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उत्तर प्रदेश भाजपा प्रमुख ने कहा- नेतागीरी का मतलब लोगों को फॉर्च्यूनर से कुचलना नहीं
स्वतंत्र देव सिंह की भाजपा कार्यकर्ताओं को नसीहत

उत्तर प्रदेश भाजपा प्रमुख ने कहा- नेतागीरी का मतलब लोगों को फॉर्च्यूनर से कुचलना नहीं

Oct 11, 2021
04:59 pm

क्या है खबर?

लखीमपुर खीरी में किसानों की हत्याओं की तरफ इशारा करते हुए उत्तर प्रदेश भाजपा प्रमुख स्वतंत्र देव सिंह ने रविवार को अपने कार्यकर्ताओं और नेताओं को बड़ी नसीहत दी। उन्होंने कहा कि राजनेता होने का मतलब ये नहीं है कि आप फॉर्च्यूनर से लोगों को कुचल दें। उन्होंने कहा कि राजनीति का मतलब अपने समाज और अपने देश की सेवा करना है। उन्होंने इस मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की प्रशंसा भी की।

बयान

नेतागीरी का मतलब लोगों को कुचलना नहीं है- स्वतंत्र देव

लखनऊ में भाजपा अल्पसंख्यक मोर्चे के उद्घाटन सत्र में पार्टी कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए स्वतंत्र देव सिंह ने कहा, "एक चाय बेचने वाला, गरीब परिवार में जन्मा और बरसते पानी में मां के आंचल में छिपने वाला, वो प्रदेश का मुख्यमंत्री बनता है, देश का प्रधानमंत्री बनता है... वो कहते हैं कि न खाऊंगा, न खाने दूंगा। नेता का मतलब भ्रष्टाचार नहीं है, नेतागिरी का मतलब लूटने नहीं आए हैं, फॉर्च्यूनर से किसी को कुचलने नहीं आए हैं।"

सीख

स्वतंत्र देव बोले- व्यवहार से मिलता है वोट

कार्यकर्ताओं को सीख देते हुए स्वतंत्र देव ने आगे कहा, "वोट आपके व्यवहार से मिलेगा। मोहल्ले में लोग आपसे प्रसन्न होने चाहिए। जिस गली में आप रहते हैं, अगर दस लोग आपकी प्रशंसा करते हैं तो मेरा सीना चौड़ा हो जाता है। ये नहीं कि जिस मोहल्ले में आप रहते हैं, लोग आपकी शक्ल देखकर छिप जाएं। आपको देखकर जनता मुंह न फेरे, ऐसा आचरण कीजिए।" उन्होंने सोनिया गांधी पर एक दशक तक देश को लूटने का आरोप भी लगाया।

हलचल

लखीमपुर हिंसा के कारण भाजपा में बेचैनी बढ़ी, वरुण गांधी किसानों के समर्थन में

बता दें कि लखीमपुर हिंसा के कारण उत्तर प्रदेश भाजपा में बेचैनी बढ़ गई है और योगी सरकार के कई मंत्रियों ने मामले को संभालने के नेतृत्व के तरीके पर सवाल खड़े किए हैं। वहीं वरुण गांधी तो खुलकर किसानों के समर्थन में आ गए हैं और इस कारण उन्हें भाजपा के एक पुराने समूह से बाहर कर दिया गया है। उनका कहना है कि हिंसा को हिंदू बनाम सिख बनाने की कोशिश की जा रही है जो खतरनाक है।

पृष्ठभूमि

लखीमपुर खीरी में आखिर क्या हुआ था?

लखीमपुर खीरी में 3 अक्टूबर को केंद्रीय मंत्री अजय मिश्रा के दौरे के समय हिंसा हो गई थी, जिसमें चार आंदोलनकारी किसानों समेत कुल आठ लोगों की मौत हुई। मिश्रा कार्यक्रम के लिए लखीमपुर खीरी स्थित अपने पैतृक गांव पहुंचे थे। आरोप है कि लौटते वक्त मिश्रा के बेटे आशीष ने किसानों पर गाड़ी चढ़ा दी जिसमें चार किसान मारे गए। बाद में भीड़ ने दो भाजपा कार्यकर्ताओं और ड्राइवर को पीट-पीट कर मार दिया। एक पत्रकार भी मारा गया।

कार्रवाई

गिरफ्तार किया गया आशीष, विपक्ष मांग रहा मंत्री का इस्तीफा

मामले में आशीष मिश्रा के खिलाफ हत्या का मामला दर्ज किया गया है और शनिवार को कई घंटे चली पूछताछ के बाद उसे गिरफ्तार कर लिया गया। उसे पूछताछ में सहयोग न करने और अपने दावों के समर्थन में सबूत पेश न कर पाने के कारण गिरफ्तार किया गया है। दूसरी तरफ विपक्ष मामले में अजय मिश्रा के इस्तीफे की मांग कर रहा है, वहीं किसानों ने बड़े स्तर पर प्रदर्शन करने और महापंचायत के आयोजन का ऐलान किया है।