बंगाल: तीन विधानसभा सीटों पर उपचुनाव की वोटिंग जारी, ममता बनर्जी की किस्मत का होगा फैसला

पश्चिम बंगाल की तीन विधानसभा सीटों पर उपचुनाव की वोटिंग शुरू हो गई है। इन सीटों में भवानीपुर की सीट भी शामिल है जहां से मुख्यमंत्री ममता बनर्जी मैदान में हैं। इसके अलावा मुर्शिदाबाद जिले की जंगीपुर और समसेरगंज सीट पर भी वोटिंग चल रही है। तीनों सीटों पर लगभग सात लाख वोटर्स प्रत्याशियों की किस्मत का फैसला करेंगे। वोटिंग शाम 6:30 बजे तक चलेगी और नतीजे 3 अक्टूबर को आएंगे।
चुनाव भले ही तीन सीटों पर हो रहा हो, लेकिन सभी की नजरें भवानीपुर सीट पर लगी हुई हैं। भाजपा ने यहां ममता के खिलाफ वकील प्रियंका टिबरेवाल को उतारा है। टिबरेवाल विधानसभा चुनाव के बाद हुई हिंसा के मामले में ममता सरकार के खिलाफ केस लड़ रही हैं। माओवादी कम्युनिस्ट पार्टी (CPM) ने भी श्रीजीव बिस्वास को मैदान में उतारा है। कांग्रेस ने ममता के खिलाफ कोई उम्मीदवार खड़ा नहीं किया है।
ममता बनर्जी के लिए भवानीपुर से जीत दर्ज करना बेहद जरूरी है। दरअसल, विधानसभा चुनावों में ममता को नंदीग्राम सीट से भाजपा नेता सुवेंदु अधिकारी के हाथों हार का सामना करना पड़ा था। हार के बाद भी वह मुख्यमंत्री बनी हुई हैं। ऐसे में उन्हें इस पद पर बने रहने के लिए नियुक्ति के छह महीनों (नवंबर तक) के भीतर चुनाव जीतना होगा। अगर वो ऐसा नहीं कर पाती हैं तो उन्हें मुख्यमंत्री पद छोड़ना पड़ सकता है।
संविधान के अनुच्छेद 164 (4) के तहत, अगर कोई व्यक्ति बिना सांसद या विधायक बने मंत्री बनता है तो उसके लिए छह महीने के भीतर विधानसभा या विधान परिषद का सदस्य बनना जरूरी होता है। अगर वह ऐसा नहीं कर पाता तो उसे पद छोड़ना होता है। चूंकि पश्चिम बंगाल में विधान परिषद नहीं है इसलिए ममता बनर्जी को हर हाल में विधानसभा सीट जीतकर 4 नवंबर से पहले विधायक बनना ही होगा।
बता दें कि भवानीपुर ममता बनर्जी की पारंपरिक सीट है और वे यहीं से चुनाव लड़ती रही हैं। हालांकि इस बार उन्होंने भाजपा को सीधे टक्कर देने के लिए नंदीग्राम से चुना लड़ा और भवानीपुर से सोभनदेव चट्टोपाध्याय चुनाव लड़े। चट्टोपाध्याय ने ममता को विधानसभा पहुंचाने के लिए जीत के बाद विधायकी से इस्तीफा दे दिया था। जंगीपुर और समसेरगंज सीटों की बात करें तो विधायकों की मौत के कारण इन पर उपचुनाव हो रहा है।