सबसे शक्तिशाली रेडियो टेलीस्कोप के निर्माण में योगदान दे रहा भारत, क्यों है यह खास?
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) ने अंतरराष्ट्रीय खगोलीय सहयोग परियोजना में योगदान के लिए अपनी निवेश योजनाएं बनाई हैं, जिसमें 16 से अधिक देश शामिल हैं। इन देशों के सहयोग से स्क्वायर किलोमीटर एरे (SKA) नामक दुनिया का सबसे बड़ा रेडियो टेलिस्कोप विकसित किया जाएगा। इसका लक्ष्य हमारी आकाशगंगा के विकास के संबंध में डाटा उपलब्ध कराना है। इससे शोधकर्ता ब्रह्मांड का अध्ययन करके भौतिकी और ब्रह्मांड विज्ञान के सवालों का जवाब देने में सक्षम होंगे।
इन देशों की मदद से बनाया जाएगा टेलीस्कोप
स्क्वायर किलोमीटर एरे रेडियो टेलीस्कोप को 16 कंसोर्टियम सदस्यों ऑस्ट्रेलिया, दक्षिण अफ्रीका, कनाडा चीन, भारत, जापान, दक्षिण कोरिया, यूनाइटेड किंगडम (UK) द्वारा मिलकर बनाया जाएगा। इस टेलीस्कोप का विकास मुख्य रूप से ऑस्ट्रेलिया और दक्षिण अफ्रीका में होगा। भारत टेलिस्कोप के सफल विकास के लिए इस परियोजना में 1250 करोड़ रुपये का योगदान दे रहा है। यह टेलिस्कोप पृथ्वी के बाहर जीवन के रहस्यों को उजागर कर सकती है, जिससे ब्रह्मांड में एलियंस की मौजूदगी का पता लगाया जा सकेगा।
2029 तक तैयार हो जाएगा टेलिस्कोप
परियोजना का महत्वपूर्ण पहलू आकाशगंगा का अध्ययन करना है, इसलिए बेहतर दृश्यता प्राप्त करने के लिए टेलिस्कोप का निर्माण दक्षिणी गोलार्ध में किया जा रहा है। यह दुनिया का अब तक विकसित सबसे बड़ा और सबसे शक्तिशाली रेडियो टेलीस्कोप होने की उम्मीद है। टेलीस्कोप अभी विकासाधीन है और इसे 2 चरणों में बनाया जाएगा। इसका निर्माण दिसंबर, 2022 में शुरू किया गया था और इसके 2029 तक पूरा होने की उम्मीद है।