बंगाल शिक्षक भर्ती घोटाले में गिरफ्तार होने वाले पार्थ चटर्जी कौन हैं?
प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने कई घंटे की पूछताछ के बाद पश्चिम बंगाल के वाणिज्य और उद्योग मंत्री पार्थ चटर्जी को गिरफ्तार कर लिया है। सरकारी स्कूलों के अध्यापकों की भर्ती में कथित तौर पर हुए घोटाले के मामले में उन्हें गिरफ्तार किया गया है। वहीं उनकी करीबी सहयोगी बताई जा रही अर्पिता मुखर्जी को भी गिरफ्तार कर लिया गया है। आइये जानते हैं कि पार्थ चटर्जी कौन हैं और उन्होंने पार्टी में कौन-कौन से पदों पर काम किया है।
किन मामलों की जांच कर रही है ED?
पश्चिम बंगाल स्कूल सर्विस कमीशन और पश्चिम बंगाल प्राइमरी एजुकेशन बोर्ड में घोटाले की जांच को लेकर कलकता हाई कोर्ट में कई याचिकाएं दायर की गई थीं। इस पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने CBI से ग्रुप 'C' और 'D' कर्मचारी, 9वीं-10वीं कक्षा के असिस्टेंट टीचर और प्राइमरी टीचरों की भर्तियों में हुए घोटाले की जांच के आदेश दिए थे। वहीं ED प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट (PMLA) के तहत इस मामले की जांच कर रही है।
कई पदों पर रह चुके हैं चटर्जी
तृणमूल कांग्रेस (TMC) के बंगाल महासचिव चटर्जी राज्य के शिक्षा मंत्री भी रह चुके हैं। कुछ समय तक उन्होंने संसदीय मामलों के मंत्रालय का कार्यभार भी संभाला था। 2001 में पहली बार बहला पश्चिम सीट से TMC के टिकट पर चुनाव जीतने वाले चटर्जी लगातार विधायक बने आए हैं। 2011 में ममता बनर्जी की सरकार आने से पहले वो 2006 से लेकर 2011 तक पश्चिम बंगाल विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष रहे थे।
2016 में बने शिक्षा मंत्री
2016 में विधानसभा चुनाव जीतकर जब ममता बनर्जी दोबारा सत्ता में आईं तो चटर्जी को उच्च शिक्षा और स्कूली शिक्षा विभाग का प्रभार दिया गया। इसके अलावा भी उन्हें दूसरे मंत्रालयों का कार्यभार सौंपा गया था। कलकत्ता यूनिवर्सिटी से MBA करने के बाद उन्होंने कुछ समय तक एक कंपनी में HR पेशेवर के तौर पर काम किया था। वो कोलकाता की सबसे बड़ी दुर्गा पूजा समितियों में से एक के प्रमुख भी हैं।
दो दिन की रिमांड पर भेजे गए चटर्जी
शनिवार सुबह गिरफ्तारी के बाद ED ने चटर्जी को अदालत में पेश किया। यहां से उन्हें दो दिन की हिरासत में भेज दिया गया है। दूसरी तरफ चटर्जी की गिरफ्तारी के बाद राजनीतिक घमासान भी शुरू हो गया है। विधानसभा स्पीकर बिमान बनर्जी ने कहा कि स्पीकर को सूचना दिए बिना किसी भी विधायक को गिरफ्तार करना गलत है और अभी तक उन्हें चटर्जी की गिरफ्तारी की सूचना नहीं दी गई है।
मामले पर नजर रख रही TMC
चटर्जी की गिरफ्तारी के बाद TMC ने चुप्पी साध ली है। पार्टी प्रवक्ता कुणाल घोष ने कहा कि उनके वकील इस मामले को देख रहे हैं। इसके बाद आगे की जानकारी दी जा सकेगी।
चटर्जी के बाद अर्पिता मुखर्जी की भी गिरफ्तारी
ED ने शुक्रवार को छापेमारी के बाद अर्पिता मुखर्जी को हिरासत में लिया था और शनिवार शाम को उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया। छापेमारी में मुखर्जी के घर से 20 करोड़ रुपये कैश मिला था। शक है कि यह पैसा पश्चिम बंगाल स्कूल सर्विस कमीशन और पश्चिम बंगाल प्राइमरी एजुकेशन बोर्ड में हुए भर्ती घोटाले से जुटाया गया है। मुखर्जी के आवास से 20 से अधिक मोबाइल फोन भी जब्त हुए हैं।