महिला सहकर्मी से संबंध बना रहा था कर्नल, जवानों ने वीडियो बनाकर रक्षामंत्री को भेजा
क्या है खबर?
सेना के कायदे और कानून इतने सख्त होते हैं कि उन्हें किसी भी परिस्थिति में मानना पड़ता है। इसके चलते कई बार सीनियर अधिकारी जवानों को बेवजह परेशान कर देते हैं।
ऐसे ही खराब बर्ताव ने दो जवानों को इस कदर क्रोधित कर दिया कि उन्होंने महिला सहकर्मी के साथ शारीरिक संबंध बना रहे कर्नल का वीडियो बनाकर रक्षामंत्री राजनाथ सिंह को भेज दिया।
मामले को लेकर अब सेवानिवृत्त हो चुके कर्नल के खिलाफ जांच के आदेश दिए गए हैं।
मामला
करतूतों का पता लगने पर कर्नल करता था जवानों को परेशान
IANS के अनुसार दोनों जवान राजपूताना राइफल्स से आते हैं।
उन्होंने बताया कि वारदात के समय कर्नल पंजाब के अबोहर में तैनात थे। उस दौरान उन्हें कर्नल की करतूतों का पता चल गया था। इसके बाद कर्नल ने उन्हें प्रताड़ित करना शुरू कर दिया था। वह नियमित रूप से उन्हें बिना किसी कारण के सजा देते थे।
इस पर दोनों जवानों ने कर्नल को सबक सिखाने का निश्चय कर लिया और उसका पीछा करने लग गए।
संबंध
कर्नल ने अपने ही कार्यालय में बनाए थे सहकर्मी से संबंध
जवानों ने बताया कि जब वो कर्नल को सबक सिखाने के लिए उसकी कमियों की तलाश में लगे थे तो एक दिन उन्हें कर्नल खुद के कार्यालय में महिला सहकर्मी से शारीरिक संबंध बनाते मिल गए। इस पर उन्होंने कर्नल का वीडियो बना लिया।
वर्तमान में कर्नल सेवानिवृत्त हो चुके हैं और उसके बाद जवानों ने रक्षामंत्री को वीडियो भेजा है।
वीडियो के आधार पर कर्नल के खिलाफ कोर्ट ऑफ इन्क्वायरी (COI) शुरू की गई है।
जांच
दोनों पहलुओं की जांच करेंगे अधिकारी
कर्नल के खिलाफ कोर्ट ऑफ इन्क्वायरी शुरू करने के बाद अब जांच अधिकारी दोनो पहलुओं की जांच करेंगे।
इसमें पहले तो वीडियो की सत्यता का पता लगाया जाएगा। इसके बाद संबंधित सहकर्मी से पूछताछ होगी।
इसी तरह यह भी पता लगाने की कोशिश की जाएगी कि क्या कर्नल वास्तव में जवानों को परेशान कर रहे थे या फिर दोनों जवान वीडियो के आधार पर उन्हें ब्लैकमेल कर रहे थे। सभी पहलुओं की जांच के बाद निर्णय किया जाएगा।
नियम
अधिकारियों को आर्मी एक्ट के तहत खराब आचरण के लिए किया जा सकता है दंडित
आर्मी एक्ट, 1950 की धारा 45 के तहत अधिकारियों को उनके अशोभनीय आचरण के लिए दंडित किया जाता है।
इस धारा के अनुसार यदि कोई भी अधिकारी, कनिष्ठ या वारंट अधिकारी अपने अशोभनीय आचरण से अपने पद की गरीमा को खराब करता है और सेना न्यायालय द्वारा दोषी ठहराया जाता है तो ऐसा अधिकारी सेवा से बर्खास्त या अधिनियम में दी गई अन्य सजा का हकदार होता है।