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    बाबरी मस्जिद विध्वंस: सभी आरोपियों के बरी होने के फैसले पर किसने क्या कहा?

    बाबरी मस्जिद विध्वंस: सभी आरोपियों के बरी होने के फैसले पर किसने क्या कहा?

    लेखन मुकुल तोमर
    Sep 30, 2020
    03:18 pm

    क्या है खबर?

    लखनऊ की विशेष अदालत ने आज 28 पुराने बाबरी मस्जिद विध्वंस मामले में फैसला सुनाते हुए भाजपा नेता लालकृष्ण आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी और उमा भारती समेत सभी आरोपियों को बरी कर दिया।

    कोर्ट ने अपने फैसले में कहा कि मस्जिद का विध्वंस सुनियोजित नहीं था और मामले में आरोपियों के खिलाफ पर्याप्त सबूत मौजूद नहीं हैं।

    कुछ नेताओं ने इस फैसले का स्वागत है तो कुछ ने इस पर सवाल उठाए हैं। आइए जानते हैं किसने क्या कहा।

    बयान

    आडवाणी बोल- मेरा और भाजपा के विश्वास को सही साबित करता है फैसला

    मामले के आरोपियों में सबसे बड़े चेहरे लालकृष्ण आडवाणी ने फैसले पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा, "मैं इसका पूरे दिल से स्वागत करता हूं। जब मैंने ये समाचार सुना तो जय श्रीराम कहकर इसका स्वागत किया। ये फैसला मेरे और भाजपा के विश्वास और राम जन्मभूमि आंदोलन के लिए प्रतिबद्धता को सही साबित करता है।"

    फैसला आने के बाद 92 वर्षीय आडवाणी के दिल्ली स्थित घर के बाहर लड्डू भी बांटे गए।

    प्रतिक्रिया

    मुरली मनोहर जोशी बोले- विध्वंस के पीछे कोई षड्यंत्र नहीं था, सब अचानक हुआ

    वहीं मुरली मनोहर जोशी ने अदालत के फैसले को ऐतिहासिक बताते हुए कहा, "ये फैसला सिद्ध करता है कि 6 दिसंबर की घटनाओं के पीछे कोई षड्यंत्र नहीं था, जो हुआ वह अचानक हुआ। हमारे आंदोलन का उद्देश्य राम मंदिर के लिए जनमत बनाना था। हम लोगों के सामने तथ्य रख रहे थे। इस फैसले से सिद्ध हो गया है कि हमारा आंदोलन एक सामान्य जनतांत्रिक आंदोलन था,कोई षड्यंत्र नहीं था। अब इस विवाद का अंत हो जाना चाहिए।"

    ट्वीट

    रक्षा मंत्री राजनाथ बोले- देर से ही सही मगर न्याय की जीत हुई

    रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने भी अदालत के फैसले का स्वागत करते हुए ट्वीट किया, 'लखनऊ की विशेष अदालत द्वारा बाबरी मस्जिद विध्वंस केस में श्री लालकृष्ण आडवाणी, श्री कल्याण सिंह, डॉ मुरली मनोहर जोशी, उमाजी समेत 32 लोगों के किसी भी षड्यंत्र में शामिल न होने के निर्णय का मैं स्वागत करता हूं। इस निर्णय से यह साबित हुआ है कि देर से ही सही मगर न्याय की जीत हुई है।'

    निशाना

    उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्रियों ने साधा कांग्रेस पर निशाना

    वहीं उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने फैसले के बाद कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा, 'सत्यमेव जयते! CBI की विशेष अदालत के निर्णय का स्वागत है। तत्कालीन कांग्रेस सरकार द्वारा राजनीतिक पूर्वाग्रह से ग्रसित हो पूज्य संतों, भाजपा नेताओं, विहिप पदाधिकारियों, समाजसेवियों को झूठे मुकदमों में फँंसाकर बदनाम किया गया। इस षड्यंत्र के लिए इन्हें जनता से माफी मांगनी चाहिए।'

    मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने भी कांग्रेस पर संता-महात्माओं को फंसाने का आरोप लगाया।

    ट्विटर पोस्ट

    राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने भी किया फैसले का स्वागत

    सीबीआई की विशेष अदालत द्वारा विवादास्पद ढाँचे के विध्वंस मामले में सभी
    आरोपियों को ससम्मान बरी करने के निर्णय का राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ स्वागत
    करता है।
    - सुरेश (भय्याजी) जोशी, सरकार्यवाह, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ pic.twitter.com/bFq2OGb7rx

    — RSS (@RSSorg) September 30, 2020

    सवाल

    CPIM महासचिव सीताराम येचुरी ने पूछा- मस्जिद अपने आप गिर गई?

    फैसले पर सवाल उठाने वाले नेताओं की बात करें तो मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (CPIM) के महासचिव सीताराम येचुरी ने फैसले को न्याय का मजाक बताया।

    उन्होंने ट्वीट करते हुए लिखा, 'यह न्याय का मजाक है। बाबरी मस्जिद के विध्वंस की आपराधिक साजिश के सभी आरोपियों को बरी कर दिया गया। मस्जिद खुद गिर गई? सुप्रीम कोर्ट के तत्कालीन मुख्य न्यायाधीश की अध्यक्षता वाली संवैधानिक पीठ ने विध्वंस को कानून का "भयावह" उल्लंघन बताया था। अब ये फैसला! शर्मनाक।'

    प्रतिक्रिया

    ओवैसी बोले- भारतीय न्यायपालिका के इतिहास का काला दिन

    AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने फैसले की सबसे तीखी आलोचना करते हुए इसे भारत की न्यायपालिका के इतिहास का एक काला दिन बताया। मामले पर बुलाई गई अपनी प्रेस कॉन्फ्रेंस में उन्होंने कहा, "सारी दुनिया जानती है कि भाजपा, RSS, विश्व हिन्दू परिषद, शिवसेना और कांग्रेस पार्टी की मौजूदगी में विध्वंस हुआ। इसकी जड़ कांग्रेस पार्टी है। उसकी हुकूमत में मूर्तियां रखी गईं।"

    उन्होंने कहा कि दलितों और मुसलमानों के मामलों में न्याय नहीं होता है।

    विरोध

    फैसले से संदेश दिया गया कि मथुरा, काशी में भी यही करते चलो- ओवैसी

    ओवैसी ने आगे कहा, "बाबरी मस्जिद के विध्वंस के दोषियों को दोष-मुक्त करके संदेश दिया गया है कि काशी, मथुरा में भी यही करते चलो, रुल ऑफ लॉ की चिंता नहीं है। वे करते जाएंगे, क्लीन चिट मिलती जाएगी।"

    उन्होंने कहा कि अदालत का ये फैसला आखिरी नहीं है और CBI अगर स्वतंत्र है तो उसे आगे अपील करनी चाहिए। CBI के अपील न करने पर उन्होंने ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड से याचिका डालने की अपील की।

    ट्विटर पोस्ट

    कांग्रेस ने भी खड़े किए फैसले पर सवाल, पढ़े पूरा बयान

    #BabriMasjidDemolitionCase मामले में सभी दोषियों को बरी करने का विशेष अदालत का निर्णय सुप्रीम कोर्ट के निर्णय व संविधान की परिपाटी से परे है।

    सुप्रीम कोर्ट की 5 न्यायाधीशों की खंडपीठ के 9 नवंबर 2019 के निर्णय के मुताबिक बाबरी मस्जिद को गिराया जाना एक गैरकानूनी अपराध था।

    बयान-: pic.twitter.com/pHDP0BEkdt

    — Randeep Singh Surjewala (@rssurjewala) September 30, 2020
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