नासा रोमन स्पेस टेलीस्कोप को कर रही अपग्रेड, अंतरिक्ष के रहस्यों का होगा खुलासा
नासा की नैन्सी ग्रेस रोमन स्पेस टेलीस्कोप टीम ने एक बड़ी सफलता हासिल की है। उन्होंने रोमन कोरोनाग्राफ इंस्ट्रूमेंट को टेलीस्कोप के इंस्ट्रूमेंट कैरियर में सफलतापूर्वक जोड़ दिया है। यह काम नासा के गोडार्ड स्पेस फ्लाइट सेंटर में हुआ। कोरोनाग्राफ को नासा की जेट प्रोपल्शन लेबोरेटरी (JPL) में डिजाइन और टेस्ट किया गया था। यह उपकरण नासा के अगले मिशन का हिस्सा है, जिसका लक्ष्य डार्क एनर्जी, एक्सोप्लैनेट और इन्फ्रारेड खगोल भौतिकी से जुड़े रहस्यों का पता लगाना है।
ग्रहों की खोज होगी आसान
रोमन कोरोनाग्राफ इंस्ट्रूमेंट एक उन्नत तकनीक है, जो अपने मेजबान सितारों से प्रकाश को अवरुद्ध करके एक्सोप्लैनेट का सीधे निरीक्षण करता है। यह तकनीक मास्क, प्रिज्म और सेल्फ-फ्लेक्सिंग मिरर का उपयोग करके ग्रहों को दिखाती है। नासा के वैज्ञानिक रॉब जेलेम के अनुसार, यह तकनीक अगले मिशनों में उपयोग की जाएगी, जो पृथ्वी जैसे ग्रहों की तलाश करेंगे। कोरोनाग्राफ का उद्देश्य हैबिटेबल वर्ल्ड्स ऑब्जर्वेटरी जैसे भविष्य के मिशनों के लिए तकनीकी कदम के रूप में काम करना है।
रोमन कोरोनाग्राफ का एकीकरण
रोमन कोरोनाग्राफ को इंस्ट्रूमेंट कैरियर पर जोड़ा गया, जो अंतरिक्ष टेलीस्कोप के दर्पण और यान को जोड़ने वाली संरचना है। इसे विशेष उपकरणों और एडेप्टर से सावधानीपूर्वक स्थापित किया गया। इसमें जोड़े गए कोरोनाग्राफ का आकार एक बेबी ग्रैंड पियानो के समान है, और इसे सही तापमान बनाए रखने के लिए इन्सुलेशन जोड़ा गया। इस महत्वपूर्ण एकीकरण से मिशन के अगले कदम के लिए एक मजबूत आधार तैयार हुआ है।
भविष्य की योजनाएं
रोमन स्पेस टेलीस्कोप के वाइड फील्ड इंस्ट्रूमेंट को इस वर्ष के अंत तक जोड़ा जाएगा और इसके बाद टीम विभिन्न परीक्षणों से यह सुनिश्चित करेगी कि सभी उपकरण सही ढंग से काम कर रहे हैं। इस सफल एकीकरण के बाद, टीम की मेहनत और सहयोग के परिणामस्वरूप मिशन के अगले चरण को गति मिलेगी। नासा, JPL और अन्य अंतरराष्ट्रीय भागीदारों का सहयोग अंतरिक्ष के खोज की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।