#NewsBytesExplainer: करण जौहर की धर्मा प्रोडक्शंस की कैसे हुई थी शुरुआत? जानिए अब तक का सफर
हिंदी सिनेमा के बड़े निर्माताओं की बात करें तो करण जौहर का नाम शीर्ष के नामों में आता है। उनकी धर्मा प्रोडक्शंस हर साल बड़े बजट की कई फिल्मों का निर्माण करती है। धर्मा की फिल्मों में काम करना फिल्म जगत में आने वाले नए कलाकारों का सपना होता है। इस साल धर्मा प्रोडक्शंस ने फिल्म जगत में 43 साल पूरे कर लिए हैं। आइए, जानते हैं कैसे हुई थी धर्मा प्रोडक्शंस की शुरुआत।
मिठाई की दुकान चलाता था करण का परिवार
धर्मा प्रोडक्शंस की शुरुआत करण के पिता यश जौहर ने 1979 में की थी। मुंबई आने से पहले यश दिल्ली में अपना पारिवारिक बिजनेस चलाते थे। दिल्ली में उनकी मिठाई की दुकान थी। एक इंटरव्यू में करण ने कहा था कि 'रॉकी और रानी...' के धनलक्ष्मी लड्डू की तरह ही दिल्ली में उनके परिवार का भी मिठाइयों की बिजनेस था। मिठाई की दुकान चलाने वाले यश के प्रोडक्शन हाउस खोलने तक का सफर कफी दिलचस्प है।
मां की प्रेरणा से मुंबई आए थे यश
दरअसल, यश फोटोग्राफी के शौकीन थे और अच्छी फोटोग्राफी करते थे। यह देखते हुए उनकी मां ने उनसे मुंबई जाने के लिए कहा। मां की प्रेरणा से यश मुंबई आ गए। यहां आने के बाद वह टाइम्स ऑफ इंडिया में फोटोग्राफी इंटर्न बन गए। यहां मिले साथियों के साथ वह 'मुगल-ए-आजम' और अन्य फिल्मों के सेट पर जाने लगे। धीरे-धीरे वह फिल्मों के सेट पर ग्राउंड मैनेजर का काम करने लगे।
फिल्मी हस्तियों के बीच बनाई पहचान
उन्होंने 12 सालों तक नवकेतन फिल्म्स में प्रोडक्शन कंट्रोलर का काम किया। वह अपने काम में अच्छे थे। उन्होंने देव आनंद, राज कपूर, सुनील दत्त समेत लगभग हर बड़े सितारे के साथ काम किया और हर कोई उन्हें जानने लगा। इसके बाद उन्होंने अचानक फिल्म जगत छोड़कर, 'यश वन एक्सपोर्ट' नाम से आयात-निर्यात का व्यवसाय शुरू कर दिया। रमेश बह्ल (गोल्डी बह्ल के पिता) के काफी समझाने के बाद उन्होंने फिल्मों में वापसी की और प्रोडक्शन का काम शुरू किया।
अमिताभ बच्चन के साथ बनाई पहली फिल्म
अपनी पहली फिल्म के लिए वह सलीम खान और जावेद अख्तर से मिले। उस वक्त उनके पास फिल्म 'दोस्ताना' की स्क्रिप्ट थी। इस फिल्म में अमिताभ बच्चन ने मुख्य भूमिका निभाई थी। दरअसल, यश की पत्नी हीरू जौहर और अमिताभ स्कूल के दिनों के दोस्त थे। 1980 में धर्मा प्रोडक्शंस की पहली फिल्म 'दोस्ताना' रिलीज हुई थी। राज खोसला द्वारा निर्देशित इस फिल्म में अमिताभ के साथ शत्रुघ्न सिन्हा और जीनत अमान नजर आए थे।
कंपनी का नाम क्यों रखा 'धर्मा'?
यश की पहली फिल्म के लिए बिजनेसमैन एसपी हिंदुजा के बेटे धरम हिंदुजा ने पैसे दिए थे। इसलिए यश ने अपनी कंपनी का नाम उनके नाम पर 'धर्मा प्रोडक्शंस' रख दिया। इसके बाद इस बैनर ने 'दुनिया', 'मुकद्दर का फैसला', 'अग्निपथ', 'गुमराह', 'डुप्लीकेट' जैसी फिल्में बनाईं। बैनर की अधिकांश फिल्में बॉक्स ऑफिस पर औसत रहीं। 1998 में करण जौहर ने अपनी पहली फिल्म 'कुछ कुछ होता है' का निर्देशन किया। इस फिल्म ने जमकर कमाई की।
31 की उम्र में करण ने संभाली कमान
'कुछ-कुछ होता है' के अलावा करण की फिल्में, 'कभी खुशी कभी गम', 'कल हो ना हो' ने भी खूब कमाई की। 2004 में यश का निधन हो गया। उस वक्त करण 31 साल के थे और कंपनी के लेन-देन की कोई समझ नहीं रखते थे। धर्मा प्रोडक्शंस के लिए वह काफी चिंतित हो गए। उन्होंने अपने दोस्त अपूर्व मेहता को फोन किया, जो उन दिनों लंदन में यशराज फिल्म्स में काम करते थे।
शानदार रही करण-अपूर्व की साझेदारी
अपूर्व ने भारत आकर धर्मा प्रोडक्शंस के CEO का पद संभाला। तब से अब तक अपूर्व और करण ने धर्मा प्रोडक्शंस भारतीय सिनेमा के शीर्ष पर लाने का काम किया है। यह फिल्म अपने बड़े बजट की फिल्मों के लिए जानी जाती है। फिल्म 'ब्रह्मास्त्र', 'जुगजुग जियो', 'केसरी', 'कलंक', 'स्टूडेंट ऑफ द ईयर', 'ऐ दिल है मुश्किल' जैसी कई फिल्मों का निर्माण कर चुकी है। यह कंपनी फिल्म डिस्ट्रीब्यूशन का भी काम करती है।
न्यूजबाइट्स प्लस
2016 में 'धर्मा 2.0' शुरू किया गया, जो विज्ञापन बनाती है। 2018 में डिजिटल कंटेंट के लिए 'धर्मेटिक एंटरटेनमेंट' की भी शुरुआत हुई। यह कंपनी 'फैबुलस लाइव्स ऑफ बॉलीवुड वाइव्स' और 'द फेम गेम' और 'कॉफी विद करण' जैसे शो का निर्माण कर चुकी है।