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ChatGPT डाटा सेंटर भारी मात्रा में कर रहे हैं पानी की खपत, शोधकर्ताओं ने दी चेतावनी
ChatGPT से पानी की खपत बढ़ी है

ChatGPT डाटा सेंटर भारी मात्रा में कर रहे हैं पानी की खपत, शोधकर्ताओं ने दी चेतावनी

लेखन रजनीश
Apr 14, 2023
03:57 pm

क्या है खबर?

OpenAI का आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस चैटबॉट ChatGPT अपनी क्षमताओं की वजह काफी ज्यादा फेमस हुआ। दुनियाभर में इसकी चर्चा हो रही है और व्यापक तौर पर इसका इस्तेमाल भी हो रहा है। हालांकि, हाल के दिनों में कई टेक दिग्गजों ने ChatGPT से समाज को होने वाले नुकसान का मुद्दा भी उठाया। अब इसको लेकर एक नया अध्ययन सामने आया है कि ChatGPT की वजह से पानी की खपत बहुत ज्यादा बढ़ी है और इस पर चिंता व्यक्त की गई है।

पानी

डाटा सेंटर्स को होती है पानी की जरूरत

विशेषज्ञों का कहना है कि ChatGPT की मानवीय भाषा में बात करने, प्रश्नों का जवाब देने, तार्किक प्रश्नों को हल करने की जो क्षमता है, वो भारी मात्रा में पानी की खपत करने की कीमत पर आई होगी। दरअसल, ChatGPT को चलाने के लिए जिन डाटा सेंटर्स की जरूरत होती है, वहां पानी की खपत काफी ज्यादा बढ़ी है। इससे पहले के शोध में इस तरह के आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) मॉडल द्वारा कार्बन उत्सर्जन की भी बात उठी है।

अमेरिका

एक बार की बातचीत में आधा लीटर पानी की खपत - शोध

अमेरिका के कैलिफोर्निया विश्वविद्यालय, रिवरसाइड के वैज्ञानिकों सहित अन्य वैज्ञानिकों के मुताबिक, AI मॉडल को चलाने के लिए पानी की खपत जारी है। एक शोध में अनुमान जताया गया कि AI चैटबॉट 20-50 प्रश्नों की एक बार की बातचीत में लगभग आधा लीटर पानी की खपत करता होगा। एक उदाहरण के हवाले से वैज्ञानिकों ने कहा कि अकेले GPT-3 की ट्रेनिंग में माइक्रोसॉफ्ट ने 7 लाख लीटर पानी खर्च किया होगा। इतने पानी में 370 BMW कारें बन जाती हैं।

माइक्रोसॉफ्ट

पानी की खपत के आकलन के लिए तैयार की गई रूपरेखा

माइक्रोसॉफ्ट ने ChatGPT को बनाने वाली कंपनी OpenAI में भारी पैसा निवेश किया है। वैज्ञानिकों ने कहा कि गूगल के LaMDA जैसे अन्य AI मॉडल लाखों लीटर पानी की खपत कर सकते हैं। इन AI सिस्टम के डाटा सेंटर सर्वर और AI मॉडल को चलाने वाले कूलिंग सर्वरों के लिए बिजली पैदा करने के लिए साफ और मीठे पानी की खपत के अनुमान आदि के रिसर्च के लिए एक रूपरेखा विकसित की गई थी।

जिम्मेदारी

ChatGPT के यूजर्स से लग सकता है पानी की खपत का अंदाजा

शोधकर्ताओं ने AI मॉडल चलाने वाली कंपनियों से सामाजिक जिम्मेदारी लेने और पानी की खपत को रोकने के बारे में सोचने का आग्रह किया। वैज्ञानिकों ने अध्ययन में लिखा कि AI मॉडल सामाजिक जिम्मेदारी लेते हुए स्वयं के जल की खपत को कम करके वैश्विक पानी की कमी की चुनौती से निपटने के लिए सामूहिक प्रयास कर सकते हैं। उन्होंने यह भी कहा कि ChatGPT के अरबों यूजर्स को देखते हुए इसके पानी की खपत का अंदाजा लग सकता है।

खपत

बड़े AI मॉडल पर ज्यादा पानी की खपत

शोधकर्ताओं ने यह भी कहा कि नए लॉन्च किए गए GPT-4 AI सिस्टम में पानी की खपत कई गुना बढ़ सकती है क्योंकि ये बड़ा मॉडल है। हालांकि, उन्होंने बताया कि GPT-4 के लिए पानी की खपत का अनुमान लगाने के लिए शायद कोई सार्वजनिक डाटा उपलब्ध नहीं है। वैज्ञानिक AI मॉडल के पानी की खपत को लेकर पारदर्शिता बढ़ाने के लिए कह रहे हैं क्योंकि उनके मुताबिक AI के जल खपत पर सिर्फ निगरानी के जरिए काम नहीं चलेगा।