
कौन हैं मुलायम सिंह यादव के परिवार से भाजपा का दामन थामने वाली अपर्णा यादव?
क्या है खबर?
उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव से पहले समाजवादी पार्टी के संस्थापक मुलायम सिंह यादव की छोटी बहू अपर्णा यादव ने बुधवार को भाजपा का दामन थामते हुए उत्तर प्रदेश की राजनीति में हलचल पैदा कर दी है।
32 वर्षीय अपर्णा सपा प्रमुख अखिलेश यादव के सौतेले बड़े भाई प्रतीक यादव की पत्नी हैं।
उनके इस कदम को सपा के लिए एक बड़े झटके के रूप में देखा जा रहा है।
आइए जानते हैं अपर्णा के जीवन और करियर बारे में सबकुछ।
प्रारंभिक जीवन
कैसा रहा है अपर्णा का प्रारंभिक जीवन?
1 जनवरी, 1991 को जन्मी अपर्णा उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के ठाकुर-बिष्ट समुदाय से ताल्लुक रखती हैं।
उनके पिता अरविंद सिंह बिष्ट एक मीडिया कंपनी में थे और सपा सरकार में सूचना आयुक्त भी रहे। उनकी मां अंबी बिस्ट लखनऊ नगर निगम में अधिकारी हैं।
अपर्णा की स्कूली पढ़ाई लखनऊ के लोरेटो कॉन्वेंट इंटरमीडिएट से हुई है। उन्होंने ब्रिटेन की मैनचेस्टर यूनिवर्सिटी से अंतरराष्ट्रीय संबंधों और राजनीति में मास्टर डिग्री भी हासिल की है।
क्या आप जानते हैं?
न्यूजबाइट्स प्लस (फैक्ट)
अपर्णा ने भातखंडे संगीत यूनिवर्सिटी से शास्त्रीय संगीत की शिक्षा भी ले चुकी और बहुत अच्छी सिंगर भी हैं। संगीतकार साजिद-वाजिद के निर्देशन में उनका एक म्यूजिक एल्बम भी आ चुका है। वह शास्त्रीय संगीत की गायन शैली ठुमरी में भी निपुण हैं।
विवाह
अपर्णा ने साल 2011 में प्रतीक यादव से किया था विवाह
अपर्णा और मुलायम सिंह की दूसरी पत्नी साधना यादव के बेटे प्रतीक यादव स्कूल के दिनों में ही एक दूसरे को जानते थे। इसके बाद दोनों ने इंग्लैंड में साथ-साथ पढ़ाई भी की थी।
उसके बाद 2011 में दोनों ने विवाह कर लिया। विवाह समारोह का पूरा आयोजन मुलायम सिंह के पैतृक गांव सैफई में किया गया था।
वर्तमान में अर्पणा और प्रतीक की एक बेटी है जिसका नाम प्रथमा है। प्रतीक की राजनीति में रुचि नहीं है।
राजनीतिक करियर
अपर्णा ने साल 2017 में लखनऊ कैंट सीट से लड़ा था चुनाव
अपर्णा ने अपने राजनीतिक करियर की शुरुआत साल 2017 में हुए विधानसभा चुनावों से की थी। उस दौरान उन्होंने सपा के टिकट पर लखनऊ कैंट सीट से चुनाव लड़ा था।
उस दौरान खुद अखिलेश यादव ने उनका चुनाव प्रचार किया था, लेकिन उन्हें सफलता नहीं मिली।
इस चुनाव में उन्हें भाजपा की उम्मीदवार रीता बहुगुणा जोशी से करीब 34,000 वोटों से हार का सामना करना पड़ा था। ऐसे में इस बार उनके टिकट पर संदेह था।
नजदीकी
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से है अपर्णा की नजदीकियां
अपर्णा की मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से नजदीकियां भी किसी से छिपी नहीं है। अपर्णा उन्हें अपने बड़े भाई की तरह मानती हैं। दोनों उत्तराखंड के रहने वाले हैं।
योगी आदित्यनाथ के मुख्यमंत्री बनने से पहले भी आपर्णा ने उनकी जमकर तारीफ की थी। इसी तरह उनके मुख्यमंत्री बनने के बाद अर्पणा और प्रतीक ने उनसे मुलाकात कर बधाई भी दी थी।
इतना ही नहीं योगी आदित्यनाथ भी अपर्णा की सरोजनी नगर स्थित गौशाला गए थे।
जानकारी
सामाजिक कार्यों में अलग पहचान रखती है अपर्णा
अपर्णा की उनके राजनीतिक करियर के साथ-साथ उनके द्वारा किए जाने वाले सामाजिक कार्यों के लिए भी क्षेत्र में अलग पहचान है। वह महिला केंद्रित मुद्दों के लिए काम करने वाली संस्था बावेयर चलाती हैं और लखनऊ में एक गौशाला संचालित करती हैं।
तारीफ
कई मौकों पर भाजपा और उसकी नीतियों की तारीफ कर चुकी है अपर्णा
भले ही अपर्णा का भाजपा में शामिल होना कई लोगों के लिए बड़े आश्चर्य की बात हो सकता है, लेकिन वह पहले भी कई मौकों पर भाजपा और उसकी नीतियों की तारीफ कर चुकी है।
उन्होंने विवादास्पद राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (NRC) अभ्यास और जम्मू-कश्मीर में अनुच्छेद 370 को हटाने के सरकार के कदम का समर्थन किया था।
इसी तरह अयोध्या में बनाए जा रहे भगवान श्रीराम के मंदिर के लिए 11 लाख रुपये का दान भी दिया था।
भविष्य
अपर्णा का भविष्य क्या है?
सूत्रों की माने तो भाजपा की ओर से उन्हें आगामी विधानसभा चुनाव में उम्मीदवार के तौर पर उतारा जा सकता है। हालांकि, उनकी सीट का निर्णय अभी नहीं हुआ है, लेकिन कहा जा रहा है वह लखनऊ कैंट सीट से अपनी दावेदारी जताएंगी।
उन्होंने बुधवार को दिल्ली में कहा, "मैं हमेशा से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से प्रेरित रही हूं। मैं अब देश के लिए बेहतर प्रयास करना चाहती हूं। मैं हमेशा से भाजपा की योजनाओं से बहुत प्रभावित रही हूं।"
विधानसभा चुनाव
उत्तर प्रदेश में कब होंगे चुनाव?
चुनाव आयोग की ओर से घोषित किए गए कार्यक्रम के अनुसार उत्तर प्रदेश में सात चरणों में चुनाव होंगे।
इसके तहत 10 फरवरी, 14 फरवरी, 20 फरवरी, 23 फरवरी, 27 फरवरी, 3 मार्च और 7 मार्च को वोट डाले जाएंगे। इसके बाद उत्तर प्रदेश और चार अन्य राज्यों की मतगणना 10 मार्च को होगी और उसी दिन परिणाम घोषित किए जाएंगे।
राज्य में भाजपा, कांग्रेस, सपा, बसपा समेत कई प्रमुख दल मैदान में हैं।