संसद में संविधान पर क्यों हो रही है चर्चा? जानें तारीखों का ऐतिहासिक महत्व
संसद का शीतकालीन सत्र चल रहा है। बीते कुछ दिनों से दोनों सदनों में हंगामे के बीच फिलहाल संविधान पर चर्चा हो रही है। लोकसभा में 13 और 14 दिसंबर को संविधान पर चर्चा हुई। वहीं, राज्यसभा में 16 और 17 दिसंबर को संविधान पर चर्चा होगी। दरअसल, संविधान सभा द्वारा भारतीय संविधान के अपनाए जाने की 75वीं वर्षगांठ पर ये चर्चा हो रही है। आइए जानते हैं तारीखों का क्या महत्व है।
लोकसभा में 13-14 दिसंबर को विशेष चर्चा क्यों?
संविधान लागू होने के 75 साल होने पर लोकसभा में 13 और 14 दिसंबर को चर्चा हुई। इन तारीखों को तय करने के पीछे संविधान के निर्माण से जुड़ी एक अहम घटना वजह है। दरअसल, 13 दिसंबर, 1946 को पंडित जवाहरलाल नेहरू ने संविधान सभा में 'उद्देश्य प्रस्ताव' पेश किया था। संविधान के स्वरूप को इस उद्देश्य प्रस्ताव ने काफी हद तक प्रभावित किया। संविधान की वर्तमान प्रस्तावना उस उद्देश्य प्रस्ताव का ही परिवर्तित रूप है।
26 नवंबर, 1949 को अपनाया गया था संविधान
9 दिसंबर, 1946 को संविधान सभा की पहली बैठक हुई थी। संविधान सभा में 299 सदस्य थे। ड्राफ्टिंग समिति का नेतृत्व डॉक्टर भीमराव अंबेडकर कर रहे थे। डॉक्टर अंबेडकर ने 4 नवंबर, 1948 को संविधान का अंतिम प्रारूप पेश किया और इसी दिन संविधान को पहली बार पढ़ा गया। संविधान पर दूसरी बार 15 नवंबर, 1948 से चर्चा शुरू हुई, जो 17 अक्टूबर, 1949 तक चली। संविधान को तैयार होने में 2 साल, 11 महीने, 18 दिन का समय लगा।
लागू किए जाने के वक्त कैसा था संविधान?
संविधान पर तीसरी बार 14 नवंबर, 1949 से चर्चा शुरू हुई थी। तब डॉक्टर अंबेडकर ने 'द कॉन्सटिट्यूशन ऐज सैटल्ड बाई द असेंबली बी पास्ड' प्रस्ताव पेश किया था। इस प्रस्ताव को 26 नवंबर, 1949 को पारित किया गया। 299 सदस्यों में से 284 सदस्य ने संविधान पर हस्ताक्षर किए थे। 26 नवंबर, 1949 को संविधान को अपनाने के वक्त इसमें प्रस्तावना के अलावा 22 भाग, 395 अनुच्छेद और 8 अनुसूचियां थीं।
सरकार कर रही है अलग-अलग आयोजन
सरकार ने 26 नवंबर को संविधान दिवस पर साल भर चलने वाले राष्ट्रीय अभियान की शुरुआत की थी। मुख्य कार्यक्रमों में भारतीय संविधान की ऐतिहासिक यात्रा पर एक डाक्यूमेंट्री, संविधान की 75वीं वर्षगांठ को समर्पित एक स्मारक सिक्का एवं डाक टिकट और 'भारत के संविधान का निर्माण: एक झलक' और 'भारत के संविधान का निर्माण एवं इसकी गौरवशाली यात्रा' नामक पुस्तकों का विमोचन शामिल है। संविधान का संस्कृत और मैथिली भाषा में भी विमोचन होगा।
चर्चा के दौरान लोकसभा में क्या-क्या हुआ?
13 दिसंबर को लोकसभा में सरकार की ओर से चर्चा की शुरुआत रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने की। उन्होंने कहा था कि कुछ लोगों ने संविधान को हाइजैक कर लिया है। इसी दिन प्रियंका गांधी ने भी संसद में अपना पहला भाषण देते हुए सरकार और भाजपा पर तीखे हमले किए थे। आज चर्चा की शुरुआत किरेन रिजिजू ने की। इसके बाद लोकसभा में नेता विपक्ष राहुल गांधी और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी भाषण दिया।