#NewsBytesExplainer: कांग्रेस की सूची में जातिगत समीकरण और वरिष्ठ नेताओं की दावेदारी समेत क्या है खास?
लोकसभा चुनावों के लिए कांग्रेस ने अपनी पहली सूची जारी कर दी है। 39 नामों वाली इस सूची में पार्टी ने जातिगत, क्षेत्रीय समीकरण और दक्षिण भारत पर खासा जोर दिया है। राहुल गांधी एक बार फिर वायनाड से मैदान में होंगे और शशि थरूर को केरल के तिरुवनंतपुरम से लगातार चौथी बार टिकट मिला है। आइए समझते हैं कि पार्टी की सूची से क्या संकेत निकलकर सामने आ रहे हैं।
नए चेहरों को मौका
कर्नाटक में पार्टी ने जिन 7 सीटों पर नामों का ऐलान किया है, उनमें से 6 नए उम्मीदवार हैं। इसी तरह छत्तीसगढ़ में 6 सीटों पर टिकट का ऐलान हुआ है, इनमें से 5 पर नए चेहरे हैं। हालांकि, केरल में 16 में से 13 सीटों पर वर्तमान सांसदों को ही मौका मिला है। सूची में सबसे ज्यादा नाम केरल के ही हैं। कुल 39 उम्मीदवारों की बात करें तो 20 नए और 19 पुराने हैं।
दिग्गजों को मैदान में उतारने की तैयारी
कांग्रेस ने छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को राजनांदगांव और पूर्व गृह मंत्री ताम्रध्वज साहू को महासमुंद से मैदान में उतारा है। इससे पार्टी ने संकेत दिया है कि वो हिंदी राज्यों में कई और वरिष्ठ नेताओं को मौका दे सकती है। राजस्थान से पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट को भी उम्मीदवार बनाए जाने की खबरें हैं। पिछले चुनावों में हिंदी राज्यों में कांग्रेस को खासा नुकसान हुआ था।
62 प्रतिशत उम्मीदवार SC, ST, OBC या अल्पसंख्यक
कांग्रेस ने 39 में से 15 उम्मीदवार ही सामान्य श्रेणी के उतारे हैं। बाकी 24 उम्मीदवार अनुसूचित जाति (SC), अनुसूचित जनजाति (ST), अन्य पिछड़ा वर्ग (OBC) या अल्पसंख्यक समुदाय से हैं। इसे जातिगत जनगणना के मुद्दे पर पार्टी की रणनीति के तौर पर देखा जा सकता है। पार्टी के अनुसार, 12 उम्मीदवार 50 वर्ष से कम उम्र के, जबकि 7 71-76 आयु वर्ग के हैं। कांग्रेस की सूची में 10 प्रतिशत उम्मीदवार महिलाएं हैं।
दक्षिण भारत पर पार्टी का फोकस
पिछले चुनावों में कांग्रेस को अधिकतर सीटें दक्षिण भारतीय राज्यों से ही मिली थी। पार्टी की पहली सूची में 28 उम्मीदवार दक्षिण भारतीय राज्यों से हैं। केरल में 16, कर्नाटक में 7, तेलंगाना में 4 और लक्षद्वीप में एक सीट पर उम्मीदवार घोषित किए गए हैं। राहुल खुद केरल की वायनाड सीट से लड़ने जा रहे हैं। इसके अलावा केसी वेणुगोपाल को टिकट देकर संकेत दिया गया है कि उच्च सदन के वरिष्ठ नेताओं को भी तैयार रहना होगा।
कर्नाटक के उम्मीदवारों में क्या है खास?
पिछले चुनावों में कर्नाटक की 29 में से भाजपा ने 25 सीटों पर जीत दर्ज की थी। हालांकि, अब यहां कांग्रेस की सरकार है, जिसके चलते पार्टी को बड़ी उम्मीदें हैं। उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार के भाई डीके सुरेश को बेंगलुरु ग्रामीण से टिकट मिला है। पूर्व मुख्यमंत्री एस बंगारप्पा की बेटी गीता शिवराजकुमार को शिमोगा से मैदान में उतारा गया है। यहां से येदियुरप्पा के बेटे बीवाई राघवेंद्र सांसद हैं।
भाजपा और कांग्रेस की पहली सूची में क्या है फर्क?
भाजपा ने 195 उम्मीदवारों की सूची में 117 पुराने उम्मीदवारों को टिकट दिए हैं। इसके अलावा 53 प्रतिशत टिकट SC, ST, OBC या अल्पसंख्यक समुदाय के लोगों को दिए हैं। कांग्रेस ने जहां दक्षिण भारत पर फोकस किया है तो भाजपा ने उत्तर भारत को तरजीह दी है। कांग्रेस ने भाजपा के मुकाबले 10 प्रतिशत ज्यादा OBC उम्मीदवार उतारे हैं। हालांकि, महिलाओं को टिकट देने के मामले में भाजपा आगे है।