चंद्रयान-3 चांद की तरफ बढ़ने के अंतिम चरण में पहुंचा, ISRO ने बताई अगली तैयारी
क्या है खबर?
चंद्रयान-3 चांद पर प्रस्थान करने से पहले अपने अंतिम चरण के करीब पहुंच रहा है। आज यह पांचवें और अंतिम ऑर्बिट मैन्युवर के बाद आखिरी ऑर्बिट में पहुंच गया।
पृथ्वी के ऑर्बिट में पांचवें मैन्युवर को बेंगलुरू के टेलीमेट्री, ट्रैकिंग एंड कमांड नेटवर्क (ISTRAC) से अंजाम दिया गया।
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संस्थान (ISRO) के ट्वीट के मुताबिक, ट्रांसलूनर इंजेक्शन (TLI) में अगली फायरिंग 1 अगस्त 2023 को रात 12 बजे से 1 बजे के बीच तय की गई है।
चुनौती
चांद पर प्रवेश करने के लिए खुद को अलाइन करेगा अंतरिक्ष यान
ISRO ने घोषणा की है कि जब मैन्युवर खत्म हो जाएगा तो अंतरिक्ष यान चंद्रमा पर प्रवेश करने के लिए खुद को अलाइन कर लेगा।
चंद्रयान-3 चांद की तरफ अपनी अंतिम यात्रा की तैयारी के लिए पृथ्वी के चारों तरफ अपने ऑर्बिट को लगातार ऊपर उठा रहा है।
मैन्युवर पूरा करन के बाद पृथ्वी के ऑर्बिट से निकलकर चंद्रयान-3 लूनर ट्रांसफर ट्रैजेक्टरी में जाएगा। लूनर ट्रांसफर ट्रैजेक्टरी को पृथ्वी और चांद के बीच का हाइवे कह सकते हैं।
सफर
चंद्रयान-3 का सफर बढ़ने के साथ बढ़ती जाएगी ISRO की चुनौती
चंद्रयान-3 लूनर ट्रांसफर ट्रैजेक्टरी में 5 दिन यात्रा करेगा। इसके बाद इसे 5-6 अगस्त को चांद के ऑर्बिट में भेजा जाएगा। चांद के ऑर्बिट में पहुंचने पर चंद्रयान-3 पर गुरुत्वाकर्षण भी काम करेगा।
चंद्रयान-3 का सफर बढ़ने के साथ ही ISRO की चुनौती भी बढ़ती जाएगी। दरअसल, चांद मिशन को लूनर ट्रांसफर ट्रैजेक्टरी से चांद की सतह पर पहुंचाना चुनौती भरा काम है।
अगर चंद्रयान-3 चांद के ऑर्बिट को नहीं पकड़ पाया तो यह चांद के पीछे चला जाएगा।
लैंडिंग
लैंडिंग प्रक्रिया है चुनौतीपूर्ण
तय प्लान के हिसाब से सब ठीक रहा तो 17 अगस्त को प्रोपल्शन सिस्टम लैंडर रोवर से अलग होगा।
मॉड्यूल के अलग होने के बाद लैंडर रोवर को चांद के 100X30 KM की ऑर्बिट में भेजा जाएगा और यहीं से लैंडिंग प्रक्रिया शुरू होगी।
लैंडिंग की प्रक्रिया को 23-24 अगस्त को अंजाम दिया जाएगा। यह मिशन का सबसे चुनौतीपूर्ण काम है।
सॉफ्ट लैंडिंग को सफल बनाने के मिशन के डिजाइन से लेकर सॉफ्टवेयर आदि में कई बदलाव किए गए हैं।
रोवर
सफल सॉफ्ट लैंडिंग से बढ़ जाएगा भारत का कद
सफल सॉफ्ट लैंडिंग के बाद रोवर लैंडर से बाहर निकलेगा और तय किए गए लक्ष्यों को प्राप्त करेगा।
चंद्रयान-3 के चांद की सतह पर सॉफ्ट लैंडिग के साथ ही अमेरिका, चीन और रूस के बाद चांद की सतह पर उतरने की उपलब्धि हासिल करने वाला भारत चौथा देश होगा।
चंद्रयान-3 की लैंडिंग चांद के दक्षिणी ध्रुव पर होगी। इस इलाके की लैंडिंग से वैज्ञानिकों को चांद की सतह पर पानी मिलने की उम्मीद है।