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कृषि कानून: राष्ट्रपति ने नहीं दिया मिलने का समय, नाराज अमरिंदर सिंह देंगे राजघाट पर धरना

कृषि कानून: राष्ट्रपति ने नहीं दिया मिलने का समय, नाराज अमरिंदर सिंह देंगे राजघाट पर धरना

Nov 03, 2020
03:41 pm

क्या है खबर?

पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने कहा है कि वो बुधवार को अपने विधायकों के साथ राजघाट पर धरने पर बैठेंगे। कृषि कानूनों को लेकर राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद द्वारा मिलने का समय न दिए जाने के बाद सिंह ने यह ऐलान किया है। सिंह अपने नेतृत्व में प्रतिनिधिमंडल के साथ राष्ट्रपति कोविंद से मुलाकात करना चाहते थे। गौरतलब है कि कांग्रेस शासित पंजाब और राजस्थान ने नए कृषि कानूनों के खिलाफ विधेयक पेश किए हैं

पृष्ठभूमि

क्या है कृषि कानूनों से जुड़ा मुद्दा?

दरअसल, मोदी सरकार कृषि क्षेत्र में सुधार के लिए तीन कानून लेकर लाई है जिनमें सरकारी मंडियों के बाहर खरीद के लिए व्यापारिक इलाके बनाने, अनुबंध खेती को मंजूरी देने और कई अनाजों और दालों की भंडार सीमा खत्म करने समेत कई प्रावधान किए गए हैं। पंजाब और हरियाणा समेत कई राज्यों के किसान इन कानूनों का जमकर विरोध कर रहे हैं। उनका कहना है कि इनके जरिए सरकार मंडियों और न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) से छुटकारा पाना चाहती है।

मांग

विधेयकों को हरी झंडी देने की मांग कर रहे हैं अमरिंदर सिंह

पंजाब सरकार ने नए कृषि कानूनों को बेअसर करने के लिए चार नए विधेयक पेश किए हैं। इन्हें हरी झंडी देने की मांग को लेकर सिंह अपने प्रतिनिधिमंडल के साथ राष्ट्रपति से मिलना चाहते थे, लेकिन राष्ट्रपति ने समय देने से इनकार कर दिया। सिंह ने इसे 'असंवैधानिक' बताते हुए कहा कि वो बुधवार को राजघाट पर धरना देंगे। राजघाट पर जाने से पहले पंजाब के सभी मंत्री और विधायक दिल्ली स्थित पंजाब भवन पर इकट्ठा होंगे।

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बयान

पंजाब की समस्याओं पर ध्यान दिलाने के लिए धरना- सिंह

रिपोर्ट्स के अनुसार, सिंह ने कहा कि यह धरना उन समस्याओं के प्रति लोगों का ध्यान आकर्षक करने के लिए किया जाएगा, जिनका सामना पंजाब की जनता कर रही है। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार द्वारा राज्य में मालगाड़ियां चलाने का आदेश न दिए जाने से स्थिति चिंताजनक बनी हुई है। कोयले की आपूर्ति बाधित होने से थर्मल प्लांट बंद होने की कगार पर पहुंच गए हैं, जिससे राज्य में बिजली का संकट उत्पन्न होने की स्थिति बन गई है।

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मौजूदा स्थिति

7 नवंबर तक पंजाब में बंद रहेंगी मालगाड़ियां

गौरतलब है कि राज्य के किसानों ने कृषि कानूनों के विरोध में कई जगहों पर रेलवे ट्रैकों को जाम कर दिया था। इसे देखते हुए रेलवे ने पंजाब में मालगाड़ियों का संचालन बंद कर दिया था। यह रोक 7 नवंबर तक लागू रहेगी। सिंह ने कहा कि मालगाड़ियां बंद होने से खेती के लिए जरूरी सामानों को किल्लत हो गई है। उन्होंने अन्य पार्टियों से भी किसानों के समर्थन में आकर धरने में शामिल होने की अपील की है।

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