उमर अब्दुल्ला ने चौधरी को क्यों बनाया उपमुख्यमंत्री और सरकार में शामिल क्यों नहीं हुई कांग्रेस?
उमर अब्दुल्ला ने जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री पद की शपथ ले ली है। इस दौरान 2 फैसलों की बहुत चर्चा है। उमर के साथ 5 विधायकों ने भी मंत्री पद की शपथ ली। इनमें सुरिंदर सिंह चौधरी का नाम भी शामिल हैं, जिन्हें उमर सरकार में उपमुख्यमंत्री बनाया गया है। इसके अलावा एक चौंकाने वाले फैसले में कांग्रेस सरकार में शामिल नहीं हुई है और बाहर से समर्थन दे रही है। आइए इन फैसलों की वजह जानते हैं।
सरकार में शामिल क्यों नहीं हुई कांग्रेस?
कांग्रेस के सरकार में शामिल नहीं होने के पीछे अनुच्छेद 370 को सबसे बड़ी वजह माना जा रहा है। दरअसल, उमर की पार्टी नेशनल कॉन्फ्रेंस (NC) अनुच्छेद 370 को दोबारा लागू किए जाने की मांग कर रही है। इस मुद्दे पर भाजपा कांग्रेस को घेर चुकी है। अगले महीने झारखंड और महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव होना है। इसके बाद दूसरे राज्यों में भी चुनाव है। ऐसे में चुनावी राज्यों में कांग्रेस को ये मुद्दा नुकसान पहुंचा सकता है।
कांग्रेस के सरकार से दूरी के और क्या हैं कारण?
रिपोर्ट्स के मुताबिक, जम्मू-कश्मीर में पहली बार कांग्रेस का प्रदर्शन काफी खराब है। पार्टी को केवल 6 सीटों पर जीत मिली है। माना जा रहा है कि कांग्रेस हाईकमान ने किसी विधायक को मंत्री न बनाकर स्थानीय नेताओं को मेहनत करने का संदेश दिया है। कहा जा रहा है कि उमर कांग्रेस को 1-2 मंत्री पद देना चाह रहे थे, जो एक तरह से सांकेतिक भागीदारी थी। इस वजह से कांग्रेस सरकार में शामिल नहीं हुई।
चौधरी क्यों बनाए गए उपमुख्यमंत्री?
हालिया सालों में NC की छवि कश्मीर घाटी की पार्टी वाली हो गई थी। पार्टी पर जम्मू की उपेक्षा करने के आरोप लगते रहे हैं। ऐसे में चौधरी को उपमुख्यमंत्री बनाकर उमर ने जम्मू और कश्मीर दोनों को साधा है। चौधरी को उपमुख्यमंत्री बनाकर हिंदू मतदाताओं को भी सकारात्मक संदेश देने की कोशिश की गई है। माना जाता है कि घाटी से हिंदुओं के पलायन के बाद NC की हिंदू वोटबैंक पर पकड़ कमजोर हो गई है।
चौधरी को मिला रविंदर रैना को हराने का इनाम?
चौधरी ने राजौरी जिले की नौशेरा विधानसभा सीट से जीत हासिल की है। उन्होंने जम्मू-कश्मीर भाजपा के अध्यक्ष रविंदर रैना को हराया था। माना जा रहा है कि चौधरी को जम्मू कश्मीर में भाजपा के सबसे बड़े चेहरे को हराने का इनाम उपमुख्यमंत्री के रूप में मिला है। 2014 के विधानसभा चुनाव में भी नौशेरा सीट पर चौधरी और रैना आमने-सामने थे। तब रैना को जीत मिली थी, जिसका बदला अब चौधरी ने ले लिया है।
कौन हैं चौधरी?
चौधरी नौशेरा से विधायक हैं और करीब एक साल पहले ही भाजपा से NC में शामिल हुए हैं। इससे पहले वे पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (PDP) और बहुजन समाज पार्टी (BSP) में भी रह चुके हैं। हिंदू बहुल जम्मू में वे NC के इकलौते विधायक हैं। राजनीति में आने से पहले चौधरी जम्मू स्थित शेर-ए-कश्मीर कृषि विश्वविद्यालय में काम करते थे, जहां वह एनसी के श्रमिक संघ की इकाई के प्रमुख थे।
चौधरी को उपमुख्यमंत्री बनाने पर उमर ने क्या कहा?
उमर ने कहा, "हमारा प्रयास सभी को साथ लेकर चलने का होगा। 5 मंत्रियों ने भी पद की शपथ ली। 3 मंत्री पद खाली हैं, जिन्हें धीरे-धीरे भरा जाएगा। मैंने कहा था कि हम जम्मू को यह महसूस नहीं होने देंगे कि इस सरकार में उनकी कोई आवाज या प्रतिनिधि नहीं है। मैंने जम्मू से एक उपमुख्यमंत्री चुना है, ताकि जम्मू के लोगों को लगे कि यह सरकार उतनी ही उनकी है, जितनी बाकी लोगों की है।"