कर्नाटक: दुकानों के लिए राहत, कन्नड़ भाषा में साइनबोर्ड लगाने की अवधि 2 सप्ताह बढ़ाई गई
कर्नाटक में व्यावसायिक प्रतिष्ठानों के साइन बोर्ड पर 60 प्रतिशत कन्नड़ भाषा के उपयोग करने के मामले में दुकानदारों को राज्य सरकार ने बड़ी राहत दी है। कर्नाटक सरकार ने इसकी समय सीमा 2 सप्ताह बढ़ा दी है, जो पहले 28 फरवरी तक थी। गुरुवार को राज्य के उपमुख्यमंत्री और बेंगलुरु विकास मंत्री डीके शिवकुमार ने इसकी जानकारी दी। बृहत बेंगलुरु महानगर पालिका (BBMP) के मुख्य आयुक्त तुषार गिरि नाथ ने दिसंबर, 2023 में यह आदेश जारी किया था।
क्या है मामला?
BBMP ने दिसंबर, 2023 में फरवरी के अंत तक सभी प्रतिष्ठानों को साइनबोर्ड पर 60 प्रतिशत कन्नड़ भाषा लिखने का आदेश दिया था। ऐसा न करने पर जुर्माना या कार्रवाई करने की बात कही थी। इसके बाद कन्नड समर्थक संगठनों ने कई जगहों पर विरोध-प्रदर्शन कर सभी साइन बोर्ड कन्नड़ भाषा में लगाने की मांग की। हिंसक विरोध-प्रदर्शन के बाद सरकार अध्यादेश लेकर आई। इसमें साइन बोर्ड के ऊपरी हिस्से में कन्नड़ भाषा को अनिवार्य किया गया।
शिवकुमार ने क्या कहा?
शिवकुमार ने एक्स पर कहा, 'यह ध्यान में रखते हुए कि साइनबोर्ड बदलने में समय लगता है, सरकार ने व्यावसायिक प्रतिष्ठानों को दी गई समय सीमा को 2 सप्ताह और बढ़ाने का फैसला किया है, ताकि आदेश का पालन किया जा सके।' उन्होंने लिखा, "यह महत्वपूर्ण है कि हम अपनी मातृभाषा का पूरा सम्मान करें। हम उम्मीद करते हैं कि इस कानून का विधिवत पालन किया जाएगा और 2 सप्ताह की विस्तारित अवधि के अंत तक हम इसका अनुपालन देखेंगे।"
आदेश पर दुकानदारों का क्या कहना है?
टाइम्स ऑफ इंडिया ने येलाचेन्नाहल्ली में साइनगेर के मालिक जुबैर अहमद खान के हवाले से कहा, "हर कोई नियमों का पालन करने और बदलाव करने के लिए सहमत हो गया है, लेकिन दी गई समय सीमा पर इसे पूरा करना हर किसी के लिए थोड़ा कठिन है। हमें प्रतिदिन कम से कम 15 ऑर्डर मिलते हैं और उन्हें समय पर पूरा करने में हम व्यस्त हैं है। मजदूरों को काम पूरा करने के लिए दबाव महसूस होता है।"
साइनबोर्ड बदलने की लागत बढ़ी
एक स्थानीय रिपोर्ट के अनुसार, शनिवार से कन्नड़ भाषा में साइनबोर्ड के इस्तेमाल में तेजी देखने को मिली है। यह तेजी BBMP के कर्मचारियों द्वारा कुछ दुकानों के अंग्रेजी बोर्ड हटाने के वीडियो सामने आने के बाद आई है। रिपोर्ट के अनुसार, व्यावसायिक प्रतिष्ठानों के लिए साइबोर्ड बदलने की लागत बढ़ गई है। नए साइनबोर्ड बनाने और मौजूदा साइनबोर्ड को संशोधित करने की लागत लगभग 35 प्रतिशत बढ़ गई है।
अब तक 94 प्रतिशत प्रतिष्ठानों ने बदले साइनबोर्ड
BBMP मुख तुषार ने कहा कि बेंगलुरु शहर में 55,000 से अधिक दुकानें हैं, जिनमें से लगभग 94 प्रतिशत प्रतिष्ठानों ने साइनबोर्ड बदल दिए हैं। उन्होंने कहा, "शेष 6 प्रतिशत यानि 3,044 दुकानों ने अभी तक निर्देश का अनुपालन नहीं किया है।"