता एक नए लेजर सोर्स बनाने के लिए पार्टिकल एक्सलरेटर्स का इस्तेमाल कर सेमीकंडक्टर निर्माण के भविष्य की नींव रख रहे हैं। इसके तहत 100-150 मीटर परिधि वाले एक पार्टिकल एक्सलरेटर्स के निर्माण की योजना है, जो लगभग 2 बास्केटबॉल कोर्ट के आकार का है। सिन्हुआ विश्वविद्यालय की टीम अत्याधुनिक परियोजना के लिए एक निर्माण स्थल का चयन करने के लिए शियोनजन न्यू एरिया में अधिकारियों के साथ चर्चा कर रही है।
चिप निर्माण को स्थानीय बनाना है चीन का लक्ष्य
चीनी परियोजना का लक्ष्य एक ही एक्सलरेटर्स के आसपास कई लिथोग्राफी मशीनों को रखने वाली विशाल फैक्ट्री का निर्माण करके उत्पादन का स्थानीयकरण करना है। इधर ASML जैसे कमर्शियल खिलाड़ी निर्यात के लिए चिप बनाने वाली मशीनों के आकार को कम करने के पक्ष में हैं। बता दें कि चीन का ये इनोवेशन ज्यादा मात्रा और कम लागत वाली चिप निर्माण को बढ़ावा दे सकता है, जिससे चीन उन्नत चिप्स उत्पादन में नेतृत्वकर्ता की भूमिका में पहुंच सकता है।
इस नए मैकेनिज्म पर आधारित होगा चिप निर्माण
चिप निर्माण के लिए अलग रास्ते की तलाश से जुड़ी चीनी परियोजना वर्ष 2017 से चल रही है। चिप निर्माण में हुआवे की सफलता के कारण इसे हाल ही में सार्वजनिक किया गया है। टीम के शोध के पीछे का सिद्धांत एक नया ल्यूमिनेसेंस मैकेनिज्म है जिसे स्टेडी-स्टेट माइक्रोबंचिंग (SSMB) कहा जाता है। SSMB सिद्धांत प्रकाश स्त्रोत के रूप में कार्य करने के लिए एक्सलरेशन के दौरान चार्ज्ड पार्टिकल्स द्वारा छोड़ी गई ऊर्जा का उपयोग करता है।
अभी चिप निर्माण में ASML है हावी
ASML एक मात्र कंपनी है, जिसके पास सेमीकंडक्टर निर्माण की टेक्नोलॉजी है और इसलिए वह बाजार पर हावी भी है।वर्ष 2022 के अंत तक ASML ने 180 EUV सिस्टम वितरित किए थे। एक रिपोर्ट के अनुसार, इस साल 60 EUV शिप करने की योजना है। वर्तमान में ASML EUV तकनीक की तुलना में SSMB एक अधिक आदर्श प्रकाश स्त्रोत है। इसमें उच्च औसत शक्ति और कम इकाई लागत के साथ ज्यादा उत्पादन होता है।
न्यूजबाइट्स प्लस
सेमीकंडक्टर उत्पादन में चीन का दबदबा है। दुनिया में सेमीकंडक्टर की कुल बिक्री में चीन का एक तिहाई योगदान है। अमेरिका समेत दुनियाभर के देश सेमीकंडकटर के लिए चीन और ताइवान पर निर्भर हैं। सेमीकंडक्टर का कारोबार बहुत बड़ा है। मोबाइल, लैपटॉप से लेकर टीवी, वॉशिंग मशीन और कार तक शायद ही कोई इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस हो, जिसमें सेमीकंडक्टर का इस्तेमाल न होता हो। भारत की बात करें तो यह अपने चिप जरूरत के लिए 100 प्रतिशत आयात पर निर्भर है।