चंद्रमा पर मिला ग्रेनाइट का बड़ा टुकड़ा, ज्वालामुखी विस्फोट का मिलता है संकेत
अंतरिक्ष वैज्ञानिकों को हाल ही में चंद्रमा के नीचे मौजूद ग्रेनाइट की एक बड़ी संरचना के बारे में पता चला है। इसकी संरचना से पता चलता है कि चंद्रमा के एक हिस्से में एक बार ज्वालामुखी विस्फोट हुआ था। चंद्रमा की सतह पर ग्रेनाइट कॉम्पटन-बेलकोविच नामक एक संदिग्ध ज्वालामुखीय विशेषता के कारण उत्पन्न हुआ था। यह संभवतः लगभग 3.5 अरब वर्ष पहले चंद्र ज्वालामुखी के उग्र विस्फोटों से उत्पन्न हुए मैग्मा के ठंडा होने के परिणामस्वरूप बना था।
चंद्रमा के बारे में और जानने में मिलेगी मदद
अंतरिक्ष वैज्ञानिकों को लंबे समय से चंद्रमा पर ज्वालामुखी के अवशेष मिलने की आशंका थी, इसलिए यह खोज चौंकाने वाली बात नहीं है। वैज्ञानिकों के लिए आश्चर्य की बात यह है कि ठंडा मैग्मा का यह टुकड़ा कितना बड़ा है, जिसकी अनुमानित चौड़ाई लगभग 50 किलोमीटर है। कॉम्पटन-बेल्कोविच ज्वालामुखी परिसर के नीचे ग्रेनाइट के इस बड़े भंडार की खोज से वैज्ञानिकों को यह समझाने में मदद मिल सकती है कि चंद्रमा के प्रारंभिक इतिहास में चंद्र परत कैसे बनी।