तमिलनाडु: प्रधानमंत्री को हाई कोर्ट से मिली रोड शो की अनुमति, पुलिस ने किया था इनकार
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी लोकसभा चुनाव से पहले कई राज्यों का दौरा कर रहे हैं। इन दिनों वे दक्षिण भारतीय राज्यों के दौरे पर हैं। इसी कड़ी में 18 मार्च को प्रधानमंत्री तमिलनाडु के कोयंबटूर में रोड शो करने वाले हैं। पहले पुलिस ने इस रोड शो के लिए अनुमति देने से इनकार कर दिया था, जिसके बाद मामला मद्रास हाई कोर्ट चला गया। अब हाई कोर्ट ने रोड शो की अनुमति दे दी है।
क्यों नहीं दी गई थी अनुमति?
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, कोयंबटूर के पुलिस कमिश्नर ने प्रधानमंत्री की सुरक्षा में लगी एजेंसियों के साथ बैठक में रोड शो की अनुमति नहीं देने की बात कही थी। इसके पीछे सुरक्षा जोखिम, कोयंबटूर का सांप्रदायिक इतिहास और छात्रों के लिए असुविधा वजह बताई गई थी। 18-19 मार्च को कोयंबटूर में बोर्ड परीक्षाएं हैं। अनुमति नहीं मिलने पर भाजपा ने मद्रास हाई कोर्ट का रुख किया था, जिसके बाद हाई कोर्ट ने अनुमति दे दी है।
साढे़ 3 किलोमीटर लंबा होगा रोड शो
प्रधानमंत्री 18 मार्च को कोयंबटूर में कवुंदमपालयम से मेट्टुपालयम रोड होते हुए आरएस पुरम तक करीब साढ़े 3 किलोमीटर लंबा रोड शो करने वाले हैं। राज्य भाजपा ने इसके लिए खासी तैयारी की है। भाजपा के तमिलनाडु राज्य महासचिव एपी मुरुगानंदम को रोड शो का प्रभारी बनाया गया है। भाजपा का लक्ष्य रोड शो के जरिए 5 विधानसभा क्षेत्रों, कोयंबटूर उत्तर, कोयंबटूर दक्षिण, थोंडामुथुर, कवुंडमपालयम और सिंगनल्लूर, को साधना है।
इस बार केरल में कमल खिलने जा रहा है- प्रधानमंत्री
इससे पहले प्रधानमंत्री ने केरल के पथनमथिट्टा में एक रैली को संबोधित करते हुए कहा, "पथनमथिट्टा का माहौल बता रहा है कि इस बार केरल में कमल खिलने जा रहा है। भाजपा यहां की युवा ऊर्जा को बढ़ावा दे रही है, इसलिए केरल के लोग कह रहे है कि अबकी बार 400 पार। केरल में भ्रष्ट और नाकाबिल सरकार होने का बहुत बड़ा नुकसान केरल के सभी लोगों को उठाना पड़ा रहा है।"
न्यूजबाइट्स प्लस
भाजपा के प्रस्तावित रोड शो के समापन स्थल आरएस पुरम में 1998 में सिलसिलेवार बम धमाके हुए थे, जिसमें 50 से भी ज्यादा लोगों की मौत हुई थी और करीब 200 लोग घायल हुए थे। घटनास्थल के पास ही भाजपा के तत्कालीन अध्यक्ष लालकृष्ण आडवाणी सभा को संबोधित करने वाले थे, जिसे धमाकों के बाद टाल दिया गया था। भाजपा यहां पर धमाकों में जान गंवाने वाले लोगों के लिए एक स्मारक बनाने की मांग कर रही है।