पश्चिम बंगाल: राज्य चुनाव आयोग ने नहीं दी संवेदनशील बूथों की जानकारी- BSF
पश्चिम बंगाल में पंचायत चुनाव के लिए हुए मतदान के दौरान शनिवार को कम से कम 13 लोगों की जान चली गई। रविवार को सीमा सुरक्षा बल (BSF) के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि चुनावी हिंसा को लेकर बड़ा खुलासा किया है। अधिकारी ने कहा कि BSF ने राज्य चुनाव आयोग (SEC) को पत्र लिखकर संवेदनशील और अति संवेदनशील बूथों के बारे में जानकारी मांगी थी, लेकिन आयोग ने बार-बार अनुरोध के बावजूद भी कोई जानकारी नहीं दी।
BSF अधिकारी ने क्या कहा?
BSF के उप महानिरीक्षक (DIG) एसएस गुलेरिया ने कहा, "हमारे पास अभी भी संवेदनशील मतदान केंद्रों की सूची उपलब्ध नहीं है। हमने संवेदनशील मतदान केंद्रों की जानकारी के लिए SEC को कई पत्र लिखे और बैठकों में अनुरोध किया, लेकिन हमें सूची नहीं मिली।" उन्होंने कहा, "7 जून को आयोग ने केवल संवेदनशील मतदान केंद्रों की संख्या बताई थी, लेकिन उनके स्थान या अन्य कोई भी जानकारी उपलब्ध नहीं कराई गई।"
चुनाव में सुरक्षबलों का नहीं हुआ पर्याप्त उपयोग- DIG गुलेरिया
DIG गुलेरिया ने कहा, "BSF की तैनाती स्थानीय प्रशासन और पुलिस के आदेश पर की गई थी। चुनाव ड्यूटी के लिए 25 राज्यों से केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल (CAPF) और राज्य सशस्त्र पुलिस के 59,000 जवान पहुंचे थे, लेकिन संवेदनशील मतदान केंद्रों पर उनका पर्याप्त उपयोग नहीं किया गया।" उन्होंने कहा, "जिन स्थानों पर BSF, CAPF और राज्य सशस्त्र बल के जवान तैनात थे, वहां किसी के हताहत होने की खबर नहीं है और वहां चुनाव सुचारू रूप से हुआ।"
पंचायत चुनाव के दौरान 13 लोगों की हुई मौत
शनिवार को पश्चिम बंगाल में पंचायत चुनाव के लिए मतदान प्रक्रिया संपन्न हो गई। राज्य भर में पंचायत चुनाव के दिन हुई अलग-अलग हिंसक घटनाओं में 13 लोगों के मारे जाने की सूचना है, जबकि कई लोग घायल हुए हैं। इस दौरान मुर्शिदाबाद, कूच बिहार, मालदा, दक्षिण 24 परगना, उत्तरी दिनाजपुर और नादिया जैसे कई जिलों से बूथ कैप्चरिंग, मतपेटियों को नुकसान पहुंचाने और पीठासीन अधिकारियों पर हमले की खबरें सामने आई थीं।
CAPF के जिम्मे 339 स्ट्रॉन्ग रूम की सुरक्षा
पश्चिम बंगाल में SEC ने 3,317 ग्राम पंचायतों, 341 पंचायत समितियों और 20 जिला परिषदों के लिए चुनाव कराने के लिए कुल 61,636 मतदान केंद्र स्थापित किए थे। शनिवार शाम को मतदान प्रक्रिया पूरी होने के बाद सभी मतपेटियों को राज्य भर के 339 स्ट्रॉन्ग रूम में सुरक्षित रख दिया गया। स्ट्रॉन्ग रूम की सुरक्षा की जिम्मेदारी CAPF को दी गई है। बता दें कि 11 जुलाई को मतगणना के बाद पंचायत चुनाव के नतीजे घोषित किये जाएंगे।
2018 के पंचायत चुनाव में भी हुई थी हिंसा
पश्चिम बंगाल में 2018 में हुए पंचायत चुनाव में तृणमूल कांग्रेस (TMC) ने करीब 34 प्रतिशत सीटों पर निर्विरोध जीत हासिल की थी। हालांकि, इस दौरान भी बड़े स्तर पर हिंसा हुई थी। इस दौरान बम फेंकने, बूथ कैप्चर करने से लेकर बैलेट बॉक्स जलाने की घटनाएं हुई थीं। आंकड़ों के मुताबिक, हिंसक घटनाओं में 13 से ज्यादा लोग मारे गए थे और 50 से ज्यादा घायल हुए थे। विपक्षी पार्टियों ने इसका आरोप TMC पर लगाया था।