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क्या है खबर?
राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) सरकार में संसद का पहला सत्र चल रहा है। राष्ट्रपति का अभिभाषण हुआ, फिर धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा हुई, जिसे पास कर दिया गया। इसमें NEET पेपर लीक और अग्निवीर योजना पर विपक्ष हमलावर रहा। पहली बार सांसद बनी बांसुरी स्वराज ने धन्यवाद प्रस्ताव का अनुमोदन किया। उसके बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने धन्यवाद प्रस्ताव का जवाब दिया। ऐसे में जानते हैं क्या होता है धन्यवाद प्रस्ताव और इसका पास होना सरकारी के जरूरी क्यों है।
नियम
राष्ट्रपति के अभिभाषण को लेकर संविधान में है क्या है नियम?
भारतीय संविधान के अनुच्छेद 86 (1) के अनुसार, राष्ट्रपति संसद के किसी एक सदन या फिर दोनों सदनों को संयुक्त रूप से संबोधित कर सकते हैं। अनुच्छेद 87 के अनुसार, हर लोकसभा चुनाव के बाद संसद के पहले सत्र की शुरुआत और हर साल संसद के सत्र शुरू होने से पहले राष्ट्रपति दोनों सदनों को संयुक्त रूप से संबोधित करेंगे और सत्र बुलाने के कारणों के बारे में सूचित करेंगे। इस संबोधन को 'विशेष संबोधन' भी कहा जाता है।
अभिभाषण
राष्ट्रपति के अभिभाषण में क्या-क्या होता है?
भारत में लोकसभा चुनाव के बाद जब पहला सत्र शुरू होता है और सभी सांसद शपथ ग्रहण करने के बाद स्पीकर का चुनाव करते हैं। इसके बाद राष्ट्रपति संसद के दोनों सदनों को संयुक्त रूप से संबोधित करते हैं। इसे ही राष्ट्रपति का अभिभाषण कहा जाता है। राष्ट्रपति के इस अभिभाषण में सरकार की नीतियों का विवरण होता है। इस अभिभाषण को केंद्रीय मंत्रिमंडल की सलाह पर सरकार द्वारा ही तैयार किया जाता है।
अभिभाषण
अभिभाषण में क्या-क्या होता है शामिल?
राष्ट्रपति के अभिभाषण में पिछले वर्ष के कार्यकाल के दौरान सरकार की सभी गतिविधियों और उपलब्धियों की समीक्षा शामिल होती है। इसके अलावा उन महत्त्वपूर्ण राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय मुद्दों से संबंधित नीतियों, परियोजनाओं और कार्यक्रमों को संसद के सामने रखा जाता है, जिन्हें सरकार आगे बढ़ाना चाहती है। ऐसे में राष्ट्रपति का अभिभाषण को सरकार की नीतियों का विवरण भी कहा जा सकता है। ऐसे में इसका प्रारूप सरकार द्वारा तैयार किया जाता है।
प्रस्ताव
धन्यवाद प्रस्ताव है एक संसदीय प्रक्रिया
राष्ट्रपति के अभिभाषण के बाद इस पर धन्यवाद प्रस्ताव लाया जाता है। यह एक संसदीय प्रक्रिया है। इसमें संसद के दोनों सदनों में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर आभार जताने या प्रशंसा व्यक्त करने के लिए औपचारिक रूप से एक प्रस्ताव प्रस्तुत किया जाता है। अभिभाषण पर संसद के दोनों सदनों में इसी धन्यवाद प्रस्ताव के जरिए चर्चा की जाती है। विपक्ष के नेता और सभी पार्टियों के प्रमुख धन्यवाद प्रस्ताव पर अपनी-अपनी राय रखते हैं।
जानकारी
कौन देता है धन्यवाद प्रस्ताव चर्चा का जवाब?
आमतौर पर प्रधानमंत्री या उनकी उपस्थिति या किसी अन्य वजह से अन्य किसी मंत्री द्वारा धन्यवाद प्रस्ताव पर हुई चर्चा का जवाब दिया जाता है। इस दौरान सभी नेताओं के इस जवाब पर संतुष्टि जताने के बाद इस पर चर्चा समाप्त हो जाती है।
संशोधन
निपटाए जाते हैं धन्यवाद प्रस्ताव पर आए संशोधन
धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा के समाप्त होने पर इस पर आए संशोधन निपटाए जाते हैं। संशोधन अभिभाषण में शामिल मामलों के साथ-साथ उन मामलों को भी शामिल किया जा सकता है, जिनका सदस्यों की राय में अभिभाषण में उल्लेख नहीं किया गया, लेकिन उनका उल्लेख करना जरूरी था। यदि अभिभाषण में किसी भी संशोधन को सदन के सामने रखा जाता है और उसे स्वीकार कर लिया जाता है तो फिर धन्यवाद प्रस्ताव को संशोधित रूप में स्वीकार किया जाता है।
जरूरी
सरकार के लिए धन्यवाद प्रस्ताव पास होना क्यों है जरूरी?
सबसे आखिर में धन्यवाद प्रस्ताव को मतदान के लिए रखा जाता है। सरकार के लिए इसका पास होना जरूरी होता है, क्योंकि ऐसा न होने पर सरकार की हार मानी जाती है और सरकार अविश्वास में आ सकती है। इसी तरह सरकार से लोकसभा में विश्वास मत हासिल करने के लिए कहा जा सकता है। हालांकि, धन्यवाद प्रस्ताव में कोई भी सदस्य सीधे केंद्र सरकार से न जुड़े मुद्दों और राष्ट्रपति के नाम का उल्लेख नहीं कर सकता है।