एक्सिओम ने स्पेससूट का किया परीक्षण, 50 साल बाद चंद्रमा पर जाएगा इंसान
क्या है खबर?
अंतरिक्ष कंपनी एक्सिओम स्पेस ने एक नया स्पेससूट तैयार किया है, जिसे आर्टेमिस-III मिशन के तहत चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर भेजा जाएगा। यह मिशन 50 साल बाद पहली बार इंसानों को चंद्रमा की सतह पर ले जाने की योजना है। इसी साल जून में जापानी अंतरिक्ष यात्री कोइची वाकाटा ने नासा की न्यूट्रल ब्यूयेंसी लैब में इस सूट का पहला परीक्षण किया। इसके बाद नासा के इंजीनियरों ने भी इसका गहराई से मूल्यांकन किया।
खासियत
संचार, श्वास और ठंडक जैसी सुविधाएं देगा AxEMU
नामक इस स्पेससूट AxEMU की सबसे बड़ी खासियत इसकी संचार प्रणाली, सांस लेने की व्यवस्था और ठंडक बनाए रखने की तकनीक है। पानी के अंदर इसके हर सिस्टम का परीक्षण किया गया, जिससे यह तय किया जा सके कि चंद्रमा जैसी कठिन परिस्थितियों में यह कैसे काम करेगा। सूट इस तरह डिजाइन किया गया है कि अंतरिक्ष यात्री अधिक देर तक काम कर सकें और उन्हें थकान कम हो।
अन्य खासियत
गुरुत्वाकर्षण जैसी स्थिति में भी हुआ परीक्षण
इस स्पेससूट को नासा के ARGOS सिस्टम में 23 बार कम गुरुत्वाकर्षण जैसी स्थिति में परखा गया। इसके अलावा, इसे चंद्रमा जैसी सतह और मिट्टी में भी टेस्ट किया गया, ताकि देखा जा सके कि इसका प्रदर्शन कैसा रहता है। इसके साथ ही, इसे चंद्र वाहन (लूनर टेरेन व्हीकल) के साथ भी चलाकर देखा जा रहा है। यह सूट पहले के मुकाबले ज्यादा लचीलापन, सुरक्षा और गतिशीलता देता है, जिससे काम करना आसान होगा।
डिजाइन
साल के अंत तक डिजाइन समीक्षा में होगा शामिल
AxEMU स्पेससूट इस साल के अंत में 'क्रिटिकल डिजाइन रिव्यू' प्रक्रिया में जाएगा, ताकि यह तय हो सके कि यह मिशन के लिए पूरी तरह तैयार है या नहीं। एक्सिओम स्पेस और नासा की टीमें लगातार प्रशिक्षण और परीक्षण जारी रखेंगी। नासा को उम्मीद है कि यह सूट चंद्रमा पर काम करने के तरीके को पहले से बेहतर बना देगा और आर्टेमिस-III मिशन को पूरी तरह सफल करने में मदद करेगा।