
दिल्ली: बाइक टैक्सी पर लगा प्रतिबंध जल्द हटने की संभावना, नई नीति लाने की तैयारी
क्या है खबर?
दिल्ली की सड़कों पर जल्द ही बाइक टैक्सियां दौड़ती हुई दिख सकती हैं।
अरविंद केजरीवाल की अगुवाई वाली आम आदमी पार्टी (AAP) सरकार कुछ महीनों में एग्रीगेटर पॉलिसी पारित करने की तैयार में है।
कानून विभाग ने एग्रीगेटर नीति को मंजूरी दे दी है और इसमें बाइक टैक्सी के लिए भी प्रावधान किए गए हैं।
परिवहन विभाग ने फरवरी में दिल्ली में बाइक टैक्सी सेवाओं पर प्रतिबंध लगाया था।
टैक्सी
बाइक टैक्सी ड्राइवरों को मिलेगा कॉमर्शियल सर्विस बैज
दिल्ली सरकार के परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत ने टाइम्स ऑफ इंडिया को बताया कि ये नीति कुछ महीनों में लागू हो सकती है।
रिपोर्ट में एक वरिष्ठ अधिकारी के हवाले से बताया गया कि नई नीति के तहत इलेक्ट्रिक बाइक को प्राथमिकता दी जाएगी और इलेक्ट्रिक फ्लीट वाले एग्रीगेटर्स को बाइक टैक्सियों को चलाने की अनुमति दी जाएगी।
अधिकारी ने बताया कि बाइक टैक्सी ड्राइवरों को पुलिस द्वारा वेरिफाई किए जाने के बाद कॉमर्शियल सर्विस बैज दिया जाएगा।
बाइक
नीति को लागू करने के लिए अंतिम मंजूरी की आवश्यकता
अधिकारी के मुताबिक, टैक्सी वाले दोपहिया वाहनों को पीले रंग की कॉमर्शियल नंबर प्लेट जारी की जाएगी। बाइक टैक्सी से जुड़े सभी नियम नीति को मंजूरी दिए जाने के बाद ही लागू किए जाएंगे।
अधिकारी ने कहा कि नीति को लागू करने के लिए संबंधित मंत्रालय और दिल्ली के उपराज्यपाल से अंतिम मंजूरी की आवश्यकता होगी।
ओला, उबर और रैपिडो दिल्ली में बाइक टैक्सी सर्विस प्रदान करती थीं। अभी दिल्ली में बाइक टैक्सी चलाना अवैध है।
नियम
यात्रियों को लास्ट-माइल कनेक्टिविटी प्रदान करती थीं बाइक टैक्सी
रिपोर्ट के मुताबिक, अधिकारी ने कहा कि सरकार बाइक टैक्सी सेवाओं के खिलाफ नहीं थी, बल्कि वो केवल लोगों की सुरक्षा के लिए एक नियम बनाना चाहती थी।
इंटरनेट एंड मोबाइल एसोशिएशन ऑफ इंडिया ने सरकार से बाइक टैक्सी की अनुमति देने का अनुरोध किया था।
एसोशिएशन का कहना था कि बाइक टैक्सी लोगों को लास्ट-माइल कनेक्टिविटी प्रदान करती थी और इससे यातायात की भीड़ कम हुई थी और रोजगार के अवसर पैदा हुए थे।
वजह
क्यों लगाया गया था बाइक टैक्सी पर प्रतिबंध?
परिवहन विभाग ने दिल्ली में बाइक टैक्सी पर प्रतिबंध लगाने वाले अपने नोटिस में कहा था कि यात्रियों को किराए पर ले जाने के लिए गैर-परिवहन यानी निजी रजिस्ट्रेशन वाली दोपहिया वाहनों का उपयोग किया जा रहा है, जो साफ तौर पर कमर्शियल गतिविधि है। यह मोटर वाहन अधिनियम, 1988 का उल्लंघन है।
नियम को न मानने वाले ड्राइवरों पर जुर्माने से लेकर जेल और ड्राइविंग लाइसेंस को निलंबित करते तक का प्रावधान किया गया है।