रामेश्वरम कैफे धमाका: CCTV में कैद हुआ संदिग्ध, IED के इस्तेमाल की आशंका
बेंगलुरु के रामेश्वरम कैफे में 1 मार्च को हुए धमाके की जांच शुरू हो गई है। बम स्क्वॉड, फॉरेंसिक और राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) की टीम घटना की जांच कर रही है। पहले कहा जा रहा था कि विस्फोट गैस सिलेंडर फटने से हुआ है, लेकिन अब नई जानकारी सामने आई है। आशंका है कि धमाके में इंप्रोवाइज्ड एक्सप्लोसिव डिवाइस (IED) का इस्तेमाल किया गया है। एक संदिग्ध भी CCTV कैमरे में कैद हुआ है।
चश्मा और मास्क पहने संदिग्ध की तलाश
CCTV कैमरे में कैद हुए संदिग्ध ने खुद का चेहरा छिपाने के लिए टोपी, मास्क और चश्मा पहन रखा है। अपने साथ काला बैग लाए इस संदिग्ध ने पहले कैफ में नाश्ता किया और फिर बैग को वहीं छोड़ कर चला गया। माना जा रहा है कि इसी बैग में IED था, जिससे धमाका हुआ। इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक, डिजिटल टाइमर के जरिए स्टील के टिफिन में मौजूद बल्ब फिलामेंट को गरम किया गया, जिससे धमाका हुआ।
मंगलुरू बम धमाके से जुड़ रहे घटना के तार
फिलामेंट डेटोनेटर का उपयोग आमतौर पर इस्लामिक स्टेट (IS) के लोगों द्वारा द्वारा किया जाता है। 19 नवंबर, 2022 को मंगलुरु में एक ऑटो रिक्शा में धमाका हुआ था। रामेश्वरम कैफे और मंगलुरू धमाके में इस्तेमाल किए गए उपकरण में कई समानताएं सामने आ रही हैं। इंडियन एक्सप्रेस से बात करते हुए एक पुलिस सूत्र ने कहा, "डेटोनेटर वही है, जो मंगलुरु घटना में था, लेकिन इस्तेमाल किए गए विस्फोटक जैसे कुछ अन्य पहलू थोड़े अलग प्रतीत होते हैं।"
कर्नाटक के मुख्यमंत्री करेंगे बैठक
घटना के बाद कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने आज बड़ी बैठक बुलाई है। इसमें गृह विभाग के बड़े अधिकारी शामिल होंगे, वहीं कर्नाटक के उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार और गृह मंत्री जी परमेश्वर ने भी घटनास्थल का दौरा किया है। शिवकुमार ने कहा, "धमाके के आरोपियों को जल्द ही गिरफ्तार कर लिया जाएगा। आरोपी की उम्र 28 से 30 साल के बीच है। CCTV फुटेज से पता चला है कि वह कैफे में आया और रवा इडली का ऑर्डर दिया।"
धमाके में 9 लोग घायल
धमाके में 9 लोग घायल हुए थे, जिनमें से एक महिला लगभग 40 प्रतिशत जल गई है। उन्हें ICU में भर्ती कराया गया है। बाकी लोगों को मामूली चोटें आई हैं। घायलों में कैफे कर्मचारी फारूक, अमेजन कर्मचारी दीपांशु और एक 5 साल की बच्ची भी शामिल हैं। कर्नाटक के राज्यपाल थावरचंद गहलोत ने अस्पताल पहुंचकर घायलों का हाल-चाल जाना। पुलिस संदिग्ध की पहचान करने के लिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) तकनीक द्वारा संचालित फैशियल रिक्गनीशन का इस्तेमाल कर रही है।