संजय निरुपम का कांग्रेस पर पलटवार, बोले- इस्तीफा मिलने के बाद पार्टी ने निष्कासित किया
बुधवार को 6 साल के लिए कांग्रेस से निष्कासित किए गए संजय निरुपम ने पार्टी पर बड़ा आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने उनका इस्तीफा मिलने के बाद उन्हें निकाला है। ट्वीट करते हुए उन्होंने लिखा, 'ऐसा लगता है कि कल रात मेरा इस्तीफा मिलने के तुरंत बाद पार्टी ने मेरे निष्कासन का आदेश जारी किया। इतनी तेजी देखकर अच्छा लगा।' ट्वीट के साथ उन्होंने अपने इस्तीफे की तस्वीर भी साझा की है।
निरुपम ने इस्तीफे में क्या लिखा?
कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे को भेजे गए अपने इस्तीफे में निरुपम ने लिखा है, "मैंने आखिरकार आपकी बहुप्रतीक्षित इच्छा पूरी करने का निर्णय लिया है और घोषणा करता हूं कि मैं अखिल भारतीय कांग्रेस समिति की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा देता हूं। इस संवाद को मेरा इस्तीफा माना जा सकता है।" इससे पहले बुधवार को महाराष्ट्र कांग्रेस ने निरुपम को पार्टी से निकालने का प्रस्ताव पारित किया था, जिसके बाद राष्ट्रीय नेतृत्व ने उन्हें निष्कासित कर दिया।
निरुपम के कांग्रेस से निकलने का क्या कारण?
निरुपम कांग्रेस की टिकट पर उत्तर-पश्चिम मुंबई सीट से लोकसभा चुनाव लड़ना चाहते थे, लेकिन यहां से कांग्रेस की सहयोगी शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) ने अमोल कीर्तिकर को उतार दिया। इससे निरुपम बागी हो गए और दोनों पार्टियों पर हमले किए। उन्होंने अमोल पर खिचड़ी घोटाले में शामिल होने का आरोप लगाया। उन्होंने यह भी कहा कि कांग्रेस आलाकमान ने उद्धव के सामने घुटने टेक दिए हैं। उन्होंने आलाकमान को एक हफ्ते के भीतर निर्णय लेने का अल्टीमेटम दिया था।
निरुपम आगे क्या कर सकते हैं?
निरुपम आज 11:30-12:00 बजे प्रेस कॉन्फ्रेंस करके अपनी आगे की योजना बताएंगे। अटकलें हैं कि वे मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे की शिवसेना में शामिल हो सकते हैं। इसका कारण है कि भाजपा, शिवसेना और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) के महायुति गठबंधन में उत्तर-पश्चिम मुंबई सीट शिवसेना के पास है। माना जा रहा है कि निरुपम को यहां से टिकट मिल सकता है। एक-दो दिन में इसकी आधिकारिक पुष्टि भी हो सकती है।
महाराष्ट्र में है कड़ा मुकाबला
महाराष्ट्र उन राज्यों में से है, जहां इस लोकसभा चुनाव में सबसे कड़ा मुकाबला देखने को मिल सकता है। यहां विपक्ष और भाजपा दोनों के गठबंधन मजबूत हैं और ऊंट किस करवट बैठेगा, ये कहना बहुत मुश्किल है। यहां विपक्षी गठबंधन में कांग्रेस, शिवसेना (उद्धव ठाकरे गुट) और NCP (शरद पवार गुट) शामिल हैं, वहीं सत्तारूढ़ गठबंधन में भाजपा, शिवसेना (एकनाथ शिंदे गुट) और NCP (अजित पवार गुट) शामिल हैं। अजित और शिंदे ने मूल पार्टियों को तोड़ा था।