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राज्यसभा की 56 सीटों के लिए 27 फरवरी को चुनाव, जानें किस राज्य में कितनी सीटें
राज्यसभा की 56 सीटों पर 27 फरवरी को होंगे मतदान

राज्यसभा की 56 सीटों के लिए 27 फरवरी को चुनाव, जानें किस राज्य में कितनी सीटें

लेखन महिमा
Jan 29, 2024
04:09 pm

क्या है खबर?

लोकसभा चुनाव से पहले राज्यसभा की 56 सीटों के लिए चुनाव की तारीखों की घोषणा हो गई है। चुनाव आयोग ने अपनी घोषणा में कहा कि इन सभी सीटों पर 27 फरवरी को मतदान होगा। 8 फरवरी को चुनावों की अधिसूचना जारी होगी। दरअसल, 13 राज्यों के 50 राज्यसभा सदस्यों का कार्यकाल 2 अप्रैल को समाप्त होने वाला है, जबकि 2 राज्यों के शेष 6 सदस्यों का कार्यकाल 3 अप्रैल को समाप्त होगा।

मतदान 

नामांकन की अंतिम तारीख 15 जनवरी

चुनाव नामांकन की अंतिम तारीख 15 फरवरी है। नामांकन पत्रों की जांच 16 फरवरी को होगी और नाम वापसी का समय 20 फरवरी है। 27 फरवरी को मतदान सुबह 9 बजे से शाम 4 बजे तक होगा। उत्तर प्रदेश की 10, बिहार और महाराष्ट्र की 6-6, गुजरात और कर्नाटक की 4-4, पश्चिम बंगाल और मध्य प्रदेश की 5-5, राजस्थान, ओडिशा, तेलंगाना और आंध्र प्रदेश की 3-3 और छत्तीसगढ़, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड की एक-एक सीट पर चुनाव होना है।

कार्यकाल 

किन सांसदों का कार्यकाल हो रहा खत्म?

पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह का कार्यकाल इस साल अप्रैल में खत्म हो रहा है। इसके अलावा 9 केंद्रीय मंत्रियों का कार्यकाल भी समाप्त हो रहा है। बिहार के राष्ट्रीय जनता दल (RJD) के मनोज कुमार झा और अशफाफ करीब, जनता दल यूनाइटेड (JDU) के अनिल प्रसाद हेगड़े और वशिष्ठ नारायण, भाजपा के सुशील कुमार मोदी और कांग्रेस के अखिलेश प्रसाद सिंह का भी कार्यकाल समाप्त हो रहा है।

चुनाव

कैसे होता है राज्यसभा सदस्य का चुनाव?

राज्यसभा के सदस्यों का चुनाव अप्रत्यक्ष रूप से राज्य विधानसभाओं के निर्वाचित सदस्य (विधायक) करते हैं। उम्मीदवारों की जीत के लिए आवश्यक वोटों की संख्या पहले से तय होती है। वोटिंग के वक्त हर विधायक को एक सूची दी जाती है, जिसमें उसे राज्यसभा प्रत्याशियों के लिए अपनी पहली पसंद, दूसरी पसंद और तीसरी पसंद आदि लिखनी होती है। इसके बाद एक फॉर्मूले की मदद से तय किया जाता है कि कौन-सा प्रत्याशी जीता।

चयन 

कैसे होता है सदस्यों का चयन?

चुनाव में यदि कोई उम्मीदवार पहली पसंद में वोटों का आवश्यक कोटा हासिल कर लेता है तो उसे निर्वाचित घोषित कर दिया जाता है। यदि वह ऐसा नहीं कर पता तो सबसे कम वोट पाने वाले उम्मीदवार को हटा दिया जाता है और उसके वोट विधायकों द्वारा बताई गई दूसरी पसंद के आधार पर शेष उम्मीदवारों को स्थानांतरित कर दिए जाते हैं। यह प्रक्रिया तब तक जारी रहती है जब तक सभी रिक्तियां भर नहीं जातीं।