AIADMK के प्रमुख बने रहेंगे पलानीस्वामी, सुप्रीम कोर्ट ने खारिज की पन्नीरसेल्वम की याचिका
क्या है खबर?
AIADMK नेता के पलानीस्वामी को सुप्रीम कोर्ट से बड़ी राहत मिली है। कोर्ट ने मद्रास हाई कोर्ट के उस आदेश को सही ठहराया है, जिसमें पलानीस्वामी को AIADMK के अंतरिम महासचिव पद पर बने रहने का फैसला सुनाया गया था। इसका मतलब AIADMK की कमान पलानीस्वामी के हाथों में ही रहेगी।
सुप्रीम कोर्ट ने मद्रास हाई कोर्ट के फैसले को चुनौती देने वाली ओ पन्नीरसेल्वम की याचिका खारिज कर दी है।
आदेश
कोर्ट ने 12 जनवरी को सुरक्षित रखा था फैसला
सुप्रीम कोर्ट में मामले की सुनवाई जस्टिस दिनेश माहेश्वरी और हृषिकेश रॉय की बेंच कर रही थी। 12 जनवरी को बेंच ने फैसला सुरक्षित रख लिया था।
सुप्रीम कोर्ट ने ये भी कहा कि इस आदेश का ओ पन्नीरसेल्वम और पलानीस्वामी के बीच मद्रास हाई कोर्ट में चल रहे मामले पर कोई असर नहीं पड़ेगा।
11 जुलाई को होने वाली पार्टी की जनरल मीटिंग रुकवाने के लिए पन्नीरसेल्वम ने मद्रास हाईकोर्ट का रुख किया था।
जश्न
फैसले के बाद पलानीस्वामी गुट में जश्न का माहौल
सुप्रीम कोर्ट का फैसला आने के बाद पलानीस्वामी गुट के नेता चेन्नई की सड़कों पर जश्न में डूब गए और आतिशबाजी और ढोल-नगाड़ों के साथ जीत का जश्न मनाया गया।
गुट के नेता डी जयकुमार ने कहा, "आज के फैसले से पार्टी के सभी कार्यकर्ता खुश हैं। कल अम्मा (जयललिता) का 75वां जन्मदिन है, हम पर उनकी कृपा बरसी है। ओ पन्नीरसेल्वम, शशिकला और टीटीवी दिनाकरन को छोड़कर सभी नेताओं का AIADMK में स्वागत है।"
रिएक्शन
न्याय की जीत हुई: पलानीस्वामी
पलानीस्वामी ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले को न्याय की जीत बताया।
उन्होंने कहा, "यह एक अद्भुत फैसला है। इससे धोखा देने वालों का पर्दाफाश हो गया है। पनीरसेल्वम का अध्याय समाप्त हुआ। अब हम पनीरसेल्वम के साथ कोई और संबंध नहीं रखेंगे। जयललिता ने कहा था कि AIADMK उनके जाने के बाद 100 साल तक जीवित रहेगी। सुप्रीम कोर्ट के आदेश ने उनकी इस बात को सच कर दिया है।"
विवाद
पन्नीरसेल्वम और पलानीस्वामी में क्या विवाद है?
2016 में जयललिता के निधन के बाद उनकी पार्टी AIADMK में पन्नीरसेल्वम और पलानीस्वामी के बीच नेतृत्व को लेकर जंग छिड़ गई थी। इसका नतीजा ये हुआ कि पार्टी दो धड़ों में बंट गई। दोनों के बीच कई बार बातचीत के बावजूद विवाद नहीं सुलझा।
11 जुलाई, 2022 को AIADMK की जनरल मीटिंग में पलानीस्वामी को अंतरिम महासचिव नियुक्त किया गया और पन्नीरसेल्वम को पार्टी से निष्कासित कर दिया गया। पन्नीरसेल्वम ने इसी के खिलाफ याचिका दायर की थी।