प्रधानमंत्री मोदी ने वाराणसी से दाखिल किया नामांकन, प्रस्तावक बने 4 लोग कौन हैं?
क्या है खबर?
लोकसभा चुनाव के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वाराणसी सीट से अपना नामांकन दाखिल कर दिया है। इससे पहले उन्होंने गंगा नदी के किनारे दशाश्वमेध घाट पर पूजा-अर्चना की।
प्रधानमंत्री के नामांकन के मौके पर 4 प्रस्तावक मौजूद रहे। इनमें पंडित गणेश्वर शास्त्री, बैजनाथ पटेल, लालचंद कुशवाहा और संजय सोनकर शामिल हैं। प्रस्तावकों के चयन में जातिगत समीकरणों का भी ध्यान रखा गया है।
आइए जानते हैं ये चारों प्रस्तावक कौन हैं।
गणेश्वर शास्त्री
गणेश्वर शास्त्री ने राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा का निकाला था मुहूर्त
पंडित गणेश्वर शास्त्री ने ही अयोध्या में राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा का मुहूर्त, मंदिर के भूमिपूजन और व्यास जी के तहखाने में पूजा कराने का मुहूर्त निकाला था।
ब्राह्मण समाज से आने वाले गणेश्वर शास्त्री वाराणसी लोकसभा क्षेत्र के दक्षिणी विधानसभा से आते हैं। वे प्राण प्रतिष्ठा के दौरान मुख्य पुजारी भी थे। तमिलनाडु के तिरुविसनल्लूर गांव के रहने वाले गणेश्वर शास्त्री के पूर्वज 19वीं सदी में वाराणसी चले आए थे।
बैजनाथ पटेल
बैजनाथ पटेल- जनसंघ के समय से पार्टी में सक्रिय
बैजनाथ पटेल जनसंघ के समय से पार्टी से जुड़े हुए हैं और रोहनिया-सेवापुरी विधानसभा क्षेत्र से आते हैं।
कथित तौर पर वे पिछले कुछ दिनों से पार्टी के पुराने कार्यकर्ता उपेक्षित महसूस कर रहे थे और बाहर से आए लोगों के बढ़ते प्रभाव से दुखी थे। उनको प्रस्तावक बनाने का फैसला नाराजगी दूर करने की कोशिश के तौर पर देखा जा रहा है। वह पहले हर्षोश गांव के प्रधान भी रह चुके हैं।
दुकान
कपड़े की दुकान चलाते हैं लालचंद कुशवाहा
लालचंद कुशवाहा कैंट विधानसभा से आते हैं और अन्य पिछड़ा वर्ग (OBC) समाज से हैं। वे कई सालों से भाजपा से जुड़े हुए हैं। वे सेवापुरी गांव के रहने वाले हैं।
सेवापुरी और रोहनिया विधानसभा में करीब 2.25 लाख मतदाता हैं। 65 साल के कुशवाहा की कपड़े की दुकान है और वे भाजपा के वाराणसी जोनल प्रभारी हैं। वाराणसी लोकसभा में 2 लाख से ज्यादा OBC मतदाता हैं, इसलिए उनके चयन के पीछे जातिगत वजहें भी मानी जा रही हैं।
संजय सोनकर
संजय सोनकर के पीछे दलित मतदाताओं को साधने की रणनीति
50 वर्षीय सोनकर भाजपा की वाराणसी इकाई में जिला महामंत्री हैं। सोनकर अनुसूचित जाति (SC) समुदाय से हैं।
2022 में विधानसभा चुनाव के प्रचार के दौरान प्रधानमंत्री मोदी से मुलाकात के बाद सोनकर काफी चर्चा में आए थे। वह वाराणसी के रहने वाले हैं और भाजपा के पुराने नेता हैं।
वाराणसी लोकसभा क्षेत्र में करीब सवा लाख दलित मतदाता हैं और सोनकर की इनके बीच अच्छी पैठ मानी जाती है।
प्रस्तावक
कौन होते हैं प्रस्तावक?
चुनाव आयोग के मुताबिक, प्रस्तावक वे स्थानीय लोग होते हैं, जो किसी उम्मीदवार को चुनाव लड़ने के लिए अपनी ओर से प्रस्तावित करते हैं।
नामांकन के लिए किसी महत्वपूर्ण पार्टी के खास उम्मीदवार के लिए 5 और आम उम्मीदवार के लिए 10 प्रस्तावकों की जरूरत होती है। अगर कोई शख्स किसी मान्यता प्राप्त राजनीतिक पार्टी के उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ रहा है तो उस निर्वाचन क्षेत्र के एक मतदाता को उसकी उम्मीदवारी का प्रस्ताव देना जरूरी होता है।