पवन कल्याण बने आंध्र प्रदेश के उपमुख्यमंत्री, कैसा रहा अभिनेता से राजनेता बनने का सफर?
क्या है खबर?
आंध्र प्रदेश में विधानसभा चुनावों के बाद नई सरकार का गठन हो गया है। तेलुगु देशम पार्टी (TDP) के चंद्रबाबू नायडू ने मुख्यमंत्री पद की शपथ ली है।
उनके साथ जनसेना पार्टी के पवन कल्याण ने भी मंत्री पद की शपथ ली है। अटकलें हैं कि पवन को राज्य का उपमुख्यमंत्री बनाया जा सकता है।
विधानसभा और लोकसभा चुनावों में शानदार प्रदर्शन के बाद पवन चर्चाओं में हैं।
आइए उनके बारे में जानते हैं।
दक्षिण फिल्म इंडस्ट्री
दक्षिण फिल्म इंडस्ट्री के 'पावर स्टार' हैं पवन
2 सितंबर, 1971 को आंध्र प्रदेश के बापटला में जन्में पवन दक्षिण फिल्म इंडस्ट्री के जाने-माने स्टार हैं। उनका असली नाम कोनिडेला कल्याण बाबू है। वे सुपरस्टार चिरंजीवी के छोटे भाई हैं।
1996 में पवन ने अपने फिल्मी करियर की शुरुआत 'अक्कड़ अम्माई इक्काडा अब्बाई' से की थी। उनकी ज्यादातर फिल्में सामाजिक मुद्दों के आसपास बनी हुई हैं।
पवन को अपने बहुमुखी अभिनय के चलते दक्षिण भारतीय फिल्म इंडस्ट्री का 'पावर स्टार' कहा जाता है।
पुरस्कार
अभिनय के लिए मिल चुका है राष्ट्रीय पुरस्कार
पवन ने 'गोकुलमलो सीता' (1997), 'सुस्वागतम' (1998), 'थम्मुडु' (1999), 'कुशी' (2001), 'बालू' (2005), 'जलसा' (2008), 'गब्बर सिंह' (2012), 'अतरिंटिकी डेरेडी' (2013), 'गोपाला गोपाला' (2015) और 'वकील साब' (2021) जैसी कई फिल्मों में काम किया है।
उन्हें 1998 में फिल्म 'ठोली प्रेमा' के लिए राष्ट्रीय पुरस्कार भी मिल चुका है। पवन का नाम 2013 की फोर्ब्स इंडिया की शीर्ष 100 सेलिब्रिटी की सूची में शामिल था।
वे 2 दशक से ज्यादा समय से अभिनय कर रहे हैं।
राजनीति
कैसे हुई राजनीति में एंट्री?
पवन की राजनीतिक यात्रा अपने भाई चिरंजीवी के साथ मिलकर शुरू हुई थी। दरअसल, चिरंजीवी ने 2008 में प्रजा राज्यम पार्टी की स्थापना की थी। पवन इस पार्टी की युवा शाखा के अध्यक्ष बने थे।
हालांकि, पार्टी को इतनी सफलता नहीं मिली और बाद में इसका कांग्रेस में विलय कर दिया गया। इस दौरान पवन भी स्वास्थ्य संबंधी परेशानियों से जूझ रहे थे, इसलिए उन्होंने राजनीति से ब्रेक लेने का ऐलान कर दिया।
जनसेना
2014 में की जनसेना की स्थापना
पवन ने मार्च, 2014 में जनसेना पार्टी की स्थापना की। 2014 में उन्होंने चुनाव नहीं लड़ा था, लेकिन TDP और भाजपा का समर्थन किया था।
2019 में पवन खुद मैदान में उतरे, लेकिन हार का सामना करना पड़ा। वे दोनों सीटों से चुनाव हार गए। उनकी पार्टी के मात्र एक विधायक को जीत मिली, जो बाद में YSR कांग्रेस में शामिल हो गया।
2024 में भी जनसेना ने TDP और भाजपा के साथ मिलकर चुनाव लड़ा था।
जानकारी
इस बार जीती 21 सीटें
इस बार के विधानसभा चुनावों में जनसेना ने 21 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारे थे और सभी 21 सीटों पर कब्जा जमाया। TDP ने 135 और भाजपा को 8 सीटें मिली। YRS कांग्रेस के खाते में सिर्फ 11 सीटें आई।
तारीफ
प्रधानमंत्री मोदी कर चुके हैं पवन की तारीफ
हाल ही में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पवन की तारीफ की थी। मोदी ने पुराने संसद भवन में आयोजित राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) के घटक दलों की बैठक के दौरान पवन को 'आंधी' कहा था।
उस वक्त पवन भी मंच पर बैठे हुए थे। प्रधानमंत्री ने कहा था, "यहां जो दिख रहा है न पवन, वो पवन नहीं आंधी हैं।"
बता दें कि भाजपा ने आंध्र प्रदेश में TDP और जनसेना के साथ मिलकर चुनाव लड़ा था।