कर्नाटक चुनाव: मतदाताओं को लुभाने के लिए कोचिंग फीस से लेकर LIC प्रीमियम दे रहे नेता
क्या है खबर?
कर्नाटक में होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए तारीखों का ऐलान नहीं किया गया है, लेकिन इससे पहले ही कई राजनीतिक पार्टियों के मौजूदा विधायक और नेता मतदाताओं को लुभाने के लिए विभिन्न तरीकों को अपना रहे हैं।
गौरतलब है कि चुनाव की घोषणा होते ही आचार संहिता लागू हो जाएगी, जिसके कारण नेता पहले से मतदाताओं को पहले ही सामान बांट रहे हैं।
कर्नाटक में अप्रैल या मई में चुनाव हो सकते हैं।
जानकारी
करोड़ों रुपये खर्च कर रहे हैं नेता
द टाइम्स को इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक, नेता कर्नाटक चुनाव के दौरान प्रत्येक सीट पर प्रचार करने और मतदाताओं को लुभाने के लिए विभिन्न वस्तुएं बांटने के लिए 5 करोड़ रुपये से लेकर 30 करोड़ रुपये तक का खर्चा कर रहे हैं।
कदम
युवा मतदाताओं को मुफ्त में कोचिंग दिलवा रहे एक नेता
हुबली धारवाड़ पश्चिम सीट से कांग्रेस का टिकट चाह रहे नागराज गौरी ने अपने क्षेत्र में युवाओं के लिए मुफ्त में संघ लोग सेवा आयोग (UPSC) की सिविल सेवा परीक्षा और कर्नाटक सिविल सेवा परीक्षा के लिए मुफ्त में कोचिंग की व्यवस्था करवाई है।
उन्होंने कहा कि 2 बैच पूरे हो गए हैं और तीसरा बैच शुरू होने वाला है।
उन्होंने कहा कि आर्थिक रूप से कमजोर महिलाओं को सिलाई की ट्रेनिंग भी दी जा रही है।
यात्रा
धार्मिक यात्राएं भी की जा रही हैं आयोजित
हुबली धारवाड़ पश्चिम सीट से ही टिकट के उम्मीदवार दीपक चिंचोड़े क्षेत्र के मतदाताओं को लुभाने के लिए विभिन्न धार्मिक यात्राओं का आयोजन कर रहे हैं।
उन्होंने कहा कि दानकर्ताओं की मदद से अब तक 20,000 से अधिक लोगों को यह सुविधा मिल चुकी है। वह अपने अनीश फाउंडेशन के जरिए महिलाओं को रोजगार के लिए ट्रेनिंग भी उपलब्ध करवा रहे हैं।
वहीं एक अन्य नेता ने सरकारी स्कूलों के बच्चों को करीब 60,000 कॉपी-किताबें वितरित की हैं।
सामान
मतदाताओं को दी जा रहीं कौन-कौन सी वस्तुएं?
नेता मतदाताओं को प्रेशर कुकर, राइस कुकर, इंडक्शन हीटर, डिनर सेट, डिजिटल घड़ियां और LED टीवी बांट रहे हैं।
इसके अलावा महिला मतदाताओं को लुभाने के लिए साड़ी और सोने की अंगूठी तक बांटी जा रही है। एक मतदाता ने कहा कि यह सब वस्तुएं उपहार के तौर पर हर घर को दी जा रही हैं।
बतौर रिपोर्ट्स, कुछ नेता मतदाताओं के लिए उनकी भारतीय जीवन बीमा निगम (LIC) की पॉलिसी के प्रीमियम तक भर रहे हैं।
बयान
चुनावी विश्लेषकों की क्या है राय?
चुनावी विश्लेषक विशवास शेट्टी ने कहा कि राजनीतिक पार्टियां उन्हीं नेताओं को अपना उम्मीदवार बना रहीं हैं, जिनके पास मतदाताओं को लुभाने के लिए मुफ्त में सामान देने के लिए पैसे हैं।
उन्होंने आगे कहा कि इसके चलते कई प्रॉपर्टी डीलर, खनन माफिया और कांट्रेक्टर पैसे के बल पर चुनावी मैदान में उतरने की कोशिश कर रहे हैं। इन लोगों के पास राजनीति या चुनाव का कोई भी अनुभव नहीं है।
बयान
मामले को लेकर क्या है नेताओं का कहना?
एक पूर्व मंत्री ने बताया कि पहले कई मतदाता नकद राशि लेने से मना कर देते थे, लेकिन 2008 विधानसभा चुनाव के बाद स्थिति में काफी बदलाव आया है। उन्होंने कहा कि अब लोग नकदी या मुफ्त सामान नहीं मिलने पर वोट नहीं करते हैं।
वहीं कांग्रेस के एक वरिष्ठ नेता ने कहा कि यह बात ठीक है कि पैसे एक बड़ी भूमिका निभाते हैं, लेकिन मतदाता अभी भी सबसे अच्छे उम्मीदवार को वोट देना पसंद कर रहे हैं।
जायजा
चुनाव आयोग ने तैयारियों का लिया जायजा
चुनाव आयोग की एक तीन सदस्यीय टीम विधानसभा चुनाव तैयारियों की समीक्षा के लिए कर्नाटक के तीन दिवसीय दौरे पर है।
मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने शनिवार को बेंगलुरू में कहा कि कर्नाटक विधानसभा का कार्यकाल 24 मई, 2023 तक है और नई विधानसभा के गठन के लिए इससे पहले चुनाव संपन्न किए जाएंगे।
उन्होंने कहा कि 80 वर्ष से ऊपर के सभी वरिष्ठ नागरिकों और दिव्यांग लोगों को विधानसभा चुनाव में घर से वोट डालने का विकल्प मिलेगा।