महाराष्ट्र: निर्भया फंड के इस्तेमाल से एकनाथ शिंदे गुट के नेताओं को प्रदान की गई सुरक्षा
क्या है खबर?
निर्भया फंड के जरिए मुंबई पुलिस के लिए खरीदी गई कारों का इस्तेमाल विधायकों और सांसदों को सुरक्षा देने के लिए किया जा रहा है। एक मीडिया रिपोर्ट में इस बात का खुलासा किया गया है।
रिपोर्ट के अनुसार, इन कारों का इस्तेमाल मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के गुट के शिवसेना विधायकों और सांसदों की सुरक्षा में किया जा रहा है।
शिंदे गुट ने रिपोर्ट में किए गए दावों को खारिज किया है।
मामला
क्या है पूरा मामला?
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार, मुंबई पुलिस द्वारा निर्भया फंड से जून में खरीदी गई कारों का इस्तेमाल उद्धव ठाकरे के खिलाफ तख्तापलट में शामिल रहे शिंदे गुट के विधायकों और सांसदों को दी गई Y+ श्रेणी की सुरक्षा में किया गया था।
बता दें कि केंद्र सरकार 2013 से राज्यों को महिला सुरक्षा के जुड़ी योजनाओं के क्रियान्वयन के लिए निर्भया फंड दे रही है। निर्भया गैंगरेप केस के बाद ये फंड शुरू किया गया था।
रिपोर्ट
निर्भया फंड के 30 करोड़ रुपये से हुई थी वाहनों की खरीद
रिपोर्ट के अनुसार, निर्भया फंड के 30 करोड़ रुपये से मुंबई पुलिस ने 220 बोलेरो, 35 अर्टिगा, 313 मोटरसाइकिल और 200 स्कूटी खरीदी थीं।
PTI ने एक पुलिस अधिकारी के हवाले से कहा कि जून में कारों की खरीद के बाद जुलाई में सभी पुलिस थानों, साइबर, ट्रैफिक और तटीय पुलिस इकाइयों को ये वितरित कर दी गई थीं।
लेकिन जल्द ही 47 बोलेरो गाड़ियों को शिंदे गुटे के विधायकों को सुरक्षा देने के लिए थानों से मंगा लिया गया।
मौजूदा स्थिति
पुलिस विभाग को अभी भी वापस नहीं मिलीं 30 गाड़ियां
पुलिस अधिकारी के मुताबिक, राज्य पुलिस के VIP सुरक्षा अनुभाग के एक आदेश में कहा गया था कि सांसदों और विधायकों की सुरक्षा के लिए इन वाहनों की आवश्यकता है।
उन्होंने कहा कि बाद के महीनों में 17 गाड़ियों को पुलिस थानों को लौटा दिया गया, लेकिन 30 गाड़ियां अभी भी वापस नहीं आई हैं।
उन्होंने कहा कि इसके कारण संबंधित थानों में पुलिस की गश्त प्रभावित हुई है।
बयान
कांग्रेस ने की निर्भया फंड ऑडिट कराने की मांग
मामले का खुलासा होने के बाद विपक्ष ने शिंदे सरकार को घेरना शुरू कर दिया है। महाराष्ट्र कांग्रेस के प्रवक्ता सचिन सावंत ने सवाल किया कि क्या सत्तारूढ़ विधायकों की सुरक्षा महिलाओं को दुर्व्यवहार से बचाने से ज्यादा महत्वपूर्ण है।
उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र सरकार द्वारा महिलाओं की सुरक्षा के लिए दिए गए फंड का उपयोग विधायकों की सुरक्षा में करना दुर्भाग्यपूर्ण है।
उन्होंने निर्भया फंड का ऑडिट करने की मांग की है।
बचाव
मंत्री ने किया आरोपों को खारिज
एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली सरकार पर निर्भया फंड के दुरुपयोग को लेकर उठ रहे सवालों के बीच मंत्री मंगल प्रभात लोढ़ा ने सरकार का बचाव किया है।
उन्होंने कहा, "अगर वे एक ऑडिट चाहते हैं तो हम भी एक ऑडिट करना चाहते हैं। हम जानना चाहते हैं कि महा विकास अघाड़ी सरकार ने अपने ढाई साल में निर्भया फंड का क्या इस्तेमाल किया। आरोप लगा देना आसान होता है। इनमें सत्यता नहीं है।"