नासा के क्यूरियोसिटी रोवर ने मंगल ग्रह पर ढूंढा शुद्ध सल्फर, माना जा रहा विशेष खोज
क्या है खबर?
अंतरिक्ष एजेंसी नासा के क्यूरियोसिटी रोवर ने मंगल ग्रह पर हाल ही में एक बहुत ही अनोखी खोज की है।
अपने सामान्य मार्टियन शिफ्ट पर काम करते समय रोवर 30 मई को एक चट्टान से टकराकर उस पर से गुजर गया और उसे पूरी तरह से तोड़ दिया। इस टक्कर से पीले रंग का सल्फर क्रिस्टल नजर आया। यह एक ऐसा दृश्य था, जिसे मंगल पर पहले कभी नहीं देखा गया था।
वजह
क्यों विशेष माना जा रहा यह खोज?
क्यूरियोसिटी रोवर के इस खोज को अंतरिक्ष वैज्ञानिक काफी खास मान रहे हैं।
वैसे तो पानी के वाष्पित होने पर बनने वाले इन लवणों का पहले भी पता लगाया गया था, लेकिन तब इनकी जानकारी केवल सल्फर-आधारित खनिजों (सल्फर और अन्य चीजों का मिश्रण) के घटक के रूप में थी।
हालांकि, क्यूरियोसिटी ने अब मंगल ग्रह पर जिसकी खोज की है वह शुद्ध, मौलिक सल्फर है, जो अपनी तरह का पहला है।
महत्व
शुद्ध सल्फर से जीवन का संकेत मिलता है?
मंगल ग्रह पर सल्फर के मिलने से सीधे तौर पर तो यह पुष्टि नहीं होती है कि यह जीवन का प्रमाण है, इसकी उपस्थिति अतीत की पर्यावरणीय स्थितियों के बारे में महत्वपूर्ण सुराग दे सकती है जो जीवन के लिए अनुकूल हो सकती हैं।
इसके निर्माण के लिए विशिष्ट परिस्थितियों की आवश्यकता होती है जो मंगल के स्थान से जुड़ी नहीं थीं। इसलिए, चमकीले, सल्फर से लदे चट्टानों के पूरे क्षेत्र का रहस्योद्घाटन वास्तव में आश्चर्यचकित करने वाली बात है।