अगला कांग्रेस अध्यक्ष बनने पर प्रियंका गांधी का संदेश, कहा- मुझे इस सब में मत खींचो
क्या है खबर?
अगले कांग्रेस अध्यक्ष के लिए अपने नाम के आसपास बनती राय के बीच प्रियंका गांधी ने गुरुवार को संदेश दिया कि वह पार्टी अध्यक्ष नहीं बनेंगी।
पार्टी महासचिवों और राज्य प्रभारियों की बैठक में जब उन्हें अगला अध्यक्ष बनाने का सुझाव सामने आया तो प्रियंका ने कहा कि उन्हें इस सब में न खींचें।
इससे पहले पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी भी उनकी बहन प्रियंका को इस सबसे दूर रखने की बात कह चुके हैं।
बैठक
बैठक मे झारखंड के प्रभारी ने सुझाया प्रियंका का नाम
दरअसल, आज सुबह 20 अगस्त को पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गाधी की जयंती की तैयारियों के सिलसिले में कांग्रेस महासचिवों और राज्य प्रभारियों की बैठक हुई।
इस बैठक में पार्टी के झारखंड प्रभारी आरपीएन सिंह ने सुझाव दिया कि प्रियंका को आगे आना चाहिए और नेतृत्व संभालना चाहिए।
उनके इस सुझाव पर प्रियंका ने उनके भाई के उत्तराधिकारी के तौर पर उनका नाम लेने से परहेज करने की कहते हुए कहा कि उन्हें इस सब में न खींचें।
पृष्ठभूमि
थरूर और अमरिंदर सिंह ने किया था प्रियंका ने नाम का समर्थन
इससे पहले कांग्रेस के कई बड़े नेता अगले अध्यक्ष के लिए प्रियंका के नाम का समर्थन कर चुके हैं।
इनमें पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह और सांसद शशि थरूर जैसे बड़े नाम भी शामिल हैं।
इन दोनों ने ही कहा था कि प्रियंका में पार्टी का नेतृत्व करने के सारे गुण हैं और उन्हें आगे आना चाहिए।
हालांकि, थरूर ने अध्यक्ष पद के लिए चुनाव का समर्थन करते हुए कहा था कि उन्हें चुनकर आना चाहिए, चयन होकर नहीं।
कांग्रेस अध्यक्ष
राहुल चाहते हैं गांधी परिवार से बाहर को हो अगला अध्यक्ष
बता दें कि लोकसभा चुनाव में हार के बाद जब राहुल गांधी ने अध्यक्ष पद से इस्तीफे की पेशकश की थी, तब भी कांग्रेस कार्यकारिणी समिति (CWC) की बैठक में किसी ने अगले अध्यक्ष के लिए प्रियंका का नाम आगे बढ़ाया था।
इस पर राहुल ने उनकी बहन को इससे दूर रखने की बात कहते हुए कहा था कि अगला अध्यक्ष गांधी परिवार से बाहर का होना चाहिए।
राहुल ने भी अध्यक्ष पद के लिए चुनाव की मांग की है।
कांग्रेस
अध्यक्ष पद को लेकर कांग्रेस में हैं ये दो विचार
दरअसल, कांग्रेस के एक बड़े धड़े का मानना है कि गांधी परिवार का कोई सदस्य ही कांग्रेस को बांधे रखने में समर्थ है और परिवार के बाहर के किसी व्यक्ति के अध्यक्ष बनने पर पार्टी टूट जाएगी।
वहीं, दूसरे धड़े का विचार है कि कांग्रेस को जनता में बनी वंशवादी पार्टी की छवि को तोड़ने की जरूरत है।
इसके लिए चुनाव के जरिए गांधी परिवार से बाहर के अध्यक्ष की जरूरत है, ताकि लोगों का पार्टी पर भरोसा बढ़े।