
ब्रिटेन के प्रधानमंत्री कीर स्टार्मर बोले- सेना युद्ध लड़ने की तैयारी की ओर बढ़ रही है
क्या है खबर?
ब्रिटेन के प्रधानमंत्री कीर स्टार्मर ने सोमवार को चौंकाने वाला बयान दिया है। उन्होंने कहा कि ब्रिटेन की सेना युद्ध लड़ने की तैयारी की ओर बढ़ रही है।
प्रधानमंत्री स्टार्मर ने ग्लासगो में BAE सिस्टम्स गोवन दौरे पर भाषण में अपनी रक्षा व्यय योजनाओं की रूपरेखा पेश करते हुए कहा कि सरकार "युद्धकालीन गति से नवाचार करेगी और उसे गति देने" का काम करेगी।
उन्होंने 'समाज के हर हिस्से' से देश की रक्षा में भूमिका निभाने का आह्वान किया।
चेतावनी
रूस द्वारा उत्पन्न खतरों को लेकर चेतावनी दी
अपने भाषण में स्टार्मर ने विशेष रूप से यूक्रेन में चल रहे संघर्ष के बीच रूस द्वारा उत्पन्न खतरे के बारे में चेतावनी दी और परमाणु जोखिम और साइबर हमलों के बारे में भी बताया।
उन्होंने कहा, "देश अब युद्ध के लिए तैयार होगा, और सशस्त्र बलों का केंद्रीय उद्देश्य युद्ध लड़ने की तत्परता होगा। हमें यह स्वीकार करना होगा कि चीजें बदल गई हैं। आज की दुनिया में, अगर आप चाहें तो, अग्रिम पंक्ति यहीं है।"
धमकी
उन्नत सैन्य बल वाले राज्य धमकी दे रहे हैं- स्टार्मर
स्टार्मर ने कहा, "हम जिस खतरे का सामना कर रहे हैं वह शीत युद्ध के बाद से अधिक गंभीर, अधिक तात्कालिक और अधिक अप्रत्याशित है। हम यूरोप में युद्ध, नए परमाणु खतरों, साइबर हमलों, हमारे जलक्षेत्र में बढ़ते रूसी उत्पीड़न का सामना कर रहे हैं।"
उन्होंने कहा कि हमें उन्नत सैन्य बल वाले राज्य सीधी धमकी दे रहे हैं और उन्हें रोकने का तरीका है कि हम तैयार रहें।
उन्होंने कहा कि ब्रिटेन कभी अकेले नहीं लड़ेगा।
बजट
रक्षा बजट बढ़ाएगा ब्रिटेन
ब्रिटेन बढ़ते वैश्विक खतरों के जवाब में अप्रैल 2027 से रक्षा व्यय को सकल घरेलू उत्पाद (GDP) का 2.5 प्रतिशत तक बढ़ाएगी और अगली संसद के दौरान इसे 3 प्रतिशत तक बढ़ाने की संभावना जताई गई है।
इसके अलावा ब्रिटेन 12 नई परमाणु ऊर्जा चालित हमलावर पनडुब्बियों का निर्माण करने जा रहा है।
रक्षा मंत्रालय परमाणु निवारक के लिए नए हथियारों पर 1,500 करोड़ पाउंड खर्च करेगा, जो देश को युद्ध के लिए तैयार करने की योजना का हिस्सा है।
मायने
प्रधानमंत्री स्टार्मर के इस बयान के मायने क्या है?
रूस और यूक्रेन के बीच चल रहे युद्ध में रूस की आक्रामकता को देखते हुए स्टार्मर ने इसे यूरोप की सामूहिक सुरक्षा के लिए खतरा बताया है।
इसके अलावा अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की नीतियों और खासतौर पर यूक्रेन के प्रति उनके रुख से भी यूरोप चिंतित है।
अमेरिका के नाटो के प्रति संशयपूर्ण स्थिति ने भी यूरोपीय देशों को अपनी रक्षा के लिए अधिक सक्रिय किया है।
ब्रिटेन का रक्षा बजट बढ़ाने का संकल्प इसी तैयारी को दिखाता है।