इन आईफोन यूजर्स को 15 डॉलर का भुगतान करेगी ऐपल, जानबूझकर स्लो किए थे डिवाइस

ऐपल आईफोन्स की पहचान उनकी तेज प्रोसेसिंग स्पीड और शानदार परफॉर्मेंस के चलते होती है, लेकिन कभी ऐपल ने जानबूझकर अपने डिवाइस स्लो किए थे। कंपनी अब करीब छह साल पुराने लॉसूट को सेटल कर रही है और प्रभावित आईफोन यूजर्स को 15 डॉलर का भुगतान करने के लिए तैयार है। बता दें, मामला आईफोन 4s डिवाइसेज से जुड़ा है, जिसे साल 2015 में iOS 9 अपडेट देकर स्लो किया गया था।
आईफोन 4s यूजर्स के एक ग्रुप की ओर से ऐपल के खिलाफ न्यू यॉर्क और न्यू जर्सी में यह लॉसूट फाइल किया गया था। इसमें दावा किया गया था कि ऐपल ने iOS 9 अपडेट के साथ जानबूझकर अपने डिवाइसेज की परफॉर्मेंस स्लो कर दी है। यूजर्स ने कहा कि iOS 9 के साथ डिवाइस के ज्यादा तेज और रिस्पॉन्सिव होने का दावा किया गया था, लेकिन ऐसा नहीं हुआ, उल्टा डिवाइसेज की परफॉर्मेंस पहले के मुकाबले स्लो हो गई।
ऐपल दुनिया की सबसे सफल टेक कंपनियों में से एक है। आप सुनकर चौंक जाएंगे कि ऐपल के पास दुनिया की सबसे ताकतवर सरकार से भी ज्यादा कैश है। फोर्ब्स के मुताबिक, ऐपल के पास एक वक्त में अमेरिकी सरकार से दोगुना कैश था।
लॉसूट में कहा गया था कि ऐपल चाहती थी कि उसके यूजर्स अपने डिवाइसेज अपग्रेड करें। माना जा रहा है कि इसी वजह से कंपनी अपने पुराने डिवाइसेज को स्लो कर रही थी और नए डिवाइसेज में बेहतर परफॉर्मेंस दे रही थी। सुनवाई के दौरान पाया गया कि ऐपल ने अपने ग्राहकों से झूठ बोला और अपडेट ने जैसा वादा किया था, इंस्टॉल करने के बाद उससे बिल्कुल उल्टा हुआ।
MacRumors की रिपोर्ट के मुताबिक, ऐपल ने आईफोन 4s की स्लो परफॉर्मेंस से प्रभावित होने वाले को मुआवजा देने का वादा किया है। कंपनी ने लॉसूट सेटल करते हुए इसके लिए दो करोड़ डॉलर की रकम तय की है। ऐपल उन्हीं आईफोन यूजर्स को सेटलमेंट से जुड़ी रकम देगी, जो डिक्लियर करेंगे कि उन्होंने अपने आईफोन 4s में iOS 9 इंस्टॉल किया था, जिसके चलते डिवाइस की परफॉर्मेंस प्रभावित हुई।
टेक कंपनी ने प्रभावित ग्राहकों को 15 डॉलर (करीब 1,150 रुपये) का भुगतान मुआवजे के तौर पर करने की बात कही है। इसके लिए अलग से एक वेबसाइट तैयार की जाएगी, जिसपर अपनी जानकारी देने के बाद ग्राहकों को फॉर्म सबमिट करना होगा। इस फॉर्म में नाम, ईमेल, आईफोन 4s का सीरियल नंबर और ईमेल एड्रेस जैसी जानकारी भरनी होगी। क्लेम सही पाए जाने पर ऐपल की ओर से भुगतान किया जाएगा।
यह पहली बार नहीं है, जब सबसे बड़ी टेक कंपनियों में शामिल ऐपल पर डिवाइस स्लो करने के आरोप लगे हैं। साल 2017 में भी कंपनी पर पुराने आईफोन्स को स्लो करने के आरोप लगे थे। कहा गया था कि ऐसा बैटरी से जुड़ी दिक्कतों और अचानक डिवाइसेज बंद होने के चलते किया गया। बता दें, ऐपल को ऐसा करने के बदले लॉसूट के चलते अमेरिका में 50 करोड़ डॉलर का भारी जुर्माना भरना पड़ा था।