
#NewsBytesExplainer: भाजपा ने कर्नाटक के पूर्व उपमुख्यमंत्री केएस ईश्वरप्पा को पार्टी से क्यों निकाला?
क्या है खबर?
भाजपा ने कर्नाटक के पूर्व उपमुख्यमंत्री केएस ईश्वरप्पा को 6 साल के लिए पार्टी से निष्कासित कर दिया है।
ईश्वरप्पा पर पार्टी को शर्मसार करने का आरोप लगाते हुए भाजपा ने कहा कि यह पार्टी अनुशासन का उल्लंघन है।
हालांकि, ईश्वरप्पा ने उम्मीद जताई है कि चुनाव में जीत के बाद उनकी पार्टी में एक बार फिर से वापसी हो जाएगी।
आइए जानते हैं कि यह पूरा मामला क्या है और भाजपा ने ईश्वरप्पा को पार्टी से क्यों निकाला।
बयान
भाजपा ने निष्कासन के आदेश में क्या कहा?
ईश्वरप्पा को निकालने के अपने आदेश में कर्नाटक भाजपा की अनुशासन समिति ने कहा, "पार्टी के निर्देशों को नजरअंदाज करके आप (ईश्वरप्पा) आप शिवमोग्गा लोकसभा सीट से बागी उम्मीदवार के तौर पर लड़ रहे हैं, जिससे पार्टी को शर्मिंदगी उठानी पड़ी है। यह पार्टी अनुशासन का उल्लंघन है।"
समिति ने आगे कहा, "आपको सभी जिम्मेदारियों से मुक्त किया जाता है और तत्काल प्रभाव से 6 साल के लिए पार्टी से निकाला जाता है।"
नाराजगी
भाजपा के ईश्वरप्पा को निकालने का क्या कारण?
दरअसल, ईश्वरप्पा कर्नाटक की हावेरी सीट से अपने बेटे केई कांतेश को भाजपा का टिकट नहीं मिलने के बाद से बागी हो गए थे।
वह अपने बेटे को टिकट न मिलने के लिए पूर्व मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा को जिम्मेदार मानते हैं और इसी कारण शिवमोग्गा से येदियुरप्पा के बेटे बीवाई विजयेंद्र के खिलाफ चुनाव लड़ रहे हैं।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, अमित शाह जैसे शीर्ष भाजपा नेताओं ने ईश्वरप्पा को मनाने की कोशिश भी की थी, लेकिन वह नहीं माने।
अन्य बातें
अन्य किन बातों पर ईश्वरप्पा येदियुरप्पा से नाराज?
ईश्वरप्पा ने परिवारवाद को लेकर भी येदियुरप्पा पर निशाना साधा है। उन्होंने कहा था कि जैसे कांग्रेस पर एक परिवार का नियंत्रण है, वैसे ही कर्नाटक भाजपा भी एक परिवार के नियंत्रण में है, जिसका उन्हें विरोध करना होगा।
इसके अलावा ईश्वरप्पा ने येदियुरप्पा पर हिंदुत्ववादी नेताओं को किनारे करने का आरोप भी लगाया है। इनमें नलिन कुमार कटील, प्रताप सिम्हा, सीटी रवि, अनंत हेगड़े और सदानंद गौड़ा जैसे नेता शामिल हैं।
बयान
भाजपा से निकाले जाने पर ईश्वरप्पा ने क्या कहा?
भाजपा ने निष्कासित किए जाने के बाद भी ईश्वरप्पा के तेवर नहीं बदले हैं। उन्होंने कहा कि वह किसी निष्कासन से नहीं डरते और शिवमोग्गा से निर्दलीय चुनाव लड़ेंगे।
उन्होंने कहा, "मैंने गैर-पार्टी उम्मीदवार के तौर पर लड़ने का फैसला लिया है। मुझे अभी भी आशा है, मैं किसी निष्कासन से नहीं डरता। मैं चुनाव लडूंगा, जीतूंगा और वापस भाजपा में जाऊंगा। मैं कमल चिन्ह पर 5 कार्यकाल पूरे कर चुका हूं।"
परिचय
कौन हैं ईश्वरप्पा?
कुरुबा जाति से आने वाले ईश्वरप्पा 1980 के दशक से भाजपा से जुड़े हुए थे। उन्हें आपातकाल में जेल जाना पड़ा था।
1989 में वह पहली बार शिवमोग्गा सीट से विधानसभा चुनाव लड़े और जीत दर्ज की। इसके बाद वह 4 बार और इस सीट से जीते।
2010 में वह कर्नाटक भाजपा के अध्यक्ष बने और जुलाई, 2012 में कर्नाटक के उपमुख्यमंत्री बने।
2023 में उन्होंने राजनीति छोड़ दी, लेकिन बेटे को टिकट न मिलने के बाद वापस आ गए।
मुकाबला
कर्नाटक में कांग्रेस और भाजपा के बीच है मुकाबला
बता दें कि कर्नाटक की 28 लोकसभा सीटों पर राज्य की सत्ता पर काबिज कांग्रेस और भाजपा के बीच सीधा मुकाबला है।
पिछले लोकसभा चुनाव में भाजपा ने यहां 25 सीटें जीती थीं, वहीं एक सीट पर उसके द्वारा समर्थित निर्दलीय उम्मीदवार जीता था। कांग्रेस और जनता दल सेक्युलर (JDS) के खाते में महज एक सीट आई थी।
कांग्रेस इस बार यहां अपनी सीटें बढ़ने की उम्मीद कर रही है, वहीं भाजपा भी अपने आंकड़े को बढ़ाना चाहती है।