कौन हैं नवीन पटनायक के करीबी वीके पांडियन, जो IAS अधिकारी से कैबिनेट मंत्री बने?
ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक के करीबी सहयोगी माने जाने वाले वी कार्तिकेय पांडियन को उनकी स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति (VRS) के एक दिन बाद ही राज्य सरकार में कैबिनेट मंत्री का दर्जा दिया गया है। उन्हें 5T (परिवर्तनकारी पहल) और 'नबीन ओडिशा' के अध्यक्ष के रूप में एक नई भूमिका दी गई है। भारतीय प्रशासनिक सेवा (IAS) के अधिकारी पांडियन ने गुरुवार को VRS लिया था। आइए जानते हैं वीके पांडियन कौन हैं और वो कैसे पटनायक के भरोसेमंद बने।
तमिलनाडु में जन्मे थे पांडियन, ऐसा रहा करियर
49 वर्षीय वीके पांडियन का जन्म 29 मई, 1974 को तमिलनाडु में हुआ था। पांडियन ने कृषि में स्नातक और फिजियोलॉजी में स्नातकोत्तर किया है। पांडियन 2000 बैच के IAS अधिकारी हैं। वह 2002 में ओडिशा के कालाहांडी जिले के धर्मगढ़ के सब-कलेक्टर नियुक्त हुए, 2005 में उन्हें मयूरभंज का जिलाधिकारी नियुक्त किया गया और 2007 में वह गंजम के जिलाधिकारी बने। 2011 में वह मुख्यमंत्री कार्यालय (CMO) में तैनात हुए और तभी से मुख्यमंत्री के निजी सचिव थे।
पांडियन को मिले कई सम्मान, पत्नी भी हैं IAS अधिकारी
पांडियन को राजीव गांधी फाउंडेशन द्वारा हेलेन केलन, विकलांग व्यक्तियों के कल्याण के लिए राष्ट्रीय पुरस्कार और अंतरराष्ट्रीय हॉकी महासंघ द्वारा प्रतिष्ठित राष्ट्रपति पुरस्कार से सम्मानित किया जा चुका है। पांडियन की पत्नी का नाम सुजाता आर कार्तिकेयन है और वो भी एक IAS अधिकारी हैं। वर्तमान में वो ओडिशा के मिशन शक्ति की सचिव हैं। सुजाता से शादी करने के बाद ही पांडियन ने अपना कैडर पंजाब से ओडिशा बदला था।
पांडियन कैसे बने नवीन पटनायक के करीबी?
मयूरभंज और गंजम के जिलाधिकारी रहते हुए पांडियान ने जो काम किया, उससे वो मुख्यमंत्री पटनायक के भरोसेमंद अधिकारी बने। गंजम पटनायक का गृह जिला है। पटनायक के पूर्व सलाहकार प्यारीमोहन मोहापात्र के जाने के बाद पांडियन का कद और तेजी से बढ़ा। अभी उन्हें ओडिशा सरकार और सत्तारूढ़ पार्टी बीजू जनता दल (BJD) में पटनायक के बाद सबसे प्रमुख व्यक्ति के रूप में देखा जाता है। पटनायक के उन्हें अपना उत्तराधिकारी बनाने की भी अटकलें हैं।
ओडिशा की परिवर्तनकारी पहल के पीछे पांडियन का दिमाग
नवीन पटनायक की सरकार में प्रशासनिक तंत्र में आमूलचूल बदलाव के लिए शुरू की गई 5T (परिवर्तनकारी पहल) के पीछे पांडियन का दिमाग माना जाता है। यहां 5T का अर्थ ट्रांसपेरेंसी (पारदर्शिता), टीमवर्क, टेक्नोलॉजी (प्रौद्योगिकी) और टाइम (समय) और ट्रांसफॉर्मेशन (परिवर्तन) से है। 5T के लिए कोई आधिकारिक विभाग नहीं है, लेकिन कहा जाता है कि पांडियन इसके जरिए सरकारी परियोजनाओं में हस्तक्षेप करते थे।
खेल के क्षेत्र में ओडिशा को बढ़ाने के पीछे भी पांडियान
फाइनेंशियल टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार, हाल के वर्षों में ओडिशा सरकार के खेलों पर ध्यान केंद्रित करने और राज्य में खेल के बुनियादी ढांचे के विकास के पीछे भी पांडियान को प्रमुख रणनीतिकार माना जाता है। परिणामस्वरूप ओडिशा को लगातार 2 हॉकी विश्व कप सहित कई अंतरराष्ट्रीय खेल आयोजनों की मेजबानी के लिए चुना गया है। यही नहीं, ओडिशा सरकार को राज्य में खेल को बढ़ावा देने के लिए स्पोर्टस्टार एसेज अवार्ड से भी नवाजा जा चुका है।
राजनीतिक विवादों में भी रहे हैं पांडियन
हाल ही में पांडियन ने हेलीकॉप्टर का उपयोग करके जिलों का दौरा किया था, जिसे लेकर वो भाजपा और कांग्रेस दोनों के निशाने पर आ गए थे। दोनों पार्टियों ने उन पर प्रशासनिक सेवा की शर्तों के उल्लंघन का आरोप लगाया था और उनके जरिए पटनायक को घेरा था। कांग्रेस तो उन पर पर्दे के पीछे पूरी सरकार को नियंत्रित करने का आरोप भी लगा चुकी है। ऐसे में अब उन्हें कैबिनेट मंत्री पद मिलने पर भी विवाद तय है।