गौरव वल्लभ ने कांग्रेस से इस्तीफा दिया, बोले- गलत दिशा में आगे बढ़ रही पार्टी
क्या है खबर?
लोकसभा चुनाव से पहले कांग्रेस को एक और झटका लगा है। कांग्रेस नेता और प्रवक्ता गौरव वल्लभ ने पार्टी के सभी पदों से इस्तीफा दे दिया है।
उन्होंने सोशल मीडिया पर 2 पन्नों के पत्र में इस्तीफा देने का कारण भी बताया है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी दिशाहीन होकर आगे बढ़ रही है और नए भारत की आकांक्षाओं को समझ नहीं पा रही है, जिसके चलते वे इस्तीफा दे रहे हैं।
राम मंदिर
राम मंदिर पर पार्टी के स्टैंड से क्षुब्ध हूं- गौरव
गौरव ने राम मंदिर को लेकर कांग्रेस के रवैये पर लिखा, "अयोध्या में प्रभु श्रीराम की प्राण प्रतिष्ठा में कांग्रेस पार्टी के स्टैंड से मैं क्षुब्ध हूं। मैं जन्म से हिंदू और कर्म से शिक्षक हूं। पार्टी के इस स्टैंड ने मुझे हमेशा असहज किया, परेशान किया। पार्टी और गठबंधन से जुड़े कई लोग सनातन के विरोध में बोलते हैं और पार्टी का उस पर चुप रहना, उसे मौन स्वीकृति देने जैसा है।"
सनातन
गौरव बोले- सनातन विरोधी नारे नहीं लगा सकता
गौरव ने कहा, "पार्टी आज जिस प्रकार से दिशाहीन होकर आगे बढ़ रही है, उसमें मैं खुद को सहज महसूस नहीं कर पा रहा। मैं ना तो सनातन विरोधी नारे लगा सकता हूं और ना ही सुबह-शाम देश के वेल्थ क्रिएटर को गाली दे सकता हूं, इसलिए मैं कांग्रेस पार्टी के सभी पदों और प्राथमिक सदस्यता से भी इस्तीफा दे रहा हूं। व्यक्तिगत रूप से आपसे मिले स्नेह के लिए हमेशा आभारी रहूंगा।"
इस्तीफा
गौरव ने और क्या-क्या कहा?
गौरव ने कहा, "इन दिनों कांग्रेस गलत दिशा में आगे बढ़ रही है। एक ओर हम जाति आधारित जनगणना की बात करते हैं और दूसरी ओर हिंदू समाज के विरोधी नजर आ रहे हैं। ये कार्यशैली जनता के बीच पार्टी को एक धर्म विशेष के ही हिमायती होने का भ्रामक संदेश दे रही है। ये कांग्रेस के मूलभूत सिद्धांतों के खिलाफ है। पिछले कुछ दिनों से पार्टी के स्टैंड से असहज महसूस कर रहा हूं।"
प्लस
कौन हैं गौरव वल्लभ?
गौरव ने MCom की पढ़ाई की है और वे चार्टर्ड अकाउंटेंट (CA) भी हैं। वे जेवियर लेबर रिलेशंस इंस्टीट्यूट, जमशेदपुर में प्रोफेसर भी रहे हैं। उनके पास क्रेडिट रिस्क असेसमेंट में डॉक्टरेट की उपाधि है।
हाल ही में गौरव ने राजस्थान के उदयपुर से विधानसभा चुनाव लड़ा था, लेकिन 32,000 वोटों से हार गए थे। इससे पहले वे जमशेदपुर से भी विधानसभा चुनाव लड़े थे, लेकिन यहां से भी उन्हें हार का सामना करना पड़ा था।