नासा का ब्लू घोस्ट-1 मिशन क्या है, जो अगले साल होगा लॉन्च?
अंतरिक्ष एजेंसी नासा 2025 में चंद्रमा, मंगल और बृहस्पति समेत कई अन्य ग्रहों के लिए महत्वपूर्ण मिशनों को लॉन्च करने वाली है। अगले साल लॉन्च होने वाले मिशनों में से एक नासा का ब्लू घोस्ट-1 मिशन भी है, जो नासा के महत्वाकांक्षी आर्टेमिस कार्यक्रम का हिस्सा है। इस मिशन को टेक्सास स्थित एयरोस्पेस कंपनी फायरफ्लाई एयरोस्पेस द्वारा विकसित किया गया है और इसका उद्देश्य चंद्रमा पर वैज्ञानिक खोजों को बढ़ावा देना है।
ब्लू घोस्ट-1 मिशन जनवरी में होगा लॉन्च
ब्लू घोस्ट-1 मिशन को 2025 के जनवरी महीने में लॉन्च किया जाना है। इसे स्पेस-X के फाल्कन 9 रॉकेट की मदद से अंतरिक्ष में भेजा जाएगा। मिशन के तहत लैंडर को चंद्रमा के 'मारे क्रिसियम' नामक क्षेत्र में उतारा जाएगा, जो चंद्रमा का एक विशाल ज्वालामुखीय मैदान है। यह क्षेत्र वैज्ञानिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है, क्योंकि इससे चंद्रमा की सतह के विकास और संरचना के बारे में नई जानकारियां मिल सकती हैं।
मिशन के उपकरण और तकनीक
ब्लू घोस्ट लैंडर चंद्रमा पर सटीक लैंडिंग और वैज्ञानिक उपकरण तैनात करने के लिए बनाया गया है। यह लैंडर चंद्र सतह पर उपकरण चलाने, डाटा इकट्ठा करने और उसे पृथ्वी तक भेजने का काम करेगा। इसमें थर्मल जांच चंद्रमा का तापमान मापेगी, रेडियो विज्ञान उपकरण पृथ्वी-चंद्रमा के संचार का अध्ययन करेगा और मिट्टी व धूल विश्लेषण से चंद्र सतह की संरचना की जानकारी मिलेगी। यह मिशन चंद्रमा की गहराई से समझ बढ़ाने के लिए महत्वपूर्ण है।
155 किलोग्राम है पेलोड की क्षमता
ब्लू घोस्ट-1 मिशन को नासा की कमर्शियल लूनर पेलोड सर्विसेज (CLPS) पहल के तहत चुना गया। इसका लैंडर एक बॉक्स जैसे ढांचे और चार लैंडिंग पैरों के साथ बनाया गया है, जिसमें 155 किलोग्राम पेलोड क्षमता है। ऊर्जा के लिए सौर पैनल का उपयोग होता है, जो 650W तक बिजली दे सकते हैं। लैंडर में तापमान नियंत्रण के लिए इन्सुलेशन और हीटर लगाए गए हैं। संचार प्रणाली औसत 6mbps डाउनलिंक और 0.2kbps अपलिंक प्रदान करती है।
ब्लू घोस्ट-1 मिशन का उद्देश्य क्या है?
ब्लू घोस्ट-1 मिशन का मुख्य उद्देश्य चंद्रमा की सतह, उसकी मिट्टी और तापमान का अध्ययन करना है। मिशन के तहत 10 पेलोड तैनात किए जाएंगे, जिनमें वैज्ञानिक उपकरण और नई तकनीकें शामिल हैं। यह मिशन चंद्रमा की मिट्टी (रेगोलिथ) की संरचना और विकास को समझेगा। साथ ही, रेडियो उपकरणों से पृथ्वी-चंद्रमा के बीच संचार और नेविगेशन का परीक्षण किया जाएगा। नई तकनीकों का परीक्षण भी किया जाएगा, जो भविष्य के मानव अभियानों के लिए उपयोगी होंगी।
ब्लू घोस्ट-1 मिशन का लाभ
ब्लू घोस्ट-1 मिशन आर्टेमिस कार्यक्रम को समर्थन देकर चंद्रमा पर मानव उपस्थिति के प्रयासों को बढ़ाएगा। यह निजी कंपनियों और नासा की साझेदारी से अंतरिक्ष खोज की नई संभावनाएं खोलेगा। मिशन चंद्रमा की सतह और उसकी संरचना पर नई वैज्ञानिक जानकारी देगा, जो भविष्य के अभियानों के लिए फायदेमंद होगी। साथ ही, यह नई तकनीकों और उपकरणों को चंद्रमा पर परखने का अवसर है, जिससे अंतरिक्ष खोज की तकनीकी क्षमताएं बेहतर बनेंगी।