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अगर आप भी ओला, उबर जैसी कंपनियों को देते हैं अपनी जानकारी, तो हो जाएं सावधान!
क्या आप भी इन कंपनियों को अपनी जानकारी दे रहें।

अगर आप भी ओला, उबर जैसी कंपनियों को देते हैं अपनी जानकारी, तो हो जाएं सावधान!

Jan 31, 2022
09:15 pm

क्या है खबर?

ओला, उबर और रैपिडो जैसी कंपनियां है, जो ऑन डिमांड ट्रांसपोर्टेशन की सुविधा प्रदान करती है। ये कंपनियां ऐप के माध्यम से आपसे जुड़ी जानकारियों को एकत्रित करती हैं। इन कंपनियों का दावा होता है कि ये जानकारियां आगे की सर्विस बेहतर बनाने के लिए होती हैं। लेकिन क्या आपको पता है, ये कंपनियां आपकी जानकारियों का क्या करती हैं। अगर आप नहीं जानते हैं तो हम आपको इस बारे में बताने जा रहे हैं।

कंपनी

डाटा इकट्ठा करने में माहिर हैं ये कंपनियां

बिजनेस स्टैंडर्ड की रिपोर्ट के मुताबिक, साइबर सिक्योरिटी कंपनी सर्फशार्क की एक स्टडी में यह पाया गया है कि कुछ कंपनियां ग्राहकों के डेटा को एकत्र करती है, जिसका इस्तेमाल गलत जगह किया जाता है। स्टडी में ग्रैबटैक्सी, यांडेक्स गो और उबर का नाम सबसे पहले हैं, इनके अलावा ओला कंपनी भी जानकारी एकत्र करने के मामले में छठे नंबर पर हैं। स्टडी के रिपोर्ट के मुताबिक, टैक्सीईयू कंपनी सबसे कम डाटा एकत्र करती है।

डाटा

इस तरह इस्तेमाल होता है आपका डाटा

अक्सर देखा जाता है कि कई बार आपके पास अजनबी कॉल या आपके सोशल साइड पर अचानक ऐड आ जाते हैं। ऐसा इसलिए होता है, क्योंकि ये कंपनियां आपकी जानकारियों को थर्ड पार्टी को बेच देती है, जिसका इस्तेमाल ऐड के लिए होता है। रिपोर्ट के मुताबिक, कुछ कंपनियां तो आपकी गतिविधि पर भी नजर रखती है कि आप क्या कर रहे हो और कौन सी वेबसाइट पर क्या ढूंढ रहे हो।

बेचना

इन जानकारियों को बेचती हैं कंपनियां

सर्फ शार्क के CEO के मुताबिक, स्टडी की रिपोर्ट में जिन 30 राइड हेलिंग ऐप्स को शामिल किया गया था। जिसमें नौ कंपनियां ऐसी है, जो आपकी जानकारी जैसे नाम, पता, मोबाइल नंबर और ई-मेल को ऐड के लिए थर्ड पार्टी को बेचती हैं। वहीं उबर और लिफ्ट जैसी ऐप आपकी जाति, सेक्सुअल झुकाव, चाइल्डबर्थ इंफॉर्मेशन और बायोमीट्रिक डाटा जैसी जानकारी को एकत्रित कर थर्ड पार्टी को बेच देती हैं।

सावधानी

ऐप्स को इंस्टॉल करते समय बरतें सावधानी

जब भी हम किसी नए ऐप को इंस्टॉल करते हैं, तो सिर्फ ओके-ओके का बटन दबाते रहते हैं। हमें ऐसा नहीं करना चाहिए, क्योंकि हम बिना पढ़े, अपने पर्सनल डेटा को एकत्रित करने की इजाजत दे देते हैं। कुछ ऐप्स ऐसी भी हैं, जो सर्विस के नाम पर कॉन्टैक्ट्स, फोन मेमोरी, स्टोरेज वगैरह रीड करने की इजाजत भी मांगती है। इसलिए ऐप्स इंस्टॉल के दौरान बहुत ही सावधानी बरतनी चाहिए, ताकि इस तरह की परेशानियों का सामना न करना पडे़।